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राज्यसभा में BJP और NDA मिलाकर 187 सांसद:बहुमत से 13 सदस्य कम! सरकार को हो

राज्यसभा में BJP और NDA मिलाकर 187 सांसद:बहुमत से 13 सदस्य कम! सरकार को हो सकती है परेशानी

टेकचंद्र सनोडिया शास्त्री: सह-संपादक रिपोर्ट

नई दिल्ली 9 घंटे पहले
राज्यसभा में NDA के पास बहुमत नहीं है, लेकिन भाजपा सबसे बड़ी पार्टी है।
राज्यसभा में NDA के पास बहुमत नहीं है,फिर भी भाजपा सबसे बड़ी पार्टी है।
संसद का बजट सत्र 23 जुलाई से शुरू हो रहा है। विपक्ष फिर से सरकार को घेरने की रणनीति बना रहा है। वहीं, राज्यसभा में भाजपा के पास 86 सीटें और सहयोगी दलों को मिलाकर यानी NDA के पास 101 सीटें हैं। चार साल बाद भाजपा की स्ट्रेंथ 90 से नीचे से चली गई है।

13 जुलाई को पार्टी के 4 मनोनीत सदस्य सेवानिवृत्त हो गए। राज्यसभा में कुल सांसदों की संख्या 245 है। फिलहाल 226 सांसद हैं। इसमें बहुमत का आंकड़ा 114 है। NDA की बहुमत के आंकड़े से 13 सीटें कम हैं। इस लिहाज से देखें तो सरकार को बिल पास कराने में परेशानी का सामना करना पड़ सकता है।

NDA को 7 राज्यों से राज्यसभा सीट मिलने की उम्मीद जताई जा रही है।
खाली19 सीटों पर जल्द ही चुनाव होने हैं। भाजपा और सहयोगी दलों को 7 राज्यों से सीटें मिलने की उम्मीद है। NDA के गणित के मुताबिक, उन्हें बिहार, महाराष्ट्र और असम से 2-2 और हरियाणा, मध्य प्रदेश, राजस्थान और त्रिपुरा से 1-1 राज्यसभा सीट मिल सकती है।

माना जा रहा है कि जिन 4 लोगों को राज्यसभा में नॉमिनेट किया गया है, वे भी सरकार का समर्थन करेंगे, क्योंकि उन्हें उच्च सदन में सरकार ही लेकर आई है। सामान्य रूप से राज्यसभा में नामित सदस्य स्वतंत्र होते हैं, लेकिन परंपरागत रूप से वे उसी का समर्थन करते हैं, जिस दल ने उन्हें नॉमिनेट किया है।
राज्यसभा में भाजपा 10 साल में 55 से 101 तक पहुंच गई। भाजपा के 2014 में 55 और 2019 में 78 सांसद थे। जून 2020 में यह संख्या 90 हो गई। इसके बाद पार्टी ने 11 सीटें जीतीं। इससे सदस्यों की संख्या 101 तक पहुंच गई। 1990 के ऐसा पहली बार हुआ था, जब किसी पार्टी ने 100 का आंकड़ा पार किया था।

राज्यसभा में 19 सीटें खाली सीटों का गणित गडबडा रहा है। राज्यसभा में जो 19 सीटें अभी खाली हैं, उनमें जम्मू-कश्मीर से 4 और नामित सदस्यों की 4 सीटें हैं। वहीं, बाकी की 11 सीटें अलग-अलग राज्यों से हैं, जिसमें असम, बिहार, महाराष्ट्र, हरियाणा, तेलंगाना, मध्य प्रदेश, राजस्थान और त्रिपुरा हैं। इनमें से 10 सीटें राज्यसभा सांसदों के लोकसभा चुनाव लड़ने और जीतने के कारण खाली हुई हैं।

एक सीट भारत राष्ट्र समिति (BRS) नेता के कांग्रेस में जाने से खाली हुई है। BRS नेता रहे के केशव राव कांग्रेस में शामिल हो गए। चुनाव आयोग ने अभी तक इन सीटों पर इलेक्शन की तारीखों का ऐलान नहीं किया है।
अभी 7 मनोनीत सदस्य मौजूद, ये किसी भी दल से संबद्ध नहीं है।
हाल ही में जो मनोनीत सदस्य राज्यसभा से रिटायर हुए, उनमें राकेश सिन्हा, राम शकल, सोनल मानसिंह और महेश जेठमलानी शामिल हैं। 7 मनोनीत सदस्यों ने किसी भी दल की सदस्यता नहीं ली हुई यानी वे असंबद्ध सदस्य हैं। केंद्र सरकार की सिफारिश पर राष्ट्रपति कुल 12 सदस्यों को राज्यसभा के लिए मनोनीत करते हैं।
अबकी बार NDA 300 से नीचे, क्या मुश्किलें बढ सकती है? इससे संसद में कौन से बिल अटक सकता हैं? और क्या-क्या नहीं कर पाएगी मोदी सरकार
18वीं लोकसभा का पहला सत्र 3 जुलाई को खत्म हुआ। इस बार की लोकसभा थोड़ी बदली-सी दिखी। PM नरेंद्र मोदी के कार्यकाल में पहली बार BJP बहुमत से नीचे सिमट गई। सहयोगी दलों को मिलाकर भी संख्या 293 ही पहुंची। दूसरी तरफ विपक्ष इस बार 234

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