CM शिंदे और DCM अजित पवार पर BJP का दबाव?
टेकचंद्र सनोडिया शास्त्री: सह-संपादक रिपोर्ट
मुंबई । महाराष्ट्र में मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाली महायुति सरकार ने अपने दो साल पूरे कर लिए हैं। राज्य सरकार सितंबर-अक्टूबर में होने वाले विधानसभा चुनाव की तैयारियों में जुट गई है। महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में इस बार बीजेपी को बड़ी चुनौती का सामना करना पड़ सकता है।
लोकसभा चुनाव के दौरान महाराष्ट्र में हुआ था विवाद
अंतिम समय तक सहयोगी दलों से टिकट बंटवारा फंसा रहा
इस बार बीजेपी ने विधानसभा चुनाव के लिए बनाई रणनीति
अश्विनी वैष्णव को महाराष्ट्र का प्रभारी बनाया गया है।
मुंबई : लोकसभा चुनाव में शिंदे सेना और अजित गुट पर दबाव बनाने वाली बीजेपी का अब सहयोगी दलों पर प्रेम उमड़ रहा है। अब वह किसी भी कीमत पर सहयोगी दलों को नाराज़ नहीं करेगी, बल्कि सभी को साथ लेकर चलेगी। पार्टी की कोर कमिटी की बैठक में सहयोगी दलों को साथ लेकर चलने की बात कही गई है। पार्टी के एक वरिष्ठ नेता का कहना है कि लोकसभा चुनाव के वक्त जिस तरह का दबाव बीजेपी ने सहयोगी दलों पर बनाया था, वैसा दबाव विधानसभा चुनाव में नहीं दिखाई देगा। विधानसभा चुनाव में पूरे समन्वय से चुनाव लड़ने पर जोर है। साथ ही, सहयोगी दलों पर कोई विवादित बयान भी न देने का निर्देश दिया गया है।हाल में बीजेपी ने केंद्रीय मंत्री प्रभारी भूपेंद्र यादव और और रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव को महाराष्ट्र का प्रभारी और सह-प्रभारी नियुक्त किया है। बीते सप्ताह ही उन्होंने प्रदेश बीजेपी कोर कमिटी की बैठक बुलाई थी, जिसमें पार्टी के सुर बदले हुए नजर आए। प्रभारी और सह-प्रभारी ने प्रदेश बीजेपी के लोगों से सहयोगी दलों को संपूर्ण सहयोग देने के लिए कहा।
अश्विनी वैष्णव ने विधानसभा चुनाव में समन्वय बनाने के लिए एक कमिटी बनाने के लिए कहा, ताकि सहयोगी दलों के बीच किसी प्रकार के वाद-विवाद की स्थिति को खत्म किया जा सके। इसके अलावा, बीजेपी कोर कमिटी के लोगों से कहा गया कि वे विवादित बयान देने से बचें, ताकि सहयोगी दलों के साथ किसी प्रकार की दूरी न बनने पाए।