राज्य के मंत्रियों के लिए आवंटित सरकारी घरों के रखरखाव और मरम्मत के लिए निजी ठेकेदारों को 26 करोड़ रुपये दिए गए. इन पैसों का भुगतान मुबंई में लोक निर्माण विभाग (PWD) के अधिकारियों ने किया था. ये पैसे उस फंड से दिए गए थे, जो इन घरों में पानी और बिजली के बिलों के भुगतान के लिए जारी किए गए थे. इंडियन एक्सप्रेस से जुड़े वल्लभ ओजारकर ने इस मसले को रिपोर्ट किया है. रिपोर्ट के मुताबिक, कथित तौर पर निजी ठेकेदारों को पैसा देने के लिए जांच की प्रक्रियाओं को दरकिनार किया गया और नियमों का उल्लंघन किया गया.
इंडियन एक्सप्रेस की जांच में पता चला कि ये पैसे राज्य के PWD के मुंबई प्रेजिडेंसी डिवीजन की ओर से 52 करोड़ रुपये के फंड से दिए गए थे. मार्च 2017 से मार्च 2023 तक 36 सरकारी बंगलों में बिजली और पानी के बिलों के भुगतान के लिए ये पैसे जारी किए गए थे. इस अवधि में राज्य में तीन सरकारें बनीं. इन घरों पर इन तीन राज्य सरकारों के मंत्रियों का कब्जा रहा, भाजपा-शिवसेना, शिवसेना-NCP-कांग्रेस और भाजपा-शिव सेना.
रिकॉर्ड के अनुसार, मुख्यमंत्री आवास ‘वर्षा’ के लिए इन 6 सालों के यूटिलिटी बिले के लिए 6.2 करोड़ रुपये जारी किए गए. इनमें से 2.37 करोड़ रुपये उन ठेकेदारों को दिए गए, जिन्होंने वहां रखरखाव और मरम्मत का काम किया था. उपमुख्यमंत्री आवास ‘सागर’ के यूटिलिटी बिल के लिए 2.76 करोड़ रुपये जारी किए गए. इनमें से 1.47 करोड़ रुपये उन्हीं कामों के लिए ठेकेदारों को दिए गए.