जिस्मफरोशी का अड्डा बनी रायपुर में रईसजादों की पॉश कॉलनीया
टेकचंद्र सनोडिया शास्त्री: सह-संपादक रिपोर्ट
रायपुर। छत्तीसगढ की राजधानी की पॉश कॉलोनी जिस्म व्यापारियों का अड्डा बन गई है। कॉलोनी में नशे के सौदागर भी आते-जाते रहते हैं। जो युवाओं को ड्रग्स की आपूर्ति करता है। ऐसे में इस कॉलोनी की सुरक्षा को लेकर तरह-तरह के सवाल उठ रहे हैं। जितने भी पाश कॉलोनी राष्ट्रीय राजमार्ग के नजदीक है, जहां बड़ी संख्या में अवैध गतिविधियों का संचालन हो रहा है। शहर की मुख्य कॉलोनी में उक्त कारोबार की चर्चा है, जबकि कई बार पॉश कॉलोनी में भी जिस्म फरोसी का कारोबार कई बार पकड़ाया जा चुका है, जिसमें राय़पुर मुंबई, कोलकाता, नागपुर के बार संचालक कारोबार में लिप्त रहे हैं। यहीं नहीं कॉलोनी के निवासियों ने समय-समय पर चिंता जताई और शिकायत भी की, लेकिन कार्रवाई क्यों नहीं हो रही, यह बड़ा सवाल सांसद बृजमोहन अग्रवाल ने चंगोराभाठा में महतारी सिलाई केंद्र मे जिक्र किया.
उल्लेखनीय है कि कबीरनगर, सड्डू, कचना, अमलीडीह, श्यामनगर, तेलीबांधा, पुरानी बस्ती जैसे घनी आबादी वाले रिहायशी इलाकों में पुलिस ने समय-समय पर कार्रवाई कर देह व्यापार के अड्डों का भंडाफोड़ कर इसमें शामिल महिलाओं को पकड़ाया है। यहां तक कि आरकेसी परिसर के भृत्य क्वार्टर में भी महिलाएं रंगरेलियां मनाते पकड़ी गईं। एमएलए कॉलोनी में कई ब्लॉक हैं। जहां इन ब्लॉकों में उक्त कारोबार उसी ब्लॉक में संचालित होने की जानकारी खबरी द्वारा दी गई है। खबरों के अनुसार, सौदा तय होने के बाद पहले महिलाएं निर्धारित स्थान पर पहुंचती हैं, फिर सफेद पोशाक में चार पहिया और दो पहिया वाहनों पर ग्राहक पहुंचते हैं। यह सिलसिला काफी समय से चल रहा है। जानकारी के अनुसार शहर में अलग-अलग स्थानों पर संचालित धंधों की युवतियां यहां आकर वेश्यावृत्ति में लिप्त रहती हैं। यहां के निवासी भी इस व्यवसाय के बारे में अवाक होकर बात करते देखे गए हैं, जो स्वयं भी अपमानित महसूस कर रहे हैं। लेकिन वे डर और आलस्य के कारण आगे नहीं आ पाते। यही कारण है कि इस पॉश कॉलोनी में अनैतिक कार्य तेजी से बढ़ रहा है। अधिसूचना में यह भी कहा गया है कि कॉलोनी में आपराधिक प्रवृत्तियां जारी हैं। जिस पर सुरक्षा बल ध्यान नहीं देते।
देह व्यापार का नेटवर्क का कारोबार बाजार के डिमांड के आधार पर चल रह है. इसके लिए एक बड़ा नेटवर्क काम कर रहा है इस कारोबार में जहां एक ओर धंधे के लिए लड़कियों की तस्करी की जाती है. वहीं ग्राहक भी उपलब्ध कराया जाता. कई कालोनियों में देह व्यापार गोपनीय़तरीके से चल रहा है जिसमे खास लोगों क ही बुलाया जाता है. . ऐसा नहीं है कि इस अनैतिक कार्य को खत्म करने के लिए सरकारी स्तर पर प्रयास नहीं हुए. देह व्यापार में लिप्त महिलाओं को बैंक से स्वरोजगार के लिए ऋण भी उपलब्ध कराये गये. लेकिन सरकार का यह पहल भी वेश्यावृत्ति को खत्म करने