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नागपूर : व्यापारियों द्धारा कोर्ट का अपमान और शासन हुआ हलकान

नागपूर : व्यापारियों द्धारा कोर्ट का अपमान और शासन हुआ हलकान

 

टेकचंद्र सनोडिया शास्त्री: सह-संपादक रिपोर्ट

 

नागपुर। राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण के तत्कालीन संचालक श्री डी चंद्रशेखर और तत्कालीन सहायक पुलिस आयुक्त एन डी गोरे और ACP अनिल बोवडे ने बताया था कि राजनैतिक बरदहस्त के चलते नैशनल हाईवे सर्विस लेन से सटकर सरकारी जमीन पर व्यापारियों ने अवैध अतिक्रमण कर निर्माण कार्य कर लिया है. उच्च न्यायालय के आदेश पर विगत दिनांक: 24–25 जनवरी 2011 तगडा पुलिस बंदोबस्त में कोराडी रोड का अतिक्रमण हटा दिया गया था?तत्कालीन सहायक पुलिस आयुक्त ने नागपुर सावनेर महामार्ग पर स्थित अतिक्रमण और अवैध कारोबार के संबंध में बताया कि यहां कोई और नहीं दो व्यापारी और स्थानीय 2 चाटूकार मीडिया रिपोर्ट सबसे बडे दुश्मन समझ मे आ रहे है? जो आये पुलिस की गुप्तगू दिशाभूल करते है और एक वरिष्‍ठ समाज सेवी पत्रकार के खिलाफ अधिकारियों और राजनेताओं को उकसाते भडकाते घ्रणा और नफरत फैलाते रहते हैं?क्योंकि उन्हे व्यापारियों से मुफ्त मे किराना सामान उपलब्ध होते रहता हैं? हालकि बडे नेता और अधिकारी कान के कच्चे और सत्तालोलुपता की चाह वोट बैंक के लिए किसी भी हद तक उतरने के लिए तैयार बैठ हैं।

महामार्ग प्राधिकरण के सेवानिवृत्त संचालक श्री D•चंद्रशेखर बताते हैं कि नैशनल हाईवे की सरहद सीमा से 40 फुट के बाहर ही निर्माण कार्य (कंस्ट्रक्शन) करना चाहिए. दुकानदारों और उनके उपभोक्ता ग्राहकों के लिए वाहन पार्किंग व्यवसायी की निजी क्षेत्र की जमीन पर किया जा सकेगा? प्राधिकरण की सरकारी जमीन पर वाहनों का अतिक्रमण करना कानूनन जुर्म है? सेवानिवृत्त ACPएन डी गोरे बताते हैं कि स्थानीय राजनैतिक बरदहस्त से अतिक्रमण माफिया अपना अवैध व्यवसाय बचाने के लिए किसी भी हद तक उतरने के लिए तैयार बैठे हैं.मामला उठाने वाले समाज सेवी व्यक्ति के खिलाफ मनगढंत और बेबुनियाद कोर्ट केश दायर करके परेशान करते हैं? इससे संबंधित वकील की भूमिका भी व्यापारियों के बचाव पक्ष में होती ही है? वकील का कर्तव्य न्यायालय के समक्ष सरकारी संपत्ति की हिफाजत के बजाय केश को लम्बा खींचना और रुपए कमाना उद्देश्य बन गया है? महामार्ग पर अवैध वाहन का अतिक्रमण की वजह से कितने ही निर्दोष और निहत्थे नागरिकों को अपनाया से हाथ धोना पड़ा है. सडक दुर्घटना मे जिसकी जाती है. उनके परिजनों पर क्या गुजरती होगी? और जिनकी सडक दुर्घटना मे जख्मी और अपाहिज हुए उनकी पीडा बे ही जानते हैं? अतिक्रमण कारियों को दूसरों के दर्द और पीडा से कोई मतलब नहीं होता? जब सडक दुर्घटना मे कोई मरता है तो जनता-जनार्दन पुलिस पर पथराव कर अपना गुस्सा उतारती है. दरअसल मे अतिक्रमणकारी व्यवसायिक पुलिस को असलियत से गुमराह करके अपना उल्लू सीधा करने में माहिर होते है?गोपनीय सूत्रों की माने तो कोराडी पुलिस स्टेशन हद के नैशनल हायवे सर्विस लेन पर अवैध वाहनों के अतिक्रमण पर सिकंजा कसने मे यातायात पुलिस विभाग असमर्थ प्रतीत हो रहा है. एक सेवानिवृत्त पुलिस उपायुक्त ने बताया है कि पुलिस यहां सर्विस लेन पर अवैध वाहन चालकों पर कार्रवाई के लिए तत्पर है परंतु पुलिस पर राजनैतिक दबाव रहता है. आखिर पुलिस भी बाल-बच्चेदार और परिवार वाले होते हैं?

