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देश की चर्चित बैंक बंद : खाताधारकों के रुपये डूबने से मचा हाहाकार

देश की चर्चित बैंक बंद : खाताधारकों के रुपये डूबने से मचा हाहाकार

टेकचंद्र सनोडिया शास्त्री: सह-संपादक रिपोर्ट

 

मुंबई । हमारे देश में बैंकिंग सेक्टर का विस्तार बहुत तेजी से हो रहा है। चाहे प्राइवेट बैंक हो या फिर चाहे सरकारी बैंक को सब का संचालन आर बी आई की तरफ से किया जाता है। जब बैंक चालू होता है तो उसकी वित्तीय स्थिति सही होती है लेकिन समय के साथ बैंक के में वित्तीय समस्या आती है तो ग्राहकों को नुकसान से बचने के लिए आरबीआई के द्वारा उसे बैंक पर जुर्माना लगाया जाता है। अभी हाल ही में एक ऐसा मामला देखा गया है आरबीआई के तरफ से इस बैंक का लाइसेंस को रद्द कर दिया गया है और बैंक को बंद कर दिया गया है। आईए जानते हैं पूरी खबर।क्रेडिट कार्ड

आरबीआई के तरफ से इस बैंक का लाइसेंस किया गया रद्द

भारत में चलने वाले जितने भी बैंक हैं उन सभी बैंक का हेड आरबीआई होता है। आपको बता दे की रिजर्व बैंक भारत के प्राइवेट और सरकारी बैंकों पर बारीकी से नजर रखता है। आरबीआई की तरफ से संभव होता है कि बैंक की तरफ से हर सुविधा ग्राहकों को दिया जाए। यही कारण है कि प्राइवेट बैंक या अन्य संस्थान ग्राहकों के साथ मनमानी नहीं करती है और इसके लिए खासकर आरबीआई ध्यान रखती है। आरबीआई की तरफ से समय-समय पर अनेकों नियम बनाए जाते हैं।

यदि कोई बैंक आरबीआई के नियमों को पालन नहीं करता है तो उसे पर कार्यवाही किया जाता है। वित्तीय स्थिति के प्रारूप को सही से ना चला पाते या फिर नियमों का आवेदन करने बैंक पाए जाते हैं तो उसे बैंक का लाइसेंस को रद्द कर दिया जाता है। आपको बता दे क्या अभी हाल ही में द-सिटी कोऑपरेटिव बैंक का लाइसेंस को रद्द कर दिया गया। और इसे बंद कर दिया गया।

 

द सिटी कोऑपरेटिव बैंक का लाइसेंस क्यों हुआ रद्द।

रिजर्व बैंक ऑफ़ इंडिया (RBI) के तरफ से जांच किए गए आंकड़ों द्वारा देखा की कमाई की संभावना और पर्याप्त पूंजी नहीं होने के कारण यह बैंक आगे नहीं चल पा रहा है। इसीलिए आरबीआई के तरफ से सिटी कोऑपरेटिव बैंक, महाराष्ट्र का लाइसेंस को कैंसिल कर दिया गया। इसके साथ ही केंद्रीय बैंक ने सहकारी समितियां को रजिस्टर को बैंक के कार्य पर रोक लगाने का लिक्विडेटर की नियुक्ति करने को आदेश दिया गया है। आरबीआई की तरफ से आप आदेश में यहां भी बताया गया कि इस सहकारी बैंक के सभी काम बंद कर दिया गया है।

 

जब कोई बैंक बंद होता है तो ग्राहकों का क्या होता है?

भारतीय रिजर्व बैंक के तरफ से जब कोई बैंक को बंद किया जाता है या फिर उसे बैंक का लाइसेंस को रद्द किया जाता है तो ग्राहक के पैसे वापस मिलेगी। लेकिन जाम बीमा और ऋण गारंटी निगम के अंतर्गत ₹500000 तक ही राशि के लिए कोई विग्रहक दावा कर सकते हैं। बैंक लगभग 87% जमा कर्ताओं को उनके जमा पूंजी वापस देगी। डीआईजीसी ने पहले ही कल विमित राशि इसमें से 230.99 करोड रुपए का भुगतान कर दिया है।

 

भारतीय स्टेट बैंक (आरबीआई) की तरफ से कहा गया कि मौजूदा वित्तीय स्थिति के साथ बैंक अपने मौजूदा जमा कर्ताओं को पूरा भुगतान करने में असमर्थ है। अगर उसे अपना बैंक कारोबार आगे भी जारी रखने का आदेश दिया गया तो इससे जनहित पर बुरा प्रभाव पड़ेगा।

बैंक का लाइसेंस रद्द कर दिया गया बैंक पर रोक लगाने का सबसे बड़ा कारण यह भी है कि इस बैंक के पास अब कमाई की संभावना नहीं है। और ना ही इसके पास पर्याप्त पूंजी है। जो भी जमा करता इस बैंक में पैसे जमा किए हुए हैं उनका भुगतान किया जाएगा। यदि बैंकों को अपना काम जारी रखने की अनुमति दिया जाता है तो इससे ग्राहक पर बुरा प्रभाव पड़ेगा। आरबीआई की तरफ से आदेश के में कहा गया कि आप बैंक ने ही जमा स्वीकार कर पाएंगे और ना ही किसी को ऋण दे पाएंगे। कुछ समय पहले केंद्रीय बैंक ने एक और बैंक का लाइसेंस को रद्द कर दिया था।

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