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नागपुर जिले में अश्विन शारदीय नवरात्रि महोत्सव की तैयारियां जोरों पर

नागपुर जिले में अश्विन शारदीय नवरात्रि महोत्सव की तैयारियां जोरों पर

टेकचंद्र सनोडिया शास्त्री:सह-संपादक की रिपोर्ट

नागपुर। इस साल अश्विन शारदीय नवरात्रि आध्यात्मिक महोत्सव की तैयारियां जोरों पर शुरु है। शारदीय नवरात्र की शुरुआत 15 अक्तूबर 2023, रविवार से हो रही है। श्रीक्षेत्र श्री महालक्ष्मी जगदंबा संस्थान कोराडी , मां दुर्गा मंदिर छावनी नागपुर, आज्ञाराम देवी मंदिर गणेश पेठ नागपुर, गीतामंदिर सुभाष रोड नागपुर , भवानी माता मंदिर पारडी और अन्य सभी देेवस्थानों मे मनोकामना अखंड ज्योति स्थापित किए जाएंंगे।यहां कतारबद्ध देवी के दर्शनों की व्यापक व्यवस्था की गई है। यहां तगडा पुलिस बन्दोबस्त और चाक-चौबंद कडी सुरक्षा व्यस्था रहेगी । जगह जगह सीसीटीवी कैमरे से मेले का अवलोकन और निरीक्षण होते रहेगा?और माता की पूजा अर्चना और दर्शन का आंखों देखा हाल भक्तजन अपने घर पर टीवी पर देख सकेंगे। इसके अलावा यहां यात्रियों के मनोरंजन के लिए सर्कस और विविध प्रकार के झूले और दुकानें सुसज्ज है। आध्यात्मिक आस्थाओं के साथ- साथ दूर दूर से आने वाले भक्तों के लिए तीर्थ स्थल मे भव्य भक्त निवास उपलब्ध है।
वैसे भी यह समर्पित पर्व 15 अक्तूबर से शुरू होकर 23 अक्तूबर 2023, मंगलवार तक चलेगा। वहीं 24 अक्टूबर को विजयादशमी यानी दशहरा का पर्व मनाया जाएगा। नवरात्रि के नौ दिनों में मां दुर्गा के नौ स्वरूपों की विधि-विधान से पूजा की जाएगी। वैसे तो माता रानी सिंह की सवारी करती हैं, लेकिन नवरात्रि में जब धरती पर आती हैं तो उनकी सवारी बदल जाती है। मां जगदंबे के आगमन की सवारी नवरात्रि के प्रारंभ वाले दिन पर निर्भर करती है। यानी नवरात्रि की शुरुआत जिस दिन होती है, उस दिन के आधार पर उनकी सवारी तय होती है। इसी प्रकार से वह जिस दिन विदा होती हैं, उस दिन के आधार पर प्रस्थान की सवारी तय होती है। ऐसे में चलिए जानते हैं नवरात्रि में माता रानी के अलग-अलग वाहन और उनके संकेतों के बारे में होती है। इस दिन से शुरू हो रही है शारदीय नवरात्रि, जानें कलश स्थापना का मुहूर्त और महत्व अलग-अलग वार यानी दिन के अनुसार नवरात्रि में मां दुर्गा के वाहन डोली, नाव, घोड़ा, भैंसा, मनुष्य व हाथी होते हैं।
इस नवरात्रि क्या होगा माता रानी का वाहन?
इस बार शारदीय नवरात्रि की शुरुआत रविवार से हो रही है और जब रविवार के दिन से नवरात्रि शुरू होती है तो माता का वाहन हाथी होता है। हाथी पर सवार होकर माता का आगमन अधिक वर्षा का संकेत है।
मान्यता के अनुसार यदि नवरात्रि सोमवार या रविवार से शुरू हो रही है तो मां दुर्गा का वाहन हाथी होता है, जो अधिक वर्षा के संकेत देता है। वहीं यदि नवरात्रि मंगलवार और शनिवार शुरू होती है, तो मां का वाहन घोड़ा होता है, जो सत्ता परिवर्तन का संकेत देता है। इसके अलावा गुरुवार या शुक्रवार से शुरू होने पर मां दुर्गा डोली में बैठकर आती हैं जो रक्तपात, तांडव, जन-धन हानि का संकेत बताता है। वहीं बुधवार के दिन से नवरात्रि की शुरुआत होती है, तो मां नाव पर सवार होकर आती हैं। नाव पर सवार माता का आगमन शुभ होता है।
मां दुर्गा के प्रस्थान की सवारी और उनके संकेत
अगर नवरात्रि का समापन रविवार और सोमवार के दिन हो रहा है, तो मां दुर्गा भैंसे पर सवार होकर जाती हैं, जिसे शुभ नहीं माना जाता है। इसका मतलब होता है कि देश में शोक और रोग बढ़ेंगे। वहीं शनिवार और मंगलवार को नवरात्रि का समापन हो तो मां जगदंबे मुर्गे पर सवार होकर जाती हैं। मुर्गे की सवारी दुख और कष्ट की वृद्धि को ओर इशारा करता है। बुधवार और शुक्रवार को नवरात्रि समाप्त होती है, तो मां की वापसी हाथी पर होती है, जो अधिक वर्षा को ओर संकेत करता है। इसके अलावा यदि नवरात्रि का समापन गुरुवार को हो रहा है तो मां दुर्गा मनुष्य के ऊपर सवार होकर जाती हैं, जो सुख और शांति की वृद्धि की ओर इशारा करता है?

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