लोकसभा चुनाव में कांग्रेस को जिताने प्रियंका गांधी द्धारा मठ मंदिरों मे पूजा अर्चना और अनुष्ठान शुरु।
टेकचंद्र सनोडिया शास्त्री: सह-संपादक रिपोर्ट
नई दिल्ली। कांग्रेस की राष्ट्रीय महासचिव सौ प्रियंका गांधी वाड्रा देश के तमाम मतदाता जनता-जनार्दन नागरिकों को भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस की तरफ आकर्षित करने और आगामी 2024 के लोकसभा चुनाव मे कांग्रेस को पूर्ण बहुतों से विजया दिलाने के लिए भारत वर्ष के सिद्ध मठ मंदिरों और देवालयों में विधिवत हवन पूजन यज्ञ अनुष्ठान करवाना शुरु कर दिया है? जिसे लेकर कांग्रेस के प्रतिपक्ष दलों के दिलों दिमाग और ह्रदय में व्यथा वेदनाओं के पहाड फूटने और टूटने लगे हैं। और पार्टी विरोधियों में धडकनें तेज होने लगीं है। कांग्रेस के परिपक्व सूत्रों की माने तो देवी के शक्तिपीठों में चामुण्डा देवी के वैदिक तांत्रोक्त बीज मंत्र और सागर मंत्र तथा मां भगवती पीताम्बर देवी और कामाख्या मंदिरों में हल्दी चंदन की मालाओं से जाप और हवन अनुष्ठान करवाया जा रहा है। बताते हैं कि तत्कालीन प्रधान मंत्री श्रीमती इंदिरा गांधी ने सिद्ध महंत चंद्रा स्वामी के मार्गदर्शनो मे अनेक देवस्थानों में जाप हवन अनुष्ठान और पूजा अर्चना करवाती थीं?
सनातन धर्म के आध्यात्म विशेषज्ञों की माने तो स्वर्गवासी पूर्व प्रधानमंत्री श्रीमती इंदिरा जी शंकराचार्य जगतगुरु और महामण्डलेश्वर के आश्रमों और मंदिर मठों मे आयोजित कार्यक्रमों मे जरूरतमंदों को वस्त्राभूषण रुपये और भोजन दान और महाप्रसाद करवाया करतीं थी? विद्धान पंडितों ने कांग्रेस नेत्री महासचिव प्रियंका गांधी को चेताया है कि भारतवर्ष युग युगों से वैदिक सनातन संस्कृति का गढ रहा है। देश में अगर कांग्रेस को सत्ता चाहिए तो वैदिक पुरातन प्रथा को मानना होगा। और उसके अनुरूप अपना जीवन सार्थक बनाना पडेगा। बताते हैं कि विगत फरवरी- मार्च में पूर्व CM कमलनाथ की प्रमुखता में राहुल गांधी और प्रियंका गांधी वाड्राने विधिवत मां नर्मदा की पूजा अर्चना तथा उज्जैन के महाकालेश्वर मंदिर में पूजा अर्चना की थी? परिणामत: उन्हे काफी अच्छे संकेत मिले थे।
इसके अलावा देश के विख्यात बडे बडे और सिद्ध मुश्लिम दरगाहों में भी वहूमूल्य चादर चढाने तथा माथा टेकने का भी दौर शुरू है। इतना ही नहीं गत माह कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने सिक्ख धर्म गुरु नानकदेव जी के अमृतसर स्थित स्वर्ण मंदिर में माथा टेका और श्रद्धालुओं के जूठे भोजन पात्र भी धोया था। इसके अलावा श्रीमती सोनिया गांधी राहुल गांधी और प्रियंका गांधी वाड्रा भगवान ईसामसीह के जन्म संस्कार धानी एरुसलम को नमन और प्रार्थना करने जाते रहते हैं। अंग्रेज विशेषज्ञों की माने तो उसी एरुसलम की दयादृष्टी और कृपा से अंग्रेजुएट ने पूरी दुनियां में शासन किया है?
ज्ञातव्य है कि विगत माह उत्तरप्रदेश के सहारनपुर में चिलकाना में किसान पंचायत में शामिल होने से पहले प्रियंका गांधी ने आदि शक्ति मां शाकंभरी देवी के दरबार में मत्था टेका और पूजा अर्चना की। उन्होंने इस्लामिक जगत से जुड़े ऐतिहासिक और धार्मिक स्थल खानकाह रहीमी रायेपुर में भी हाजिरी लगाकर देश में अमन चैन की दुआ की।
प्रियंका गांधी ने शाकंभरी देवी मंदिर में पूजा-अर्चना
प्रियंका गांधी देहरादून से सिद्धपीठ श्री शाकंभरी देवी मंदिर पहुंची थख। यहां उन्होंने पहले बाबा भूरादेव मंदिर में प्रसाद चढ़ाया और पूजा की। 1 बजकर 10 मिनट पर उनका काफिला मां शाकंभरी देवी मंदिर पहुंचा। यहां उन्होंने मां के चरणों में मत्था टेका और प्रसाद चढ़ाने के बाद मां भगवती के सामने ध्यान लगाकर बैठ गईं।
45 मिनट तक यहां मंत्रोच्चारण के साथ उन्होंने मां भगवती का ध्यान किया। मंदिर के पुजारी पंडित गोपी किशन, आचार्य सत्येंद्र कृष्ण शास्त्री, पंडित विनय मिश्रा, पंडित राघव शर्मा, पंडित सुमित कौशिक, पंडित अंकुर भारद्वाज ने विधिवत पूजन कराया। इस दौरान मंदिर व्यवस्थापक दान आदित्य प्रताप एवं राणा सानिध्य प्रताप सिंह ने उन्हें मां शाकंभरी की कथा सुनाई।
यहां से वह खानकाह रहीमी रायेपुर के लिए निकल गईं। 2 बजकर 41 मिनट पर वह खानकाह पहुंचीं। मुतवल्ली शाह अतीक अहमद से मिलीं। यहां उन्हें खानकाह की तरफ से मिठाई और बुके दिया गया। ऑल इंडिया मिल्ली काउंसिल के जिलाध्यक्ष मौलाना डॉ. अब्दुल मालिक मुगीसी ने उन्हें मोमेंटो भेंट किया।
इसके बाद वह खानकाह के हॉल में गईं और लोगों से हाथ जोड़कर प्रणाम करते हुए कहा कि वह यहां देश में अमन चैन की दुआ करने के लिए आई हैं। पांच मिनट बाद ही प्रियंका यहां से चिलकाना में आयोजित किसान पंचायत में शामिल होने के लिए निकल गईं। उनके साथ पूर्व विधायक इमरान मसूद, क्षेत्रीय विधायक नरेश सैनी, देहात सीट से विधायक मसूद अख्तर आदि मौजूद रहे।
कांग्रेस पार्टी के पण्डया पुजारियों ने सोनिया गांधी और प्रियंका गांधी वाड्रा को समझाया कि यह अच्छा और सुवर्ण अवसर है जब कांग्रेस के मुख्य विरोधी पार्टी के बडे-बडे हिन्दग नेता मांसाहार तामसी भोजन और मदिरा पान करने लगे हैं। परिणामत: उनकी बुद्धी भ्रष्ट होने के कारण आगामी 2024 के लोकसभा चुनाव में विरोधियों को बुरी तरह पराजय का सामना करना पडेगा? और कांग्रेस को विजयी प्राप्त हो सकती है?