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राममंदिर आंदोलन प्रणेता लालकृष्ण आडवाणी, मुरली मनोहर जोशी, उमा भारती, विनय कटियार और साध्वी ऋतंभरा को क्योंहीं बुलाया

राममंदिर आंदोलन प्रणेता लालकृष्ण आडवाणी, मुरली मनोहर जोशी, उमा भारती, विनय कटियार और साध्वी ऋतंभरा को क्योंहीं बुलाय

टेकचंद्र सनोडिया शास्त्री: सह-संपादक रिपोर्ट

अयोध्या। वैदिक विधि विधान से राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा सम्पन्न हूई परंतु उक्त भव्य और दिव्य प्राण प्रतिष्ठा समारोह मे राम मंदिर आंदोलन के असली प्रणेता लालकृष्ण आडवाणी, मुरली मनोहर जोशी, उमा भारती, विनय कटियार और साध्वी ऋतंभरा जी रामलला प्राण प्रतिष्ठा के समय कंहा थे तमाम विद्धान राम भक्तों की टकटकी लगी रही।
बताते हैं कि असल में लाल कृष्ण आडवाणी की उम्र 96 साल है. ऐसे में उनकी उम्र और स्वास्थ्य को देखेत हुए श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र के महासचिव चंपत राय ने उनसे राम मंदिर उद्घाटन के लिए अयोध्या नहीं आने का अनुरोध किया था.
राम मंदिर में रामलला के प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम में शामिल होने के लिए देश-दुनिया से रामभक्त अयोध्या पहुंचे हैं. 22 जनवरी का दिन रामभक्तों के लिए बहुत बड़ा दिन है. तीन दशक पहले जिन्होंने राम मंदिर आंदोलन की शुरुआत की थी उनका सपना आज सच होने जा रहा है. लाल कृष्ण आडवाणी, मुरली मनोहर जोशी, उमा भारती, विनय कटियार और साध्वी ऋतंभरा राम मंदिर आंदोलन के मुख्य चेहरे थे. आज वह दिन आ गया है, जिसके लिए उन्होंने सालों तक संघर्ष किया.

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रामलला की प्राण प्रतिष्ठा की. प्राण प्रतिष्ठा के लिए पीएम मोदी ने 11 दिन का अनुष्ठान किया था. इस खास अवसर पर देश-दुनिया के हजारों लोग अयोध्या में मौजूर रहे. आइए जानते हैं वो लोग कहां हैं, जो राम मंदिर आंदोलन का महत्वपूर्ण हिस्सा रहे-

लाल कृष्ण आडवाणी

पूर्व उप-प्रधानमंत्री लाल कृष्णा आडवाणी रामलला प्राण प्रतिष्ठा समारोह में शामिल नहीं हुए. उन्होंने बढ़ी हुई ठंड और खराब मौसम के कारण आज अयोध्या नहीं जाने का फैसला किया. लाल कृष्ण आडवाणी की उम्र 96 साल हो गई है. श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय ने भी उनकी उम्र और स्वास्थ्य को देखते हुए समारोह में शामिल होने के लिए अयोध्या नहीं आने का अनुरोध किया था. पिछले महीने ही उन्हें राम मंदिर उद्घाटन के लिए निमंत्रण मिला था, लेकिन उनके समारोह में शामिल होने को लेकर संशय बना हुआ था. हालांकि, विश्व हिंदू परिषद के एक नेता आलोक कुमार ने बीते महीने कहा था कि एलके आडवाणी समारोह में शामिल होंगे और उनके लिए हर हेल्थ फैसिलिटी मुहैया करावई जाएगी.

मुरली मनोहर जोशी

राम मंदिर आंदोलन का मुख्य चेहरा और भारतीय जनता पार्टी (BJP) के पूर्व अध्यक्ष मुरली मोनहर जोशी भी समारोह में शामिल होने के लिए अयोध्या नहीं गए. उन्होंने भी उम्र और स्वास्थ्य को देखते हुए यह फैसला लिया. मुरली मनोहर जोशी को राम मंदिर उद्घाटन के लिए निमंत्रण भेजा गया था, लेकिन उनकी बढ़ती उम्र और स्वास्थ्य के कारण समारोह में शामिल होने को लेकर संशय बना हुआ था. ऐसे में चंपत राय ने उनसे भी कार्यक्रम में शामिल होने के लिए अयोध्या नहीं आने का अनुरोध किया था.

उमा भारती

मध्य प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री और राम मंदिर आंदोलन में मुख्य भूमिका निभा चुकीं उमा भारती समारोह में शामिल होने के लिए अयोध्या में हैं. 18 तारीख को वह लखनऊ पहुंचीं, लेकिन ठंड के कारण उन्हें तेज बुखार हो गया और इसी स्थिति में वह अयोध्या पहुंच गईं. हालांकि, उन्होंने तबियत खराब होने की वजह से किसी से मुलाकात नहीं की. उमा भारती ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर ट्वीट करके इस बात की जानकारी दी. उन्होंने 22 जनवरी को भी सुबह एक फोटो पोस्ट की, जिसमें वह राम मंदिर के बाहर नजर आ रही हैं. फोटो के साथ कैप्शन में उमा भारती ने लिखा, ‘मैं अयोध्या में राम मंदिर के सामने हूं, रामलला की प्रतीक्षा हो रही है.’ आज वह भी रामलला की प्राण प्रतिष्ठा की साक्षा बनी हैं.

विनय कटियार

भारतीय जनता पार्टी (BJP) के पूर्व राज्यसभा सांसद विनय कटियार भी रामलला प्राण प्रतिष्ठा समारोह में शामिल होने के लिए अयोध्या पहुंच चुके हैं. वह भी राम मंदिर आंदोलन में खास भूमिका निभा चुके हैं. विनय कटियार ने कहा कि जब राम मंदिर आंदोलन की शुरुआत की थी तब निश्चित कल्पना की थी कि यह दिन आएगा क्योंकि सत्य निष्ठा साथ थी और ताकत भी थी, सनातन धर्म की भी ताकत थी और आगे बढ़ते गए. हनुमान गढ़ी से शुरुआत की थी और फिर आगे तक बढ़ते गए.

धाराप्रवाह प्रवक्ता सुश्री साध्वी ऋतंभरा

परम शक्ति पीठ और वत्सल्यग्राम की संस्थापक साध्वी ऋतांभरा भी रामलला प्राण प्रतिष्ठा समारोह में शामिल हुईं. रविवार को उन्होंने कहा, ‘500 साल का संकल्प पूरा हुआ है इसलिए मैं मां सरयू का धन्यवाद देने यहां आई हूं. हमें और अन्य साधु-संतों को कई बार पैसे का लालच दिया गया. हमें मामले से दूर रहने को लेकर धमकी भी दी गई, मगर अयोध्या गोलीकांड जैसा वीभत्स काम भी हमें नहीं रोक पाया. ये सपना हासिल करना आसान नहीं था.’ राम मंदिर आंदोलन में युवा सुश्री साध्वी ऋतंभरा लोगों के बीच अपने भाषणों को लेकर काफी पॉपुलर और जगजाहिर भी हैं।

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