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रेल्वे ट्रैक बना जंगली जानवरों का काल:9 साल में अनेक वन्यप्राणियों की मौत

रेल्वे ट्रैक बना जंगली जानवरों का काल:9 साल में अनेक वन्यप्राणियों की मौत

 

टेकचंद्र सनोडिया शास्त्री: सह-संपादक रिपोर्ट

 

भोपाल । मध्य प्रदेश के बुदनी मिडघाट रेलवे ट्रैक वन्य जीवों के लिए काल बन गया है. जंगली क्षेत्र से गुजरे इस रेलवे ट्रैक के दोनों ओर फेसिंग नहीं होने की वजह से आए दिन वन्य जीव कटकर काल के गाल में समा रहे हैं. 2015 से लेकर अब तक नौ सालों में सात बाघ, चार तेंदुआ और एक भालु की कटकर मौत हो गई है, जबकि अब तीन बाघ शावकों की मौत का कारण भी यह रेलवे टै्रक बन गया है.

बता दें बुदनी मिडघाट पर रेलवे ट्रैक के दोनों ओर फेंसिंग नहीं होने की वजह से 2015 से लेकर अब तक इन नौ सालों में सात बाघ, चार तेंदुआ, एक भालू सहित दर्जन भर वन्य प्राणियों की मौत हो चुकी है, जबकि कई जानवर घायल भी हुए हैं. मिडघाट पर थर्ड रेल लाइन का काम शुरू होने के समय वन्य प्राणियों की सुरक्षा का मुद्दा उठा था.

उस समय रेलवे प्रबंधन और वन विभाग ने दावा किया था ट्रैक के दोनों तरफ फेसिंग की जाएगी, जिससे वन्य प्राणी ट्रैक पर नहीं आ सकेंगे. 2015 में तार फेंसिंग का काम शुरू भी हुआ था, लेकिन यह काम अब तक अधूरा है. मिडघाट रेलवे ट्रैक हाल ही में तीन बाघ शावकों की मौत का कारण भी बना. 14-15 जुलाई को मिडघाट रेलवे ट्रैक पर तीन बाघ शावक ट्रेन की चपेट में आ गए थे, जिससे एक बाघ शावक की मौत घटना स्थल पर ही हो गई थी, जबकि दो बाघ शावक गंभीर रूप से घायल हुए थे.

तीन बाघ शावकों ने तोड़ा दम

सीहोर जिला प्रशासन की मदद से इन घायल बाघ शावकों को एक डिब्बे की ट्रेन से बुदनी वन विहार पहुंचाया गया था. 15 दिन चले इलाज के बाद मंगलवार को एक बाघ शावक की मौत हो गई है, जबकि दूसरे बाघ शावक ने भी बुधवार को दम तोड़ दिया है. बाघ शावकों की मौत के बाद अब एक बार फिर से रेलवे ट्रैक के दोनों ओर फैसिंग की मांग उठने लगी है.

वन्यजीव प्रेमी चाहते हैं कि बुदनी मिडघाट से निकले रेलवे ट्रैक के दोनों और जंगली क्षेत्र है. इस जंगली क्षेत्र में बड़ी संख्या में बाघ, तेंदुए, भालु सहित अन्य वन्य जीव है. आए दिन यह वन्य जीव ट्रेन की चपेट में आकर काल के गाल में समा रहे हैं. इन वन्यजीवों की जान बच सके इसके लिए रेलवे ट्रैक के दोनों ओर तार फेसिंग होनी चाहिए.

जल्द होगी फेंसिंग

मामला सुर्खियों में आने के बाद अब रेल प्रबंधन भी अलर्ट हुआ है. भोपाल डीआरएम देवाशीष त्रिपाठी के अनुसार वैसे तो रेलवे में फेंसिंग लगाने का प्रावधान नहीं है, लेकिन विशेष परिस्थिति में मिडघाट पर फॉरेस्ट के साथ मिलकर यह काम जल्द पूरा करवाया जाएगा. इस संबंध में वन संरक्षक भोपाल से भी बात हो चुकी है. जल्द ही रेलवे ट्रैक के दोनों ओर तार फेसिंग करवाई जाएगी.

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