में यहां कारगर नहीं हो पा रही. धंधे में है अधिक कमाई वेश्यावृत्ति जैसे अनैतिक धंधे में कमाई अधिक है. स्थानीय स्तर पर कई सफेदपोश लोग सक्रिय हैं. जो पुलिस से लेकर स्थानीय स्तर पर किसी भी विरोध को माइनेज करता है. हाल यह है कि अब यहां न तो नर्तकी है और न ही कव्वाल. फिर भी चल रहा बाजार. दूसरे जिले से आते हैं ग्राहक अर्थशास्त्र का नियम है बिना उपभोक्ता का बाजार नहीं हो सकता. जाहिर है कि इस अनैतिक कार्य का एक व्यापक बाजार भी है. तभी तो यह धंधा फल-फूल रहा है. देह व्यापार के विरुद्ध बना है कानून भारत में देह व्यापार का कारोबार पूरी तरह अनैतिक माना जाता है और इसके रोकथाम के लिए देह व्यापार निवारण अधिनियम 1956 के धाराओं के अनुरूप विभिन्न धाराओं में कार्रवाई का प्रावधान है. इसके तहत न सिर्फ देह व्यापार कराने वाले के विरुद्ध सजा व अर्थदंड का प्रावधान है. बल्कि जिस स्थान पर वेश्यावृत्ति हो रही है तीन लड़कियों ने न्यायालय में बताय़ाकि उन्हें देह व्यापार के अनैतिक कार्य में धकेल दिया गया है।
रायपुर में पेंशनभोगियों को नशे के सौदागरों के लिए सुरक्षित जगह बन चुका है रायपुर के अड्डा में धड़ल्ले से हो रहा सूखे नशे का कारोबार, आसपास के राज्यों से हो रही तस्करी राजधानी के साथ- साथ पूरे प्रदेश में नशे का कारोबार तेजी से बढ़ता जा रहा है. राजधानी पुलिस से लेकर प्रदेश की पुलिस नशे के कारोबार पर अंकुश लगा रही है. मगर अन्य राज्यों के नशे के सौदागरों की पैठ चिंताजनक है. राजधानी में नशीली दवा बेचने का खेल जोरों पर चल रहा है. इस सूखे नशे से युवा पीढ़ी का भविष्य अंधकारमय हो रहा है और नशीली दवा बेचने वाले चांदी काट रहे हैं. नशीली दवा का सेवन कर राजधानी में कई युवा जान गंवा चुके हैं.
सूखे नशे का कारोबार नशे के सौदागरों के लिए रायपुर सुरक्षित जगह बन चुका है. उड़ीसा के रास्ते यहां आसानी से गांजे की तस्करी हो रही है. पुलिस तस्करों की धरपकड़ जरूर कर रही है. लेकिन नशे के मुख्य नेटवर्क तक पहुंचने में अब तक असफल साबित हुई है. रायपुर के बैजनाथ पारा, ईदगाह भाठा, आमानाका, गोलबाजार सहित कई ऐसे इलाके है जहां धड़ल्ले से सूखे नशे का कारोबार हो रहा है. हालांकि रायपुर पुलिस ने इस साल नशे के खिलाफ बड़ी कार्रवाई की है. तस्करों के खिलाफ लगातार कार्रवाई नशा के कारोबारियों के आंकड़ों पर नजर डालें तो रायपुर जिले में 162 नशे के मामले दर्ज किए गए. इसमें 238 नशे के सौदागरों की गिरफ्तारियां पुलिस ने की. साथ ही 1 करोड़ 43 लाख 55 हजार 763 रुपए के नशे का सामान भी जब्त किया है. वहीं उड़ीसा से गांजा लेकर रायपुर आने वाले तस्करों को रोकने के लिए पुलिस काम कर रही है. एडिशनल एसपी ग्रामीण कीर्तन राठौर के मुताबिक आरंग में अलग से चेक पोस्ट का निर्माण किया गया है. आरंग और मंदिर हसौद का रोड है जो कि उड़ीसा से डायरेक्ट लगता है, उसमें चेकिंग की कार्रवाई लगातार की जा