पडोसी नेपाल बडी मुसीबत में : बिहार के CM ने PM से लगाई गुहार
टेकचंद्र सनोडिया शास्त्री: सह-संपादक रिपोर्ट
पटना। पडोसी देश नेपाल इस समय बडी मुसीबत में हैं, अब आप लोग आगे आएं और नेपाल की मदद करें। आपकी एक कोशिश तबाह हो चुके नेपाल में किसी को मौत के मुह में जाने से रोक सकती है।
नेपाल मुसीबत में हैं, अब आप लोग आगे आएं और नेपाल की मदद करें। आपकी एक कोशिश तबाह हो चुके नेपाल में किसी को मौत के मुह में जाने से रोक सकती है। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने लोगों से नेपाल की मदद करने के लिए उक्त अपील की है। मुख्यमंत्री ने गुरुवार को दस ट्रक राहत सामग्री अपनी देखरेख में नेपाल के लिए रवाना की। इस मौके पर उन्होंने कहा नेपाल आज मुसीबत में है, ऐसे में हम सबका फर्ज है नेपाल की मदद को लोग आएं। राहत सामग्री रवाना करने के बाद पत्रकारों से बात करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा नेपाल के साथ ही पूरे देश पर बड़ी आपदा आई है। नेपाल में त्रासदी ज्यादा है। वहां के आपदा पीडि़तों को ज्यादा से ज्यादा मदद हो इसके लिए राज्य सरकार हर संभव प्रयास कर रही है। केन्द्र सरकार से मिली मदद को प्रभावित इलाकों तक पहुंचाया जा रहा है।
मुख्यमंत्री ने कहा पहले यह कार्य पटना और बिहटा एयरपोर्ट के माध्यम से किया जा रहा था, लेकिन अब वो सुविधा बंद होने के बाद सड़क मार्ग से राहत सामग्री भेजी जा रही है। आज दस ट्रक राहत भेजी गई है। जो सबसे पहले रक्सौल बेस कैंप जाएगी इसके बाद वहां से नेपाल और काठमांडू तक भेजी जाएगी।
नीतीश कुमार ने इस दौरान आपदा के वक्त मची हड़कंप का हवाला देते हुए कहा बड़ा सवाल यह है कि हम अपने भविष्य को लेकर कितना सजग हैं। पटना समेत बिहार में हुए नुकसान का हवाला देते हुए बोले पटना सेसमिक जोन पांच में आता है। उस दिन भूकंप का केन्द्र नेपाल में था। सिर्फ महसूस कीजिए यदि सेंटर पटना होता तो कितनी तबाही और जानमाल की क्षति होती। उन्होंने सवाल किया आखिर हम धोखा किसे दे रहे हैं। अब भी वक्त है हम भविष्य को लेकर सचेत हों। नए बिल्डिंग बायलॉज में तमाम प्रावधान किए गए हैं। मेरा लोगों से आग्रह होगा कि वे अपने मकानों को भूकंप रोधी बनाएं, ताकि कम से कम क्षति हो सके। भूकंप के दौरान हुए नुकसान के संबंध में मुख्यमंत्री बोले मकानों का नुकसान आकलन करने के लिए टीम बनाई गई है। लोगों को ट्रेंड किया जा रहा है। प्राइवेट आर्किटेक्ट भी लोगों की मदद करें और उन्हें बताएं कि भविष्य का निर्माण कैसा हो ताकि भूकंप जैसी कोई आपदा आने पर उससे कम क्षति हो। मेरी चिंता यही है।
मुख्यमंत्री ने एक बार फिर दोहराया कि नेपाल मुसीबत में है लोग उसकी मदद को आगे आएं। मुख्यमंत्री ने कहा उन्होंने अपने एक महीने का वेतन मुख्यमंत्री राहत कोष में दान दिया है। विधायकों और विधान पार्षदों से भी अपील की गई है। हम नेपाल से प्यार करते हैं इसलिए लोग उसकी मदद को दिल खोल कर मदद करें