टेकचंद्र सनोडिया शास्त्री:सह-संपादक की रिपोर्ट
मुंबई । महाराष्ट्र सरकार के एक नए आदेश के बाद राज्य की राजनीति में नए पवार गेम के शुरू होने की चर्चा शुरू हो गई। इस आदेश में कहा गया है कि उप मुख्यमंत्री अजित पवार द्वारा मंजूर की जाने वाली फाइलों की जांच सीनियर डीसीएम देवेंद्र फडणवीस करेंगे फिर सीएम की टेबल पर फाइल जाएगी।
उप मुख्यमंत्री अजित पवार की स्वीकृत फाइलों की पुन: जांच-पड़ताल की जाएगी? अजित पवार के एकतरफा फैसलों की बजाए सर्वसम्मति की कोशिश
नीतिगत मामलों में अंतिम फैसला मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ही लेंने वाले है। बताते है कि सीएम शिंदे से पहले सीनियर डिप्टी सीएम देवेंद्र फडणवीस फाइल देखेंगे और परखेंगे।
महाराष्ट्र सरकार में अजित पवार की इंट्री के दो महीने बाद अब नया पावर गेम शुरू हो गया है। राज्य के उप मुख्यमंत्री अजित पवार द्वारा स्वीकृत की गई फाइलों को दोहरी जांच की जाएगी। अजित पवार जिन फाइलों को मंजूरी देंगे। पहले उनकी जांच राज्य के उप मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस करेंगे और इसके बाद फाइल मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे की टेबल पर जाएगी। महाराष्ट्र सरकार में सामने आए इस बदलाव को नए पावर गेम का हिस्सा माना जा रहा है। एनसीपी नेता अजित पवार नाटकीय घटनाक्रम के बाद राज्य एकनाथ शिंदे की अगुवाई वाली महाराष्ट्र सरकार का हिस्सा बने थे। पांचवी बार उप मुख्यमंत्री बने अजित पवार के फाइनेंस और प्लानिंग विभाग हैं।
महाराष्ट्र की राजनीति में चर्चा है कि अजित पवार गुट के दबाव के चलते राजस्व मंत्री राधा कृष्ण विखे पाटिल को कैबिनेट की इंफ्रास्ट्रक्चर कमेटी से हटा दिया गया है। उनकी जगह दिलीप वलसे पाटिल का नाम लिया गया है। इस कमेटी के अध्यक्ष मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे हैं। इसके सदस्यों में उपमुख्यमंत्री देवेन्द्र फडणवीस, उपमुख्यमंत्री अजित पवार, उदय सम्मत, अतुल सावे, दादा भुसे शामिल हैं। इसी के साथ चर्चा यह भी है कि जब कोई किसी फाइल को अजित पवार मंजूरी देंगे, वह डिप्टी सीएम देवेंद्र फडणवीस के पास जाएगी। फिर आखिरी में शिंदे उसे देखेंगे। ऐसे में अजित पवार द्वारा मंजूर की गई फाइलों की डबल चेकिंग होगी।
नए बदलाव में राज्य सरकार के नियम 92 का हवाला दिया गया है। इसमें आया है कि उप मुख्यमंत्रियों द्वारा लिए गए नीतिगत मामले से फाइल अजित पवार के बाद देवेंद्र फडणवीस के पास जाएगी। इसके बाद अंतिम मंजूरी के लिए सीएम एकनाथ शिंदे के पास रखी जाएगी। मंत्रालयीन सूत्र बताते हैं कि फाइलों में अनियमितता और धांधलियां पाई जाने पर दोषी DCM अजीतदादा को पद और विधान सभा सदस्यता से बर्खास्त भी किया जा सकता है?
महाराष्ट्र के सहकारी क्षेत्र में एनसीपी कहा दबदबा किसी से छिपा नहीं है। पिछले दिनाें राज्य बीजेपी के कुछ नेताओं ने इसी क्षेत्र में काम करने के लिए ऋण लेने के लिए एकनाथ शिंदे और देवेंद्र फडणवीस से मुलाकात की थी। इसमें उन्होंने ऋण के लिए कड़ी शर्ते रखे जाने की शिकायत भी थी। इन शर्तों को अजित पवार के मंत्रालय से तैयार किया गया था। नेताओं की मुलाकात के बाद पवार के मंत्रालय के आदेश को वापस लेने का ऐलान किया गया था। चर्चा है कि अजित पवार के एकतरफा फैसलों को रोकने के लिए ऐसा किया है। यह सब तब हुआ है जब महाराष्ट्र बीजेपी के नेता और मंत्री चंद्रकांत पाटिल ने पुणे में अजित पवार के हस्तक्षेप की सीएम एकनाथ शिंदे से शिकायत की थी। चंद्रकांत पाटिल वहां के प्रभारी मंत्री हैं।
महाराष्ट्र सरकार पर नजर डालें तो शिवसेना के नेता एकनाथ शिंदे सरकार के मुखिया हैं। बीजेपी नेता उप मुख्यमंत्री देवेंद्र फड़नवीस के पास गृह विभाग समेत छह विभाग हैं। तो वहीं दूसरी डिप्टी सीएम अजित पवार के बाद दो बड़े मंत्रालय हैं, लेकिन इस नए बदलाव को महाराष्ट्र सरकार में नए पावर गेम के तौर पर देखा जा रहा है। अब देखना दिलचस्प होगा कि इन नए बदलाव पर अजित पवार का क्या रुख होता है? उनके पास वित्त और योजना मंत्रालय है। कुछ दिन पहले एनसीपी नेता प्रफुल्ल पटेल ने कहा था कि वे वित्त मंत्री हैं ऐसे में वह अन्य विभागों के साथ बैठक कर सकते हैं।