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किरण बेदी ने राज्यपाल का सूत्र संभाला : पंजाब के राज्यपाल बनवारीलाल पुरोहित का इस्तीफा

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पंजाब के राज्यपाल बनवारीलाल पुरोहित का इस्तीफा? किरण बेदी ने राज्यपाल का सूत्र संभाला

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टेचंद्र सनोडिया शास्त्री:सह-संपादक रिपोर्ट

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पंजाब के गवर्नर बनवारीलाल पुरोहित ने राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को अपना इस्तीफा सौंप दिया है. बनवारीलाल 2021 में पंजाब के गवर्नर बनाए गए थे.उनके रिक्त स्थान पर IAS किरण बेदी ने पंजाब के राज्यपाल का सूत्र संभाल लिया हैं।

पंजाब के राज्यपाल बनवारीलाल पुरोहित शनिवार को अपने पद से इस्तीफा दे दिया. उन्होंने राष्ट्रपति को अपना इस्तीफा भेज दिया है. इस्तीफे में उन्होंने लिखा है कि वह निजी कारणों से यह निर्णय ले रहे हैं. बनवारीलाल पुरोहित ने राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू (Droupadi Murmu) के नाम चिट्ठी में लिखा, ”व्यक्तिगत कारणों और अन्य प्रतिबद्धता के कारण, मैं पंजाब के गवर्नर और केंद्र शासित प्रदेश चंडीगढ़ के प्रशासक के तौर पर अपना इस्तीफा देता हूं. कृपया इसे स्वीकार करें.”

 

83 वर्षीय बनवारी लाल पुरोहित इससे पहले 2017 से 2021 के बीच तमिलनाडु के गवर्नर रहे हैं. 2016-2017 के बीच वह असम के गवर्नर भी रह चुके हैं. जबकि अगस्त 2021 में उन्होंने पंजाब के 29वें गवर्नर के रूप में शपथ ली थी. उन्होंने करीब साढ़े तीन साल बाद अपने पद से इस्तीफा दे दिया. बनवारीलाल पुरोहित भारतीय जनता पार्टी की तरफ से नागपुर लोकसभा सीट से तीन बार सांसद भी रह चुके हैं. वहीं, इसके पहले वह दो बार कांग्रेस के टिकट से इसी सीट से सांसद रहे हैं.

 

राज्यपाल और सीएम के बीच चल रही थी तनानती

बता दें कि पंजाब के सीएम भगवंत मान और राज्यपाल बनवारीलाल पुरोहित के बीच अनबन चल रही थी. सीएम मान ने दो दिन पहले ही गवर्नर पर निशाना साधते हुए उनपर तंग करने के आरोप लगाए थे. मान ने कहा था कि प्रदेश में हमारी चुनी हुई सरकार है. हम निर्वाचित तरीके से राज करेंगे या सेलेक्टेड तरीके से शासन करेंगे. लोकतंत्र में निर्वाचित तरीके से शासन होता है. भगवंत मान ने यह भी कहा था कि राज्यपाल बात-बात पर कह देते हैं कि यह गैरकानूनी और वह कानूनी है. बता दें कि राज्यपाल के साथ उनकी तनातनी की वजह कुछ विधेयक भी थे जिन्हें राज्यपाल ने पहले मंजूरी नहीं दी थी जिसके खिलाफ मान सुप्रीम कोर्ट गए थे. इसके बाद फिर राज्यपाल ने विधेयकों को मंजूरी दे दी थी.

दरअसल में राज्यपाल बनवारीलाल पुरोहित को पंजाबी भाषा का ज्ञान और बोलचाल नहीं आने से काफी दिक्कतें आ रहीं थी। कभी कभी उन्हे भाषा अभाव मे वैचेनी और छोभ उत्पन्न हो रहा था। उन्हे भाजपा आलाकमान के द्धारा दी गई जिम्मेदारी निभाने में संकोच हो रहा था।

परिणामत: राष्ट्राध्यक्ष मुर्मू ने पंजाबी भाषा पारंगत IPS अधिकारी किरण वेदी को पंजाब के राज्यपाल सौंपना बेहतर समझा ,

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