जानिए!नास्तिक सूतक ग्रह व्याधिदोषों का प्रादुर्भाव
भारतीय आयुर्वेद चिकित्सा विज्ञान(प्रसूति विज्ञान), गरुण पुराण और भविष्य पुराण के अनुसार नास्तिक सुतक पातक और अनिष्ट ग्रह व्याधिदोषों से ग्रसित महिला- पुरुषों के पाछे मृत्यू बडी तेजी से पीछा कर रही है.जैसे विवाह से पहले या विवाह के बाद में अशुभ दिन समय तिथि और अशुभ नक्षत्र अपवित्र स्थान पर अवैध यौन संबंध की वजह से ग्रहजनित व्याधिदोष ग्रसित पुरुषों से अनैतिक यौन संबंध की वजह कुंवारी लडकियों या बाल बच्चेदार विवाहिता महिलाओं का भविष्य तबाह हो सकता है? चुंकी नास्तिक सूतक व्याधिदोष ग्रस्त पीडित स्त्री लम्पट व्यभिचारी पुरुषों के ओंठ मुंह थूक लार गाल गला और कान नाक में 2% रक्त कैंसर, 3% एड्स, 3% क्षय रोग (टीबी), 3% त्वचा रोग, 5% मधुमेह, 15% यौन रोग (सेक्सफीवर), 5% अंधत्व , 5% वात-पित्त, 4% मस्तिष्क रोग, 10% वात-पित्त, कफ संबंधी रोग और अन्य संक्रमण पाये जाते हैं।
नास्तिक सूतक ग्रह व्याधि दोषों से पीड़ित व्यक्तियों के साथ आलिंगन, चुंबन, चूसन आदि के कारण कान, नाक, मुँह, होंठ, गाल, कंठ, हृदय, उदर, पेट, जांघ, योनि, नितंब, कमर, गुदा और मस्तिष्क में व्याधिदोष अपना घर बना लेती है.
एसी तरुण स्त्रियां कभी मां नहीं बन सकती?यदि संयोगवश वह मां बन भी गई क्योंकि असमय अनैतिक संभोग के दौरान गर्भाशय में जीवित शुक्राणु कुचल कुचलकर कर मर जाते हैं. यह अशुद्धता और उससे उत्पन्न लैंगिक अपराध का संकेत देता है। ऐसी संतान ऊपर पूरी होने के पूर्व ही शारीरिक रूप से अपंग और विकलांग हो सकती है और असमय अकाल मृत्यू हो सकती है.
उदाहरण: कई युवक-युवतियाँ अशुभ, अवांछनीय और पाप ग्रहों से पीड़ित होते हैं और धार्मिक आस्था में विश्वास नहीं रखते। और यौन विकारों के प्रभाव में आकर किसी के भी साथ अवैध और अनैतिक शारीरिक संबंध बना लेते हैं। यह उनके भावी जीवन के लिए हानिकारक है.परिणामस्वरूप, अनैतिक यौन संबंधों के कारण, बहुमूल्य जीवित शुक्राणु गर्भ में ही कुचल कुचलकर मर जाते हैं। इससे भयंकर यौन ज्वर और बांझपन हो सकता है। इससे बने-बनाए सारे काम बिगड़ते नौकरी पेशा कारोबार साक्षात्कार या परीक्षा में असफलता, और राहु, केतु, शनि दोष और अदृश्य भूत-प्रेत की बाधाओं के संकेत.घरेलू कलह, किसी का किया कराया जादू टोना टोटका, नजर दोष काम मे मन नहीं लगना,मन गलत विषयों की तरफ भटकना सह सब अनैतिक लैंगिक संबंध के कारण आपको कई समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है। इसलिए, अनैतिक यौन संबंधों से हमेशा बचना चाहिए. नास्तिक सूतक पातक ग्रह व्याधिदोष बढने से पहले ही आयुर्विज्ञान व चिकित्सा विज्ञान विशेषज्ञों ज्योतिषियों, ऋषियों, ज्ञानियों और विशेष रूप से कुशल मनोचिकित्सकों की सलाह व्याधिदोष निदान और उपचार करवाना चाहिए। समाज और पारिवारिक इज्जत लोकमर्यादा खराब होने से बचने की दृष्टी से उपरोक्त गोपनीय मामले की गंभीरता को देखते हुए, विशेषज्ञ की सलाह लेना आवश्यक है।
सहर्ष सूचनार्थ नोट्स:-
उपरोक्त लेख सामाजिक लोक मर्यादा और एड्स,गर्भाशय कैंसर ,लैंगिक-यौनांग पैरालिसेस और तपेदिक टीबी रोग प्रतिबंध की दृष्टी से सामान्य ज्ञान के लिए प्रस्तुत है.अधिक जानकारी के लिए किसी योग्य अनुभव कुशल आयुर्विज्ञान चिकित्सक विशेषज्ञों की सलाह अनिवार्य है.
सहर्ष सूचनार्थ नोट्स:
उपरोक्त लेख सामाजिक पारिवारिक लोकमर्यादा की दृष्टिकोण से सामान्य ज्ञान के लिए है. इसमे दी गई जानकारी आयुर्विज्ञान (मेडीकल सांईस) गरुण पुराण और भविष्य पुराण से संकलन करके जनहितार्थ प्रचारित है. योग्य उपचार और समस्या का समाधान के लिए विशेषज्ञों से उचित परामर्श जरुरी है.