भाग:266) मर्यादा पुरुषोत्तम श्रीराम ने लव-कुश राजतिलक करके सौंपी दी कौशलपुुर की कमान टेकचंद्र सनोडिया शास्त्री: सह-संपादक रिपोर्ट कालिदास के रघुवंश पुराण के अनुसार श्रीरामजी ने अपने पुत्र लव को शरावती तो कुश को कुशावती राज्य सौंपा. लव का राज्य उत्तर भारत में था तो कुश का राज्य दक्षिण कौशलपुर में. कुश की राजधानी कुशावती आज के बिलासपुर जिले में …
Read More »(भाग:265) अपने पुत्र लव-कुश को जन्म शिक्षा और संस्कार देकर अंतत: माता सीता धरती में समा गई?
भाग: 265) अपने पुत्र लव-कुश को जन्म शिक्षा और संस्कार देकर अंतत: माता सीता धरती में समा गई? टेकचंद्र सनोडिया शास्त्री: सह-संपादक रिपोर्ट देवी सीता माता धरती से ही प्रकट हुई थीं और अंत में धरती में ही समा गईं। जिस स्थान पर देवी सीता भूमि में समाई थीं उस स्थान को लेकर कई तरह की मान्यताएं हैं। एक मान्यता …
Read More »(भाग:264)अश्वमेध घोडा के लिए श्रीराम दल व लव-कुश के बीच युद्ध में हनुमान भरत शत्रुघ्न लक्षमण हारे
भाग:264)अश्वमेध घोडा के लिए श्रीराम दल व लव-कुश के बीच युद्ध में हनुमान भरत शत्रुघ्न लक्षमण हारे टेकचंद्र सनोडिया शास्त्री: सह-संपादक रिपोर्ट अश्वमेध यज्ञ में यज्ञ करवाने वाले राजा द्वारा सेना के साथ अश्व को दूर दूर के राज्यों तक भेजा जाता है। जो अपने राज्य से अश्व को चले जाने देता है, वह उस राजा की दासता स्वीकार कर …
Read More »(भाग:264) मर्यादा पुरुषोत्तम श्रीरामचंद्रजी द्धारा छोडा गया अश्वमेध यज्ञ का घोडा को लव-कुश ने पकडा
भाग:264) मर्यादा पुरुषोत्तम श्रीरामचंद्रजी द्धारा छोडा गया अश्वमेध यज्ञ का घोडा को लव-कुश ने पकडा टेकचंद्र सनोडिया शास्त्री: सह-संपादक रिपोर्ट इसके बाद प्रभु श्री राम ने अयोध्या का राज्य संभालने के लिए अश्वमेध यज्ञ किया और घोड़े के गले में लिखा गया कि इस घोड़े को कोई पकड़े अगर कोई घोड़े को पकड़ेगा तो उसे युद्ध करना होगा। उन दिनों …
Read More »(भाग:263) महर्षि बाल्मीकि के द्वारा गुरुकुल में लव कुश को वैदिक सनातन शिक्षा प्राप्त कराया गया था?
भाग:263) महर्षि बाल्मीकि के द्वारा गुरुकुल में लव कुश को वैदिक सनातन शिक्षा प्राप्त कराया गया था? टेकचंद्र सनोडिया शास्त्री: सह-संपादक रिपोर्ट उत्तररामचरित में वाल्मीकि के आश्रम में लव-कुश के साथ पढ़ने वाली आत्रेयी नामक स्त्री का उल्लेख हुआ है। जो इस बात का पुष्ट प्रमाण है कि उस युग में सह-शिक्षा का प्रचार था। इसी प्रकार `मालती-माधव’ में भी …
Read More »अमरकंटक से रेवा माई नर्मदा परिभ्रमण के लिए नागपुर विदर्भ से 612 श्रद्धालुओं का जत्था रबाना
अमरकंटक से रेवा माई नर्मदा परिभ्रमण के लिए नागपुर विदर्भ से 612 श्रद्धालुओं का जत्था रबाना टेकचंद्र सनोडिया शास्त्री: सह-संपादक रिपोर्ट मां रेवामैया नर्मदा की परिभ्रमण यात्रा महाशिव रात्रि की पूर्व संध्या को अमरकंटक के कपील घाट से शुभारंभ किया गया। मानव धर्म सेवा मंडल और राष्ट्रीय जन चेतना मंच के संयोजक टेकचंद्र सनोडिया शास्त्री: सह-संपादक डिजिटल मीडिया विश्वभारत और …
Read More »(भाग:262) सीता जी को बनवास? महर्षि वाल्मीकि ने आश्रय दिया जहां उन्होनें लव-कुश के जन्म दिया
भाग:262) सीता जी को बनवास? महर्षि वाल्मीकि ने आश्रय दिया जहां उन्होनें लव-कुश के जन्म दिया टेकचंद्र सनोडिया शास्त्री: सह-संपादक रिपोर्ट मर्यादा पुरुषोत्तम श्रीराम द्धारा माता सीता जी को बनवास दिया गया उन्हे महर्षि वाल्मीकि ने आश्रय दिया था। सीताजी ने लव और कुश को जन्म दिया था। वाल्मीकि रामायण के उत्तर कांड की रामायण अनुसार समाज के द्वारा माता …
Read More »अमरकंटक महाशिवरात्रि मेला में उमड़े लाखों शिवभक्त : मां नर्मदा-भोलेनाथ की पूजा-अर्चना और परिक्रमा शुरु
अमरकंटक महाशिवरात्रि मेला में उमड़े लाखों शिवभक्त : मां नर्मदा-भोलेनाथ की पूजा-अर्चना और परिक्रमा शुरु टेकचंद्र सनोडिया शास्त्री: सह-संपादक रिपोर्ट अमरकंटक । मध्यप्रदेश के राजनगांव जिला तथा छत्तीसगढ के विलासपुर जिले की सीमा पर स्थित मां नर्मदा का उद्दगम स्धल अमरकंटक तीर्थ स्थल में यह बहुत जोरदार मेला लगता है। पिछले हजारों- लाखों वर्षों से चला आ रहा यह मेला …
Read More »(भाग:261) मर्यादा पुरुषोत्तम श्रीराम की कथित आस्था से ज्यादा प्रभु के चरित्र और आचरण का अनुसरण और अनुकरण जरुरी हैं
भाग:261) मर्यादा पुरुषोत्तम श्रीराम की कथित आस्था से ज्यादा प्रभु के चरित्र और आचरण का अनुसरण और अनुकरण जरुरी हैं टेकचंद्र सनोडिया शास्त्री: सह-संपादक रिपोर्ट मर्यादा पुरुषोत्तम श्रीराम के लिए पशु-पक्षी से लेकर हर प्राणी के लिए दयालु स्वभाव रखते थे. भगवान राम ने अपने इसी गुण के कारण हर किसी को अपनी छत्रछाया में लिया. भगवान राम ने सुग्रीव, …
Read More »(भाग:260) मर्यादा पुरुषोत्तम श्रीराम के परित्याग के बाद वन देवी के रूप में यहां वाल्मीकि आश्रम में रहीं थी सीतामाई
भाग:260) मर्यादा पुरुषोत्तम श्रीराम के परित्याग के बाद वन देवी के रूप में यहां वाल्मीकि आश्रम में रहीं थी सीतामाई टेकचंद्र सनोडिया शास्त्री: सह-संपादक रिपोर्ट महर्षि वाल्मीकि का आश्रम गंगा पार तमसा नदी के तट पर था। यह भी कहा जाता है कि सीता जब गर्भवती थीं तब उन्होंने एक दिन राम से एक बार तपोवन घूमने की …
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