विपक्षी इंडिया प्रणीत की जीत की संभावना को लेकर घबराया राजनेता और कट्टर हिन्दू समाज
टेकचंद्र सनोडिया शास्त्री: सह-संपादक रिपोर्ट
नई दिल्ली। लोकसभा चुनाव आचार्य संहिता लगते ही देश के मतदाता जनता-जनार्दन विशेत:कथित हिन्दुत्ववादी नेताओं में उथल-पुथल मची हुई है? आल इंडिया सोसल आर्गनाइजेशन के सर्वेक्षण के अनुसार विगत 2014 से 2024 अब तक मोदी सरकार के कार्यकाल में जिन राज्यों में भाजपा के केबिनेट मंत्रियों राज्य मंत्रियों और केंद्रीय मंत्रियों ने अरबों- खरबों रुपए की लागत के विकास किये हैं। और उक्त विकास कार्यों की आड में उन्होंने बडा भारी कमीशन खोरी के चलते अपना घर भरा है? अनियमितता और भ्रष्टाचार में लिप्त राजनेता अत्याधिक घबराकर हुए हाथ-पैर और सर पटक रहे हैं? और उनकी रात की नींद हराम हो चुक है? पशीना छूट रहा है कि विपक्षी इंडिया गठबंधन प्रणीत सरकार की जीत हूई तो निश्चय ही उनकी जरुरत से अधिक अनाप-शनाप सम्पत्ति ED के मार्फत जप्त हो जाएगी और वे बढते हाई वीपी और मानसिक तनाव से बेमौत तडफ तडफ कर मारे जाएंगे?
इसके अलावा देश के मांसाहारी और नशापान शौंंकीन ढोंगी श्रीराम भक्त NDA की पराजय की अंधी सोच को लेकर वाटएशप मोबाइलों और आनलाइन अनाप-शनाप संदेश और वीडियो प्रशारित करके देश की भोली भाली मतदाता जनता-जनार्दन को महत्वपूर्ण मुद्दों से गुमराह किया जा रहा है।
पिछले 70 सालों से राज्य और केन्द्र सरकार मे बैठे वर्तमान और पूर्व मंंत्रियों को आसमान छूती मंहगाई और बेरोजगारी दिखाई नहीं दे रही है? जैसे कि सरकार के कर्ता धर्ताओं की आंख मे पट्टी बंधी हुई और उनके मुंह मे लकवा मार गया हो? सरकारी सत्ता के सुख भोगी राजनेताओं के भाषण एहसास दिला रहे है कि करोडों अरबों और खरबों की लागत के विकास कार्य मानो मंंत्रियों के पूज्य पिता जी के बैंक खातों के रुपए खर्च करके विकास किया गया हो? राजनेता अपने भाषणों में यह नहीं बतलाते हैं कि विकास कार्यों की आड मे उन्होने कितना अनाप-शनाप कमीशन बटोरकर अपना घर भरा है?
सरकार मे बैठे राजनेताओ और चुनाव समर में जूझ रहे उम्मीदवारों ने तो हद्द ही कर दिया वे बेचारे पंड्ढा पुजारियों और ब्राह्मण भिखारी समाज को उकसाया और भडकाया जा रहा है कि विपक्ष इंडिया गठबंधन प्रणीत सरकार आयी तो भारत इस्लाम राष्ट बनेगा? लव जेहाद और ना जाने क्या क्या घबराऊं और मनगढंत भाषनबाजी की जा रही है? क्या संभावित विपक्ष इंडिया गठबंधन प्रणीत सरकार संविधान के नैतिक नियमों शर्तों के खिलाफ और विरुद्ध सत्ता चला सकती है? उम्मीदवारों के प्रचार-प्रसार में जुटे राजनेताओं और छुटभैये अपने भाषणों और संदेशों में ब्राह्मण धर्म को खतरा बतला रहे हैं? इसके अलावा ओबीसी एससी,एसटी ,आदिवासियों और दलित पीडित समाज परिवार को भी विविध तरीके से गुमराह किया जा रहा है? हालकि जब जब चुनाव आता है और समय गुजर जाता है?किसी को कोई खतरा नहीं हुआ है? भारतवर्ष का समाज समझ गया है कि मंदिरों मठों देवस्थानों की आय से पदाधिकारियों और पंडा पुजारी और हिन्दू भिखारियों को अपना उदर भरण-पोषण होती है? राजनेता मालामाल और गरीब जनता कंगाल होती जा रही है?
यह भी सत्य है कि
मस्जिद और दरगाहों से मुल्ला ,मौलाना, ईमाम और उलेमाओं का गुजारा तथा मुस्लिम बच्चों को इस्लाम की शिक्षा की तामील सिखाई जाती है? सर्वेक्षण के अनुसार भारतवर्ष के अनेक मठ और मंदिरों के कथित पदाधिकारी तथा ट्रस्टीगण मांसाहारी और नशापान के शौंकीन पाये जाते हैं? हालकि ऊपरी स्तर पर हिन्दू भाजपा नेता, कांग्रेस नेता और मुस्लिम नेताओं का आपस में एक मंच पर बैठकर नहीं खाने योग्य खाना पीना और मिल बांटकर देश का दिवाला निकाल रहे हैं? कोई भी नेता बेदाग, निष्कलंक और निष्पाप नहीं है? सभी मिलकर अपने अपने तरीके से मानवता का हनन, श्रमिकों का आर्थिक शोषण और पर्यावरण, पृथ्वी और प्रकृतिक का दोहन कर रहे हैं?
इसलिए देश के तमाम मतदाता जनता-जनार्दन से हमारा निवेदन है कि सभी ने निर्भीक होकर अपना पसंदीदा उम्मीदवार को मतदान करना चाहिए। अपने मताधिकार का सदुपयोग करना आप सभी का परम कर्तव्य है।
ईदगाह दरगाह और मस्जिद से मुल्ला,मौलाना ईमानदार और फकीरों का उदर भरण पोषण हो सकता है।
परंतु जिस दलित पीडित परिवार की लडकी वहुत ही ब्यूटीफुल सुंदर है। उसे ब्राह्मण समाज के युवकों की नीयत में खोट क्यों?