लावारिस दो अनाथ बच्चियों को मिला सुरक्षित आश्रय
टेकचंद्र सनोडिया शास्त्री: सह-संपादक रिपोर्ट
दमुआ। मध्यप्रदेश छिन्दवाडा जिला के आदिवासी वहुल्य दमुआ थाना दमुआ में डायल क्रंमांक: 100 पर एक इवेंट प्राप्त हुआ, जिसमें कॉलर राजा द्वारा बताया गया कि वार्ड नं. 12, दमुआ में दो छोटी अनाथ बच्चियां लावारिस हालत में घूम रही हैं। इस सूचना पर थाना प्रभारी निरीक्षक आशीष कुमार धुर्वे ने तत्काल कार्रवाई करते हुए डायल 100 ड्यूटी में तैनात आरक्षक 986 अनिल त्रिपाठी एवं पायलट मोहित बेलवंशी को मौके पर भेजा। टीम द्वारा मौके पर पहुंचकर दोनों अनाथ बच्चियों को सुरक्षित अपने हवाले कर लिया गया। पूछताछ करने पर उन्होंने अपने नाम नेहा और काजल बताए।
जानकारी एकत्र करने पर पता चला कि दोनों बच्चियां ग्राम बोरदई, जिला बैतूल की रहने वाली हैं और वर्तमान में रैन बसेरा, दमुआ में रह रही थीं। जांच में सामने आया कि बच्चियों की मां अब इस दुनिया में नहीं हैं, जबकि उनके पिता कोमल उइके शराब के अत्यधिक आदी हैं और उचित देखभाल नहीं कर पा रहे हैं। उन्होंने बच्चियों को लावारिस छोड़ दिया था, जिससे वे असहाय स्थिति में घूम रही थीं। थाना दमुआ की टीम ने दोनों बच्चियों को थाने लाकर सीएचसी दमुआ में उनका शारीरिक परीक्षण कराया। बच्चियां अत्यधिक जर्जर एवं फटे पुराने कपड़ों में थीं, जिन्हें तत्काल नए कपड़े उपलब्ध कराए गए तथा भोजन कराया गया।
बच्चियों के भविष्य और उचित संरक्षण को ध्यान में रखते हुए, उन्हें बाल कल्याण समिति, छिंदवाड़ा के सुपुर्द किया गया। इस मानवीय कार्य में निरीक्षक आशीष कुमार धुर्वे, प्रधान आरक्षक महेंद्र कुमार, महिला प्रधान आरक्षक कमला जाटव, आरक्षक अनिल त्रिपाठी एवं डायल 100 पायलट मोहित बेलवंशी की महत्वपूर्ण भूमिका रही। जागरूक जनता-जनार्दन नागरिकों ने दमुआ पुलिस का आभार माना और उन्हे ढेर सारी बधाईयां तथा हार्दिक शुभकामनाएं दी है.