खंडेलवाल समाज ने लगाया छप्पन भोग : धूमधाम से मनाया अन्नकूट महोत्सव
टेकचंद्र सनोडिया शास्त्री: सह-संपादक रिपोर्ट
मालवा।अन्नकूट समारोह में खंडेलवाल समाज की की ओर से वरिष्ठ समाजजनों को किया सम्मानित भी किया गया।
आगर मालवा में दीपावली -कार्तिक पूर्णमा के अवसर पर शनिवार देर शाम स्थानीय खंडेलवाल समाज ने राणी सती मंदिर आगर में अन्नकूट महोत्सव का आयोजन किया।
अन्नकूट महोत्सव में भगवान श्रीनाथ जी को छप्पन भोग लगाया गया। इसके साथ ही खंडेलवाल समाजजनों ने भगवान की महाआरती की। इस दौरान परम्परा अनुसार दो वर्ष का कार्यकाल पूर्ण होने पर सर्व सहमति से समाज के नए अध्यक्ष रौनक खण्डेलवाल और समीक्षा खण्डेलवाल, उपाध्यक्ष अमन मेठी और प्रिया मेठी का चयन किया गया।
आयोजन के दौरान वरिष्ठ समाजजनों का जोरदार सम्मानित किया गया।
आयोजन के दौरान अति विशिष्ट वरिष्ठ समाजजनों को सम्मानित किया गया समाज के वरिष्ठ ब्रजमोहन मेठी, अरुण खण्डेलवाल, अशोक मेठी, हरिकिशन मेठी, उमा खण्डेलवाल, अलका मेठी, अध्यक्ष गौरव मेठी और स्वाति मेठी, उपाध्यक्ष रितेश ( शानू ), प्रीति खण्डेलवाल का स्वागत सम्मान भी किया गया। प्रतिवर्ष होने वाले वरिष्ठजन सम्मान में आशा देवी मेठी का स्वागत सम्मान किया गया।
साथ ही समाज के प्रतिभावान अवनि खंडेलवाल, श्रेया खंडेलवाल का भी सम्मान अतिथियों ने किया। कार्यक्रम में ब्रजमोहन खंडेलवाल ने समाज में एकता का संदेश दिया। समाज के अध्यक्ष गौरव मेठी ने भी अपने विचार व्यक्त किए।
अन्नकूट महोत्सव में विजय मयंक, दिनेश खण्डेलवाल, नवीन सेठी, राजेश मेठी, आशीष खण्डेलवाल, कपिल खंडेलवाल, विवेक खंडेलवाल, राजीव सेठी, कमल मेठी, प्रदीप मेठी, भूपेंद्र खण्डेलवाल, अंकुश मेठी सहित बड़ी संख्या में खंडेलवाल समाजजन उपस्थित रहे।इस अवसर पर उपस्थित सज्जनजन समुदाय ने छप्पन भोग का रसास्वादन का भरपूर आनंद उठाया और आयोजकों को धन्यवाद दिया। दरअसल में हमारे सनातन हिन्दू धर्म में भगवान को छप्पन भोग का प्रसाद चढ़ाने की बड़ी महिमा बतलाई गई है। भगवान को लगाए जाने वाले भोग के लिए 56 प्रकार के व्यंजन परोसे गए हैं, जिसे छप्पन भोग कहा जाता है। आमजनों एवं पाठकों के लिए प्रस्तुत हैं छप्पन भोग के 56 नाम।
छप्पन भोग के नाम इस प्रकार है :-
1. भक्त (भात),
2. सूप (दाल),
3. प्रलेह (चटनी),
4. सदिका (कढ़ी),
5. दधिशाकजा (दही शाक की कढ़ी),
6. सिखरिणी (सिखरन),
7. अवलेह (शरबत),
8. बालका (बाटी),
9. इक्षु खेरिणी (मुरब्बा),
10. त्रिकोण (शर्करा युक्त),
11. बटक (बड़ा),
12. मधु शीर्षक (मठरी),
13. फेणिका (फेनी),
14. परिष्टश्च (पूरी),
15. शतपत्र (खजला),
16. सधिद्रक (घेवर),
17. चक्राम (मालपुआ),
18. चिल्डिका (चोला),
19. सुधाकुंडलिका (जलेबी),
20. धृतपूर (मेसू),
21. वायुपूर (रसगुल्ला),
22. चन्द्रकला (पगी हुई),
23. दधि (महारायता),
24. स्थूली (थूली),
25. कर्पूरनाड़ी (लौंगपूरी),
26. खंड मंडल (खुरमा),
27. गोधूम (दलिया),
28. परिखा,
29. सुफलाढय़ा (सौंफ युक्त),
30. दधिरूप (बिलसारू),
31. मोदक (लड्डू),
32. शाक (साग),
33. सौधान (अधानौ अचार),
34. मंडका (मोठ),
35. पायस (खीर),
36. दधि (दही),
37. गोघृत (गाय का घी),
38. हैयंगपीनम (मक्खन),
39. मंडूरी (मलाई),
40. कूपिका (रबड़ी),
41. पर्पट (पापड़),
42. शक्तिका (सीरा),
43. लसिका (लस्सी),
44. सुवत,
45. संघाय (मोहन),
46. सुफला (सुपारी),
47. सिता (इलायची),
48. फल,
49. तांबूल,
50. मोहन भोग,
51. लवण,
52. कषाय,
53. मधुर,
54. तिक्त,
55. कटु,
56.अमल इत्यादि का समावेश है।