टेकचंद्र सनोडिया शास्त्री: सह-संपादक रिपोर्ट
नागपुर। नागपुर महानगर पालिका बिजली विभाग में व्याप्त अनियमितता और भ्रष्टाचार के चलते सरकार के भारी चपत लग रही है। इस प्रकरण की संपूर्ण जांच-पड़ताल भी जरुरी है। विगत 6 महिना पूर्व भारत सरकार द्धारा प्रदत्त G-20 उपक्रम योजना अंतर्गत नागपुर शहर एवं सिविल लाइन तथा जीरो माईल से वर्धा रोड में लगाए गए विधुतीकरण निविदा नियम और शर्तों के खिलाफ कार्य हुआ है।
बताते हैं कि घटिया दर्जे के विधुत उपकरण लगाए गए है। जबकि उच्चतम दर्जे के नाम पर बिल भुगतान किया जा रहा है। एक विधुत ठेका कार्य निविदा धारक फर्म के साईट इंचार्ज ने बताया कि सब इंजिनियर से लेकर चीप इंजिनियर और लीडर को कमीशन तय % कमीशन चाहिए? इसलिए यह शर्मनाक पाप करना नहीं पाप करने के लिए विधुत उपकरण कार्यों का ठेका प्राप्त होता है। परिणामत: घटिया दर्जे के उपकरण लगवा दिए गए।
सर्वेक्षण के मुताबिक नागपुर महानगर सिविल लाइन अंतर्गत मेन रोड जीरो माईल से आकाशवाणी, कलेक्ट्रेड के सामने से लोक निर्माण विभाग परिसर रामगिरी और पूरा सिविल लाइन परिसर तक सडक के मध्य भाग में लगाए गए विधुत उपकरणों की खस्ता हालत देखकर रोंगटे खडे हो जाएंगे। जिनमें दिखाया है कि खम्भों में लगाए गए बिजली उपकरण बाक्स के ढक्कन खुले पडे हैं। जिसमे घटिया फिटिंग बिजली विभाग को जमकर कोस रही है? मनपा बिजली विभाग के कार्यपालक अभियंता श्रीमान अजय मानकर कमीशन के माध्यम से सरकार को लाखों का चूना लगाकर गत माह सेवानिवृत्त हो चुके हैं। बताते हैं कि सेवानिवृत्त होने के दो महीना पूर्व से निविदा धारक फर्मों से जमकर % उगाही का धंधा बेखौफ चला है? अब ठेकेदार पश्चात्ताप कर रहे हैं। क्योंकि कार्यपालन अभियंता सेवानिवृत्त जो हो चुके हैं। अब उनका कोन क्या बिगाड सकता है? जो बिगाडना था सो बिगाड दिया। अब तो मनपा बिजली विभाग का भगवान ही मालिक है।
तकनीशियनों की माने तो विधुत खंडों में लगाए गए विधुत बाक्स की बिजली फिटिंग घटिया दर्जे की होने से किसी भी क्षण बिगाड आने पर पूरा शहर में अंधकार मे तब्दील हो सकता हैं। 6–7 दिसंबर से नागपुर में विधानमंडल का अधिवेशन शुरु होने वाला है। ऐसे में मनपा विधुत विभाग ने विधुत उपकरण बाक्स में सुधार नहीं लाया तो सरकार मैं बैठे बिरोधी दल के नेतागण सत्ता पक्ष की हवा खराब करने में कसर नहीं छौडेंगे?
इस संबंध में आल इंडिया शोसल आर्गनाइजेशन के अध्यक्ष टेकचंद्र सनोडिया शास्त्री ने महाराष्ट्र शासन ऊर्जा उधोग व कामगार विभाग के प्रधान सचिव से आग्रह किया है कि सिविल लाइन नागपुर की बिजली उपकरण फिटिंग की जांच-पड़ताल करवाई जाए और दोषियों पर कठोरतम कार्रवाई की जानी चाहिए। बताते हैं कि निविदा नियम और शर्तों का उलंघन करके घटिया स्तर के बिजली उपकरण लगाने से सरकार को करोडों की चपत लग चुकी है। अब देखना यह है कि महाराष्ट्र शासन के तत्संबंधित अधिकारी क्या कार्रवाई करते हौ?