बालासोर। इस रेल दुर्घटना के बाद लोगों का ध्यान भटकाने NCP चीफ शरद पवार को लाल बहादुर शास्त्री जी याद आ रहे हैं..पर क्या शास्त्री जी का दिया इस्तीफ़ा आपको तब याद नहीं आया जब-
1993 के मुंबई सीरियल धमाकों के दौरान मुख्यमंत्री के तौर पर जहाँ एक तरफ सरकार के फेलियर को लेकर इस्तीफ़ा तो दूर की बात है, उलटे मुस्लिम इलाके में बम धमाके की झूठी खबर के सहारे मुस्लिमों को भड़काने का काम आपने किया..
इस्तीफ़ा तो आपने तब भी नहीं दिया जब दाऊद से नजदीकी के आरोप आप पर लगे. UPA कार्यकाल में कृषि मंत्री रहते हुए आपने विदर्भ क्षेत्र में बिना किसी वैकल्पिक उपाय के जेनेटिकली मॉडिफाइड बीजों के उपयोग के प्रयोग की अनुमति दे दी.. कपास की दर जो 2500 रूपये प्रति क्विंटल थी वो घटकर 1800 रूपये प्रति क्विंटल कर दी..जिसके चलते विदर्भ में कपास आधारित फसलों के किसानों ने बड़ी मात्रा में आत्महत्या कर ली.. बावजूद इसके कभी आपने इसकी नैतिक जिम्मेदारी लेकर इस्तीफे देने का निर्णय नहीं लिया.. लाल बहादुर शास्त्री आपको वर्ष 2019 में भी याद नहीं आये जब 25000 करोड़ के महाराष्ट्र स्टेट कोआपरेटिव बैंक घोटाले में आप और आपके भतीजे अजित पवार समेत अन्य लोगों के संलिप्त हैं।
जनता का ध्यान भटकाने शरद पवार को लालबहादुर शास्त्री याद आये!
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