‘महागठबंधन में पांच सीट भी नहीं जीत पाएंगे नीतीश कुमार’? प्रशांत किशोर ने बताई जमीनी हकीकत
टेकचंद्र सनोडिया शास्त्री: सह-संपादक रिपोर्ट
पटना। जन सुराज पदयात्रा के दौरान रविवार को बखरी के घाघड़ा मध्य विद्यालय में संवाददाताओं से बातचीत में प्रशांत किशोर ने कहा कि उन्होंने अबतक 13 जिले का भ्रमण किया है। पांच हजार से भी ज्यादा गांव गए हैं। 55 फीसदी लोगों का मानना है कि बिहार में एक नए विकल्प की जरूरत है। हर व्यक्ति गरीबी पिछड़ापन तथा भ्रष्टाचार से त्रस्त देखा जा रहा है
प्रशांत किशोर ने बताया कि विकल्प के अभाव में जनता भाजपा, लालू को वोट दे रही थी।
लोकसभा चुनाव के बाद नीतीश के दल के साथ विघटन होना स्वाभाविक है।
जन सुराज पदयात्रा के दौरान रविवार को बखरी के घाघड़ा मध्य विद्यालय में संवाददाताओं से बातचीत में प्रशांत किशोर ने कहा कि उन्होंने अबतक 13 जिले का भ्रमण किया है। पांच हजार से भी ज्यादा गांव गए हैं। 55 फीसदी लोगों का मानना है कि बिहार में एक नए विकल्प की जरूरत है।
हर व्यक्ति गरीबी, पिछड़ापन तथा भ्रष्टाचार से त्रस्त है। परंतु, वे समस्याओं को ध्यान में रखकर वोट नहीं करते। बेरोजगारी तथा पलायन समाज के हर वर्ग की समस्या है। गावों में परिवार की परिकल्पना ही खत्म हो गई है। शिक्षा व्यवस्था में सुधार तो समाज और सरकार की प्राथमिकता में ही नहीं है।
सूबे में अब अफसरों का जंगलराज: पीके
खेती किसानी, भूमि सुधार का लागू नहीं होना, जल संसाधन का कुप्रबंधन, भूमि विवाद, फसलों का उचित मूल्य नहीं मिलना बिहार की प्रमुख समस्या है। पत्रकारों द्वारा पूछे गए सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि नीतीश कुमार महागठबंधन में पांच सीट भी नहीं जीत सकते।
लोकसभा चुनाव के बाद उनके दल का विघटन हो जाएगा। बिहार के सवाल पर प्रशांत किशोर ने कहा कि सूबे में अब अपराधियों का नहीं, बल्कि अफसरों का जंगलराज है। कानून व्यवस्था बिल्कुल ध्वस्त हो चुकी है और अफसरशाही बेलगाम है।
सरकारी एजेंसियां सिर्फ लूट का केंद्र बनकर रह गई हैं। विगत वर्ष राज्य में 24 फीसदी अपराध बढ़ा है। शराब का अवैध कारोबार, अवैध बालू तथा राशन के अनाज की चोरी एवं इसका बाजारीकरण का बिहार में बड़ा नेटवर्क बन चुका है। किसानों को उत्पाद का उचित मूल्य नहीं मिलता है।
लालू और भाजपा पर बोला हमला
बिहार में सरकार एक से दो प्रतिशत ही सरकारी दर पर धान और गेहूं की खरीद करती है, जबकि पंजाब में यह दर 75 से 80 प्रतिशत है। बिहार की जनता विकल्प के अभाव में भाजपा ओर लालू को वोट कर रही है।
पत्रकारों के सवालों का जवाब देते हुए उन्होंने कहा कि संपूर्ण बिहार की पदयात्रा के पूरा होने पर जनता से राय मशविरा के बाद वे विकल्प के रूप में अपना दल गठित कर चुनाव में उतर सकते हैं।
वे किसी दल में नहीं जा रहे हैं। चूंकि बिहार को उनकी जरूरत है। बिहार में अवैध शराब कारोबार, बालू माफिया एवं अनाज की चोरी जैसे तीन रोजगार सृजित हैं। सड़क और बिजली में सुधार हुआ है, लेकिन ग्रामीण सड़क आज भी खस्ताहाल हैं। शिक्षा व्यवस्था पूरी तरह ध्वस्त है। स्कूल खिचड़ी जबकि यूनिवर्सिटी केवल डिग्री बांट रही है।
बिहार के CM नितिन कुमार की उज्ज्वल छवि को खराब करने में लालूप्रसाद यादव जरा सी भी कसर नहीं छोडने वाले हैं! लालूप्रसाद यादव का मानना है कि जब हमहु PM नहीं बन सके तो नीतिशास्त्र कैसे बन सकते हैं? हम यादव जो हैं भगवान श्रीकृष्ण के वंशज सिर्फ मुख्यमंत्री बने और प्रधान मंत्री बनने का ख्वाब देखते देखते हम बूढे हो गए हैं?