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(भाग:210) धरती की पोषण शक्ति अनंत है, धरती की मिट्टी में जीव जन्तू जलवायू वृक्ष और वनौषधि विधमान है

भाग:210) धरती की पोषण शक्ति अनंत है, धरती की मिट्टी में जीव जन्तू जलवायू वृक्ष और वनौषधि विधमान है

टेकचंद्र सनोडिया शास्त्री: सह-संपादक रिपोर्ट

पृथ्वी में प्राण पोषक तत्व मौजूद है इससे प्राणीजगत को अन्न औषधीय जल वायू मिलती है, जो हमारे शरीर को बनाता है। प्रकृति के साथ जो गंध और ध्वनि है, वह सदैव हमें करुणा और सेवा भाव से जोड़ता है।

इस रहस्यमयी शहर की आधी आबादी करती है आत्माओं से बातें, यहां के लोगों को मिली हैं अलौकिक शक्तियां
आज के समय में अगर कोई आपसे कहे कि वो आत्माओं से बातें करता है, तो क्या आप मानेंगे। यकीनन आप नहीं मानेंगे, क्योंकि दुनिया में अंधविश्वास इतना बढ़ गया है कि कोई अगर आपसे सच भी कहे तो आप उसपर जल्दी विश्वास नहीं करेंगे। लेकिन आज हम आपको एक ऐसे शहर के बारे में बताने जा रहे हैं, जहां 1-2 लोग नहीं बल्कि वहां की आधी आबादी आत्माओं से बातें करती है।
अमेरिका का कासाडागा टाउन दुनिया के सबसे विचित्र शहरों में से एक है। इस शहर को ‘साइकिक कैपिटल’ के नाम से भी जाना जाता है। कहते हैं कि यहां रहने वाले अधिकतर लोग मनोविज्ञान के जानकार हैं और वो मरे हुए लोगों यानी कि आत्माओं से बातें करने का दावा करते हैं।

आध्यात्मिक गुरु जॉर्ज कॉल्बी ने साल 1875 में बसाया था। पहले यहां बहुत कम लोग थे, लेकिन बाद में धीरे-धीरे यहां दूसरे शहरों से भी लोग आकर बसने लगे और वो खुद भी आध्यात्मिक गुरु बन सकते हैं
आज के समय में इस शहर में 100 से अधिक आध्यात्मिक गुरु हैं, जो आत्माओं से बातें करने का दावा करते हैं। उनका कहना है कि उनके अंदर ऐसी शक्ति मौजूद है, जिससे वह माध्यम बनकर या अन्य तरीकों से परलोक गए व्यक्तियों की आत्माओं से संपर्क कर सकते हैं।

कहा जाता है कि हर साल यहां हजारों लोग बुरी आत्माओं से मुक्ति पाने के लिए आते हैं। इस शहर की अर्थव्यवस्था का ये एक प्रमुख आधार भी है। यहां के आध्यात्मिक गुरु दावा करते हैं कि वो टैरो कार्ड्स और हस्तरेखाओं को पढ़कर आत्माओं से संपर्क करते हैं।

मनुष्य की तरह पृथ्वी की भी एक हार्टबीट यानी धड़कन है। पृथ्वी की यह धड़कन मानव की तरह ही उसके जिंदा होने का सबूत है। एक स्टडी में इस रहस्य का खुलासा हुआ है। इस स्टडी में कई नई जानकारियां सामने आई हैं। आईए जानते हैं आखिर ये रहस्य क्या है?

