नई दिल्ली । ट्रेमर रोग एक ऐसी समस्या है, जिसमें शरीर का कोई भी हिस्सा लगातार कांपता है। इस बीमारी में सबसे पहले हाथों पर असर होता है। मरीज का प्रतिरक्षा प्रणाली, दिमाग और नसें प्रभावित होती हैं, जिससे हाथ कांपने लगते हैं। किसी हल्की सी वस्तु को उठाने या कुछ लिखने में भी हाथ कांपना। यह ट्रेमर रोग के लक्षण हैं, जिनका जल्द से जल्द उपचार करवाने में ही समझदारी है। इसमें हाथों में कंपन्न की स्थिति अधिक गंभीर रूप ले लेती है। यह ज्यादातर 40 साल से ज्यादा उम्र के लोगों को होता है।
ट्रेमर एक ऐसी समस्या है, जिसमें शरीर का कोई भी हिस्सा लगातार कांपता है। डॉक्टरों का अनुसार यह एक तरह का नर्वस डिसऑर्डर है जिसमें पहले हाथ कांपने लगते हैं, बाद में यह धीरे धीरे शरीर में फैलने लगती है। सामान पकड़ते समय या कुछ समय के लिए हाथ सीधा रखने की कोशिश के दौरान लगातार हाथ का कांपना और इस पर चाहकर भी नियंत्रण न कर पाना ट्रेमर्स के लक्षण होते हैं। इसमें हाथों में कंपन्न की स्थिति अधिक गंभीर रूप ले लेती है। यही नहीं इससे कभी कभी आवाज भी कपकपाने लगती है। यह समस्या मध्यम और बढ़ती उम्र वर्ग के लोगों में ज्यादा देखी जाती है। मगर यह ज्यादातर 40 साल से ज्यादा उम्र के लोगों को होता है। दिमाग के कुछ क्षेत्र में असामान्य संचार के कारण हाथ-पैरों के कांपने की समस्या शुरू होती है। महिला और पुरुष दोनों को यह समस्या समान रूप से प्रभावित करती है। जब युवावस्था में ही हाथ कांपने लगे, तो इसे नजरअंदाज करना ठीक नहीं है। आपके हाथ भी कम उम्र में ही कांपने लगे हैं, तो एक बार डॉक्टर से संपर्क जरूर कर लें।
ट्रेमर रोग उत्पत्ति के कारण
चोट के अलावा इस बीमारी के कारण वंशानुगत भी होते हैं। यदि माता के परिवार में यह दिक्कत किसी को रही होती है तो बेटे में यह बीमारी जाने के चांस बढ़ जाते हैं। वहीं, अगर पिता के परिवार में किसी को इस तरह की दिक्कत होती है तो बेटी में इस बीमारी के ट्रांसफर होने की आशंका अधिक होती है।
इस बीमारी में ब्रेनस्टेम पूरी तरह से नष्ट हो जाता है। इसके अलावा अन्य कारणों जैसे अधिक मात्रा में शराब पीना, लीवर का खराब हो जाना, पार्किंसन, थाइराइड , मेंटल डिसआर्डर, कैल्शियम, पोटैशियम की भी इस समस्या का कारण बन सकती है।
आज की तनावपूर्ण जीवन शैली में जिन लोगों को बहुत गुस्सा आता है या जिनकी नींद नहीं पूरी होती हैं उन्हें ट्रेमर जैसी बीमारी होने का डर रहता है। विटामिन बी 12 की कमी से आपका तंत्रिका तंत्र प्रभावित होता है, जिससे हाथ कांपने लगते हैं। इसलिए जरुरी है कि आप अंडे, मछली, और दूध से बनी चीजें खाएं।
ट्रेमर रोग का खास निदान
इस समस्या के निदान के लिए आप फिजिशियन, न्यूरॉलजिस्ट, सायकाइट्रिस्ट से मिल सकते हैं। आपकी स्थिति के हिसाब से ये आपकी बीमारी से जुड़ी सलाह और दवाई आपको सुझाएंगे। ट्रेमर के लिए मेडिकल और सर्जिकल दोनों तरह के इलाज उपलब्ध हैं। कुछ मामलों में तो मरीज द्वारा ली जाने वाली किसी विशेष ड्रग्स को बंद कर देना या कम करना ही काफी होता है।
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एक्सरसाइज अव्श्य करें :
हाथ-पैर कांपने की समस्या को दूर करना है, तो कुछ मिनट मेडिटेशन भी करें। स्वीमिंग करें, गहरी सांस लें, चलें-दौड़ें। भरपूर नींद लें। इससे तनाव कम होगा और हाथ कांपने की परेशानी दूर होगी।
कैफीन, एल्कोहल से करें परहेज :
कैफीन, एल्कोहल का सेवन न करें। इनसे तंत्रिका तंत्र की सक्रियता बढ़ती है, जिसके कारण हाथ कांपने लगता है। रिफाइन शुगर न लें, क्योंकि इससे ब्लड शुगर बढ़ता है और इंसुलिन असंतुलित हो जाता है। इस वजह से भी हाथ पैर कांपने लगता है।