पेट साफ करने का उपाय : कमल के फूल की तरह खिल जाएगा चेहरा
टेकचंद्र सनोडिया शास्त्री: सह-संपादक रिपोर्ट
वृंदावन ।आज के दौर में अधिकांश लोग अक्सर पेट की समस्याओं से जूझते रहते हैं. ऐसे में वृंदावन रसिक संत शिरोमणि श्री प्रेमानंद जी महाराज ने पेट को साफ करने का ऐसा उपाय बताया है कि किसी के चेहरे को कमल के फूल की तरह खिला सकता है.
शायद ही कोई ऐसा व्यक्ति हो जिसे कभी न कभी पेट की समस्या न हुआ हो. अधिकांश व्यक्ति तो ऐसे होते हैं कि उन्हें हर वक्त पेट की कुछ न कुछ समस्याओं से दो चार होना पड़ता है. किसी को पेट फूलने की दिक्कत तो किसी को पेट में गैस की परेशानी तो कोई एसिडिटी, हार्ट बर्न की समस्याओं से परेशान. इनमें सबसे ज्यादा परेशानी कब्ज की होती है. अगर कब्ज हो जाए तो यह शरीर के पूरे सिस्टम को बिगाड़ देता है. कब्ज में शरीर का पानी सूख जाता है और ब्लोटिंग, एसिडिटी, हार्टबर्न के साथ ही बवासीर इसके कारण बनते हैं. पेट अगर ठीक न हो तो इससे शरीर को जो नुकसान होता है वह तो होता ही है लेकिन इससे मन भी कभी साफ नहीं रहता. ऐसे में वृंदावन रसिक संत शिरोमणि प्रेमानंद महाराज जी ने पेट साफ करने के लिए जो उपाय बताए हैं अगर उसका पालन किया जाए तो आपके चेहरा कमल के फूल की तरह खिला रहेगा.
पेट के लिए शास्त्रों में नियम
प्रेमानंद महाराज ने बताया कि भोजन अमृत भी है और जहर भी. इसलिए भोजन पर संयम रखना बहुत जरूरी है. यदि आपने रसेंदी के वशीभूत होकर अनाप-शनाप खा लिया तो आपका पेट कभी ठीक नहीं रहेगा. गरिष्ठ भोजन करेंगे तो पेट खराब तो रहेगा ही मन भी खराब होगा. इसलिए सबसे पहला नियम यही है कि आपके शरीर को जितनी आवश्यकता है, उतना ही भोजन करें. जो लोग बहुत ज्यादा मेहनत करते हैं उन्हें ज्यादा भोजन की आवश्यकता है. यदि आप ज्यादा मेहनत वाला काम नहीं करते हैं तो आपके शरीर को उतने भोजन की जरूरत नहीं है. यदि आप कम मेहनत वाला काम करते हैं तो आपके शरीर को कम भोजन चाहिए. इसके लिए शास्त्रों में सिद्धांत है. पेट में जितनी जगहें हैं उनमें आधी जगह को भोजन से भरिए. अब जो आधी जगह बची है उनमें आधे को पानी से भरिए और आधा वायु के लिए छोड़ दीजिए. अगर आप वायु के लिए जगह नहीं छोड़ेंगे तो यह वायु आपके पूरे शरीर में फैल जाएगा और मल आंतों से बाहर नहीं आएगा.
पेट खराब ही न हो, इसके लिए क्या करें
प्रेमानंद महाराज ने बताया कि आपकी पहली कोशिश यह होनी चाहिए कि आपका पेट कभी खराब ही न हो. इसके लिए सात्विक भोजन करें. भोजन सीमित मात्रा में करें. बाजार का भोजन जितना संभव हो सके उतना कम करें. तीनों समय भोजन करें लेकिन कम-कम करें. अब पेट साफ रखने का दूसरा नियम यह है कि सुबह उठकर सबसे पहला काम यह करें कि आधा लिटर पानी गर्म कर लें और वज्रासन मुद्रा में बैठ जाइए. फिर 10 से 15 मिनट तक इसी मुद्रा में बैठकर पानी पिएं और उसके बाद शौच के लिए जाएं. पानी जब आप पिएं तो एकदम खाली पेट, बिना कुल्ला किए. अगर आप इस नियम को अपनाते हैं तो पेट खराब होने की नौबत ही नहीं है. यह भी ध्यान रखें कि दिन में कम से कम तीन लिटर पानी अवश्य पिएं. पानी पर्याप्त पिएंगे तो आंतों में गंदगी बनेगी ही नहीं. मल हार्ड होगा ही नहीं और कभी कब्ज की परेशानी भी नहीं होगी. जब पेट साफ रहेगा तो मन भी साफ रहेगा और आपका चेहरा कमल के फूल की तरह खिलेगा.
अगर पेट साफ न हो तो क्या करें
अब सवाल यह है कि अगर पेट साफ न हो तो क्या करना चाहिए. प्रेमानंद बावा ने बताया कि आप पहले कम भोजन करें और सदगुण वाला भोजन करें. घर में बना खाना खाएं. सलाद का जितना सेवन कर सकते हैं उतना करें. गरिष्ठ भोजन न करें. जीभ पर संयम रखें. और अगर पेट साफ नहीं रहता है तो खूब टहलें, व्यायाम करें रोज रात में सोते समय दूध में एक चम्मच छोटी हरड़ और एक चम्मच इसबगोल की भूसी को मिलाकर खा लें. यह ऐसा उपाय है जिसका असर तुरंत नहीं होगा लेकिन अगर आप इसे एक महीने तक लगातार कर लिए तो फिर जिंदगी भर आपका पेट हमेशा के लिए साफ रहेगा. सबसे जरूरी बात है कि आपको कब्ज नहीं होना चाहिए. इसके लिए सात्विक भोजन करना शुरू कर दें. बाहर का भोजन बंद कर दें और साग-सब्जी का सेवन बढ़ा दें और रात में यह उपाय अपनाएं. फिर देखिए आपका मन और बुद्धि दोनों शांत रहेगा. आप हरदम प्रसन्न रहेंगे और आपके चेहरे में कमल के फूल की तरह चमक रहेगी. अगर आपका पेट साफ रहेगा तो कोई बीमारियां भी नहीं लगेंगी.
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