महाराष्ट्र में सरकार बचाएं या सांसद? सीट शेयरिंग पर दबाव में हैं CM एकनाथ शिंदे
टेकचंद्र सनोडिया शास्त्री: सह-संपादक रिपोर्ट
मुंबई । महाराष्ट्र में अजब स्थिति है. तीन-तीन दलों का भाजपा और कांग्रेस का अपना गठबंधन है लेकिन दोनों तरफ सीट शेयरिंग पर आम राय नहीं बनी है. इसके बिना ही उद्धव ठाकरे ने कैंडिडेट का ऐलान कर कांग्रेस को नाराज कर दिया है. उधर, कई सीटों पर भाजपा के दावे से सीएम एकनाथ शिंदे पर प्रेशर बढ़ गया है.
महाराष्ट्र में लोकसभा चुनाव 2024 से पहले दोनों गठबंधनों में राजनीतिक संकट देखा जा रहा है. एक तरफ महा विकास आघाडी (MVA) तो दूसरी तरफ एनडीए के घटक दलों यानी शिंदे सेना, अजीत पवार की एनसीपी और भाजपा में सीट शेयरिंग का फॉर्मूला फाइनल नहीं हो पा रहा है. ऐसे में तनाव, एक दूसरे की खिंचाई और नेताओं पर प्रेशर बढ़ रहा है. बातचीत आगे नहीं बढ़ी तो अब अंदरखाने सहयोगी ही एक दूसरे की टांग खींचने लगे हैं. हां, उद्धव ठाकरे की शिवसेना ने मुंबई-उत्तर पश्चिम लोकसभा सीट से उम्मीदवार की घोषणा कर दी तो कांग्रेस नेता संजय निरुपम भड़क गए. उन्होंने कहा कि यह गठबंधन धर्म का उल्लंघन है या उनकी पार्टी को कमतर दिखाने का प्रयास है.
महा विकास आघाडी के घटक दलों- शिवसेना (यूबीटी), एनसीपी (शरदचंद्र पवार) और कांग्रेस के बीच सीट बंटवारे को लेकर बातचीत अभी चल ही रही है. इधर, उद्धव ठाकरे ने अमोल कीर्तिकर को मुंबई उत्तर-पश्चिम लोकसभा सीट से उम्मीदवार घोषित कर दिया है. अमोल के पिता और इस सीट से मौजूदा सांसद गजानन कीर्तिकर महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे वाली शिवसेना सरकार
निरुपम की नाराजगी इसलिए है क्योंकि वह 2019 के आम चुनाव में मुंबई-उत्तर पश्चिम लोकसभा सीट से चुनाव हार गए थे. उन्होंने सोशल मीडिया पर लिखा कि दो दर्जन से अधिक बैठकें होने के बावजूद एमवीए में सीट शेयरिंग समझौता अभी तक नहीं हुआ है. निरुपम ने कहा कि कांग्रेस नेतृत्व को इस मामले में हस्तक्षेप करना चाहिए.
सीएम शिंदे पर अलग प्रेशर
हां, महाराष्ट्र में तीन दलों की गठबंधन सरकार चला रहे सीएम एकनाथ शिंदे पर दबाव काफी बढ़ गया है. भाजपा ने सात ऐसी सीटों पर दावा किया है जिस पर शिवसेना (शिंदे) के सांसद हैं. शिंदे सेना की तरफ से सीएम पर दबाव है कि वह इनमें से एक भी सीट भाजपा को न दें. रामटेक, यवतमाल- वाशिम, कोल्हापुर के सांसद सीएम पर दबाव बना रहे हैं कि वह उनकी सीट भाजपा को बिल्कुल न दें. बीजेपी ही नहीं, अजीत पवार की एनसीपी भी कुछ ऐसी सीटों पर दावा कर रही है, जो शिंदे ग्रुप के पाले में हैं.