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नाक और कान में गुनगुना सरसों का तेल डालने के रामबाण फायदे!

नाक और कान में गुनगुना सरसों का तेल डालने के रामबाण फायदे!

टेकचंद्र सनोडिया शास्त्री: सह-संपादक रिपोर्ट

नई दिल्ली। नाक और कान में सरसों का तेल डालने की परंपरा भारतीय घरों में सैकड़ों साल पुरानी है। इसके कुछ फायदे हैं तो सावधानी न बरतने पर कुछ नुकसान भी हो सकते हैं।

नाक और कान शरीर के काफी संवेदनशील अंग होते हैं, जानकारी का अभाव होने पर इनमें किसी भी तेल या औषधि का प्रयोग नहीं करना चाहिए। अमूमन लोगों को यह असमंजस होता है कि नाक और कान की कोई समस्या होने पर चिकित्सक को दिखाएं या घरेलू नुस्खे अपनाएं। नाक और कान की समस्याएं वैसे तो किसी भी उम्र के व्यक्ति को हो सकती है, लेकिन बच्चों और बुजुर्गों में यह समस्याएं सबसे ज्यादा देखी जाती हैं। ऐसे में सरसों का गुनगुना तेल भी आपके लिए बेहद फायदेमंद साबित हो सकता है। सरसों का तेल किसी आयुर्वेदिक औषधि से कम नहीं हैं, बड़े बुजुर्ग भी इसे इस्तेमाल करने की सलाह देते हैं। हालांकि सरसों के तेल की तासीर गर्म मानी जाती है, इसलिए बहुत गर्म मौसम में इसको नाक, कान में नहीं डालना चाहिए। लेकिन सामान्य गर्म मौसम या सर्दियों में इसका इस्तेमाल करने से नुकसान नहीं होता है। इस लेख के माध्यम से आज हम आपको इसके फायदे, नुकसान और सावधानियों से अवगत कराएंगे।

सरसों का तेल कान और नाक में डालने के फायदे

1. कान का मैल साफ करने में लाभदायक

आजकल कान की ठीक से सफाई नहीं करने से बहुत से लोगों के कान में मैल जमा हो जाता है, जिसे खुद निकालना काफी कठिन और जोखिम भरा कार्य है। ऐसे में सरसों के तेल को थोड़ा गुनगुना कर कान में डालने से कान का मैल फूल जाता है, जिसके बाद उसे आसानी से निकाला जा सकता है। अगर आप रात में सोने से पहले कान में गुनगुने तेल की दो से तीन बूंदे डालते हैं और सुबह मैल निकालते हैं तो यह ज्यादा अच्छी तरह साफ होगा।

2. कान का दर्द करे दूर

 

कई बार बिना किसी वजह के कान में दर्द होने लगता है, ऐसा महसूस होता है कि कान के पर्दे हिलने लगे हों। कान में पानी चले जाने, चोट लगने या फिर कई बार मौसम में बदलाव आदि से भी ऐसे मामले सामने आते हैं। ऐसे में आप सरसों के तेल को हल्का गर्म कर एक से दो बूंदों को कान में डालें। इससे आपको दर्द में काफी राहत मिलेगी।

 

इसे भी पढ़ें: नाक में तेल डालने के फायदे और सही तरीका, जानें एक्सपर्ट से

 

3. नाक बंद होने पर करें उपयोग

सर्दियों के मौसम में अमूमन लोग जुकाम से ग्रस्त रहते हैं। जुकाम ज्यादा होने के कारण कई बार सांस लेने में भी तकलीफ और नाक जाम हो जाती है। सरसों का गुनगुना तेल ऐसे समय में आपके लिए रामबाण है। जुकाम होने पर आप इसकी तीन से चार बूंदो का प्रयोग कर सकते हैं। इससे निश्चित तौर पर आपको सांस लेने में आराम मिलेगा। जुकाम की वजह से कई लोगों की नाक भी लाल हो जाती है, इस स्थिति में भी सरसों का गुनगुना तेल आपकी मदद कर सकता है।

कान में सरसों का गुनगुना तेल डालने के नुकसान

1. परमानेंट हियरिंग डिसेबिलिटी

कान में लगातार किसी भी प्रकार का तेल डालने से आप अपनी सुनने (Hearing loss) तक की क्षमता को गवां सकते हैं या फिर लंबे समय के लिए कान की समस्या के शिकार हो सकते हैं। इसलिए कान में तेल के सेवन के फायदे और नुकसान से पूरी तरह अवगत होने के बाद ही तेल का इस्तेमाल समुचित मात्रा में करें।

2. बढ़ सकती है कान की गंदगी

कान साफ करते समय इस बात का खास ख्याल रखना चाहिए कि कहीं आपके तेल में गंदगी तो नहीं है। आपके सरसों के तेल में यदि पहले से ही किसी प्रकार के गंदे तरल पदार्थ मौजूद हैं तो ऐसे तेल का सेवन आपके कानों में ईयरवैक्स की मात्रा को और बढ़ा सकता है, जिससे कानों खुजली समेत कई अन्य समस्याएं भी उत्पन्न हो सकती हैं।

3. बच्चों में हो सकती है पस की शिकायत

कई ऐसे मामले देखे गए हैं, जिनमें माएं छोटे बच्चों को नहलाकर तुरंत बाद उनके कान में तेल डालती हैं। जो बिलकुल गलत है। नहाते समय बच्चों के कान में पानी घुस जाता है और ऐसे समय में उनके कान में तेल डालने पर तेल और पानी एक साथ जमा हो जाता है, जिस कारण पस बनने की भी शिकायत होने लगती है। इसलिए ऐसे मामलों में बिलकुल लापरवाही नहीं बरतनी चाहिए।

इसे भी पढ़ें: शिशुओं को हृष्ट-पुष्ट बनाने के लिए करें लहसुन और सरसों तेल से मालिश, जानें इसके फायदे और सही तरीका

4. हो सकता है संक्रमण

तेल डालते समय इसका ध्यान अवश्य रखें कि आपका तेल आपकी नाक और कान के लिए पूर्णता सुरक्षित तो है कहीं उसमें कोई हानिकारक पदार्थ तो नहीं हैं। अगर ऐसा है तो आप कान के संक्रमण (Infection) के शिकार हो सकते हैं। संक्रमण होने के कारण आपकी सुनने की क्षमता पर भी काफी असर पड़ सकता है। यह आपको लंबे समय के लिए भी परेशान कर सकता है।

कान और नाक में तेल डालते समय बरतें कुछ सावधानियां

कान और नाक में तेल डालते समय तेल की गुणवत्ता का खास ख्याल रखें।

चिकित्सक की सलाह के बिना इसका उपयोग करने से बचें।

इयरवैक्स निकालते समय सरसों के तेल का सेवन बिलकुल न करें।

नियमित रूप से नाक और कान में सरसों के तेल का सेवन करने से बचें।

कान और नाक में तेल डालना कई मायनों में फायदेमंद है तो कई बार इसके गलत परिणाम भी सामने आ सकते हैं। इसलिए जरूरी है कि कान और नाक के लिए सरसों के तेल के फायदे, नुकसान और कुछ सावधानियां अच्छे से जान लें तभी इसका प्रयोग करें। इस लेख में दिए गए सुझाव आपके लिए काफी मददगार साबित हो सकते हैं

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