व्याप्त चर्चा के मुताबिक पिछले सन 2014-15 से अभितक स्थानीय पुलिस स्टेशन को स्थानीय राजनैतिक गलियारों के इशारों पर गैर-कानूनी कार्यों को अंजाम देना पड रहा है? नतीजा सेवानिवृत्त पुलिस निरीक्षक एम एन सिंह और अशोक ठाकरे को भुगतना पड रहा है! ये तत्कालीन थानेदार अवैध वाहन पार्किंग के खिलाफ उचित कार्रवाई करने के बजाय दुकानदारों और वाहन संचालकों से हर महिना उगाही करते थे? स्थानीय राजनैतिक गलियारे और पुलिस विभाग का कार्य जनसेवा देश भक्ती नहीं अपितु भांड में गई जनता और काम अपना बनता जैसी कहावत चरितार्थ हो रही है?

जबतक नैशनल हायवे सर्विस लेन से सटा अवैध निर्माण कार्य नहीं डहाया नहीं जाता समस्या का निदान असंभव है.

विगत सन 2007 से 2011 तक यहां स्थानीय पावर प्लांट से कार्वनडाय आक्साइड के कण बहुतायत मे उड उडकर खुले खाद्य पदार्थों और जनमानस मे जहरीला प्रदूषण फैला रहा था? जिसकी खबर नागपुर के दैनिक नवभारत मे नियमित प्रकाशित हूई थी? उक्त नवभारत समाचार से पता चला था कि प्रदूषण के प्रकोप से घातक बीमारी यानी लोगों मे नपुंसकता जैसी बीमार का प्रकोप बढ रहा था? नतीजतन प्रदूषण उगलने वाली पावर प्लांट की चार ईकाइयों को बन्द करना पडा? क्योंकि कार्वनडाय आक्साइड के विशैले कण वाहन चालकों और राहगीरों पर भी कहर बरपा रहा था?

इस घातक रोगों से बचने के लिए डाक्टरों ने सुबह-सुबह चार पाच किलोमीटर दौंड लगाने की सलाह दी थी?

विशेष उल्लेखनीय है कि स्थानीय नगरपंचायत के मुख्याधिकारी द्धारा नेशनल हायवे फोर लेन से सटी सरकारी जमीन पर बोगस रजिस्ट्री के अधार पर भवन होटल निर्माण की NOC प्रदान करके नियम कानून की धज्जियां उडाई जा रही है? मानो नगर पंचायत ने अपने बाप का राज समझ रखा है.

जबतक राष्ट्रीय राजमार्ग सर्विस लेन किनारे से 40 फुट दूरी तक अवैध निर्माण कार्य नहीं हटाया जाता समस्या का समाधान असंभव है?

एक मामले न्यायालय ने तत्कालीन पुलिस निरीक्षक से पूछा कि आपको पैमेट राजनेता करता है या सरकार? तो पुलिस निरीक्षक ने जबाव दिया कि हुजूर पैमेट सरकार करती है? तो न्यायालय के जज ने जबाव दिया कि फिर सरकारी नियमों का परिपालन क्यों नहीं किया? पुलिस निरीक्षक काफी देर तक न्यायालय के समक्ष गिड़गिड़ाते और दया क्षमा की भीख मागते रहा?

कांग्रेस कामगार सेल के जिलाध्यक्ष आकाश ऊके ने बताया है कि यहां के स्थानीय राजनैतिक गलियारे और प्रशासनिक अधिकारी नैसर्गिक नियमों का खुल्लम खुल्ला उलंघन करके सरकारी जमीन पर अतिक्रमण हटाओ के बजाय बढावा दे रहे हैं? उन्हें यदि व्यापारिक जनता-जनार्दन के हितों की चिंता है तो आसपास 15–20 एकड जमीन खरीदकर सुविधाजनक बाजारपेठ निर्माण कार्य किया जा चुका है. परंतु उक्त नए मार्केट काम्प्लेक्स मे कोई सिप्ट होने को कोई भी वयापारी तैयार नहीं है. कुछेक व्यापारियों का मानना है कि अतिउच्चदाब बिजली पारेषण हाईटेंशन टावर लाईन से उनकी जान को खतरा हो सकता हैं?

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