मध्यप्रदेश में हुआ एक और बड़ा घोटाला! समर्थन मूल्य की खरीदी में किया गया भ्रष्टाचार
टेकचंद्र सनोडिया शास्त्री: सह-संपादक रिपोर्ट
जबलपुर: मध्य प्रदेश के जबलपुर जिले में न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) पर धान खरीदी में गड़बड़ी पर सरकार ने एक और बड़ी कार्रवाई की है. जिले के फूड कंट्रोलर के बाद मार्कफेड के डीएम रोहित सिंह बघेल को भी सस्पेंड कर दिया गया है. वहीं, सत्तारूढ़ बीजेपी के वरिष्ठ विधायक अजय विश्नोई ने मुख्यमंत्री मोहन यादव को पत्र लिखकर शिकायत की है कि जिले के किसान धान बेचने के लिए दर-दर भटक रहा है. आरएसएस से सम्बद्ध भारतीय किसान संघ ने इस पूरे मामले की सीबीआई जांच की मांग की है.
यहां बताते चले कि जबलपुर में बिना अनुमति धान खरीदी घटिया धान की खरीदी के मामले में बुधवार (27 दिसम्बर) को भी सरकार ने ताबड़तोड़ कार्रवाई की. फूड कंट्रोलर तांडेकर के बाद मार्कफेड के डीएम रोहित सिंह बघेल को सस्पेंड कर दिया गया है. निलम्बन अवधि में उन्हें भी भोपाल अटैच किया गया है. वहीं, कहा जा रहा है कि वेयर हाउसिंग कॉर्पोरशन के कुछ अन्य अधिकारी भी सरकार के टारगेट पर हैं. इनके निलम्बन आदेश तैयार हैं, जो जल्द ही जारी हो सकते हैं. इस पूरे प्रकरण में असली घालमेल भी वेयर हाउसिंग और मार्कफेड द्वारा ही किया गया है. अभी भी जांच जारी है और रिपोर्ट भोपाल भेजी जा रही है. सूत्रों का कहना है कि कुछ जांच दलों पर प्रशासन को भी भरोसा नहीं हो रहा है, इसलिए हो सकता है कि उनके ऊपर भी जांच बैठाई जाए.
मध्यप्रदेश राज्य सहकारी विपणन संघ यानी मार्कफेड के प्रबंध संचालक आलोक कुमार सिंह ने जारी आदेश में कहा है कि रोहित बघेल प्रबंधक जिला विपणन अधिकारी-मंडल प्रबंधक जबलपुर द्वारा खरीफ विपणन वर्ष 2023-24 में समर्थन मूल्य पर धान उपार्जन कार्य हेतु जारी नीति के अनुसार उपार्जन कार्य सम्पादित नहीं किए जाने एवं पदीय दायित्वों के निर्वहन में बरती गई लापरवाही के फलस्वरूप शासन के विभागों के समक्ष संघ की छवि धूमिल हुई है. अतः बघेल को उक्त कदाचार के लिए प्रथम दृष्टया दोषी पाए जाने के फलस्वरूप संघ के सेवानियम की कंडिका 27 के अंतर्गत तत्काल प्रभाव से निलम्बित किया जाता है. निलम्बन अवधि में बघेल का मुख्यावास विपणन संघ भोपाल रहेगा. रोहित बघेल के स्थान पर एसडीएम पुष्पेन्द्र आहके को डीएम बनाया गया है.वहीं फूड कंट्रोलर का चार्ज ज्वॉइंट कलेक्टर नदीमा शीरी को दिया गया है.
दरअसल,1 दिसम्बर 2023 से जिले में शुरू हुई धान खरीदी की प्रक्रिया में भारी भ्रष्टाचार किया गया. प्राम्भिक जांच में पता चला कि जिन वेयर हाउसों का नाम लिस्ट नहीं था, उनमें भी खरीदी शुरू कराई गई और मार्कफेड से नियम विरुद्ध तरीके से बारदाने पहुंचाए गए. इन्हीं बारदानों में अमानक धान भरी गई और इस उम्मीद में सब शांत रहे कि जल्द ही वेयर हाउसों को चुपचाप खरीदी केन्द्र बना दिया जाएगा. तब सब गोलमाल लीगल कर दिया जाएगा. जानकारों का कहना है कि यह मामला करोड़ों रुपये के घोटाले का हो सकता है.
बताया जाता है कि वेयर हाउसों में बिना अनुमति और अमानक धान की खरीदी को जमकर प्रचारित किया गया, जिससे यह मामला जिला प्रशासन के माध्यम से भोपाल तक पहुंच गया. कहते है कि खुद मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव ने इस मामले को संज्ञान लिया, जिसके बाद पूरा माहौल ही बदल गया. इस मामले में पाटन क्षेत्र के बीजेपी विधायक अजय विश्नोई ने मुख्यमंत्री मोहन यादव को लिखे पत्र में कहा है कि जिले के किसान दर-दर भटक रहे हैं. मौसम विभाग के अनुसार जनवरी के प्रथम सप्ताह में बारिश की आशंका है. ऐसे में वे और भयभीत हो गए हैं. जिले में कुल 121 केन्द्र बनने थे लेकिन केवल 86 केन्द्र बनाए गए. स्व सहायता समूह की दीदियों से भी उपार्जन का कार्य कराना था लेकिन केवल दो कृपापात्र समूहों को ही अनुमति प्रदान की गई है. इस मामले में शीघ्र ही उचित निर्णय लिया जाए.
वहीं, भारतीय किसान संघ ने चेतावनी दी है कि 48 घंटे में धान खरीदी की व्यवस्थायें सरकार सुधारे अन्यथा सभी तहसीलों का घेराव किया जाएगा. संघ के अखिल भारतीय प्रचार प्रमुख राघवेंद्र सिंह पटेल ने मांग की है कि निलंबित अधिकारियों की संपत्ति की जांच की जाए. उन्होंने कहा कि जिला कलेक्टर की भूमिका भी संदेह के घेरे में है. सरकार को पूरा मामला जांच के लिए सीबीआई, लोकायुक्त या ईओडब्ल्यू को सौंपा जाना चाहि