लाखों साल पुरानी है नब्ज

अगर पृथ्वी और इंसान के अस्तित्व की तुलना की जाएगी तो मानव जीवन इसके आगे कुछ भी नहीं है। पृथ्वी की भी एक जिंदगी है और एक दिमाग है जो एक प्रकृति है और ये उसी के मुताबिक बर्ताव भी करती है। वैज्ञानिकों का कहना है कि धरती पर कई ऐसी चीजें होती हैं जिसके बारे में इंसान के लिए अंदाजा लगाना भी मुश्किल है। इसको नियंत्रित करने के बारे में किसी को सोचना भी नहीं चाहिए।

न्यूयॉर्क यूनिवर्सिटी के जियोलॉजिस्ट माइकल रैम्पिनो धरती के रहस्यों के बारे में जानना चाहते थे। इसलिए उन्होंने अपनी टीम के साथ मिलकर धरती को लेकर एक रिसर्च किया। इस रिसर्च में हैरान करने वाली जानकारियां सामने आईं। इस रिसर्च में खुलासा हुआ कि पृथ्वी की अपनी एक हार्टबीट और नब्ज भी है जो 27.5 मिलियन साल की हो चुकी है।
इस स्टडी में पता चला है कि अब अगली बार धरती का दिल करीब 2 करोड़ साल बाद धड़केगा। इसका मतलब यह हुआ कि 2 करोड़ साल के बाद धरती पर फिर प्रलय आएगी। माइकल बताते हैं कि पृथ्वी पर घटने वाली छोटी-मोटी प्राकृतिक घटनाएं कोई आपदा नहीं हैं। बड़ी आपदा उस समय आएगी जब धरती का दिल धड़केगा और उसकी भूगर्भीय नसों में पल्स दौड़ेने लगते है

माइकल का कहना है कि आकड़ों के मुताबिक, यह एक सामान्य भूगर्भीय प्रक्रिया है जो अचानक घटती है। कई भूगर्भीय हलचलों का आपस में एक संबंध होता है। जब सारे क्रम एक साथ जुड़ते हैं, तब उस समय धरती का दिल धड़कता है। यह उसी तरह है जैसे किसी इंसान की सांस अटक जाए और वह हाथ-पैर मारने लगे। ठीक वैसे ही धरती की भी धड़कन अटकी हैं जैसे ही एक बार पूरी होगी। भारी तबाही के बाद सबकुछ सही हो जाएगा।
माइकल और उनकी टीम की रिपोर्ट के मुताबिक, स्टडी में खुलासा हुआ है कि जब धरती सांस लेती है, तो समुद्री और गैर-समुद्री जीवों का सामूहिक संहार होता है। सुनामी जैसी भयानक घटनाएं होती हैं। महाद्वीप तबाह हो जाते हैं और कुछ समुद्र में समा जाते हैं और कुछ अंदर से बाहर आ जाते हैं। पृथ्वी के चुंबकीय शक्ति में परिवर्तन आ जाता है। टेक्टोनिक प्लेट आपस में टकराकर या अलग होकर संतुलन बनाने की कोशिश करते हैं।
प्रकृति के वे कौन से रहस्य जो अभी तक अनसुलझे है? जीवात्मा अल्पज्ञ होने के कारण इसकी खोज चलती ही रहती है ।केवल मुक्ति में आकर यह पूरी तरह तृप्ति अनुभव करता है।

दुनिया के रहस्य जिनके जवाब नहीं ढूंढ पाया विज्ञान

प्रकृति के कई रहस्य आज भी अनसुलझे हैं. वैज्ञानिकों ने कुछ रहस्यों से तो परदा हटा लिया है लेकिन दुनिया की कुछ रहस्यजनक चीजों पर से अभी तक परदा नहीं हटाया जा सका है. आइए जानते हैं कुछ ऐसी ही पहेलियों के बारे में जो आज भी सभी के लिए अबूझ बनी हुई हैं.

द डांसिंग प्लेग ऑफ 1518

इसके बारे में पढ़कर ऐसा लगता है जैसे यह कोई कहानी हो. 1518 में गर्मी के दिनों में शहर स्ट्रासबर्ग में एक महिला ने सड़क पर भयानक तरीके से नाचना शुरू कर दिया था. दिन से रात हो जाती और रात से दिन पर उसका नाचना बंद नहीं होता. एक सप्ताह के भीतर ही 34 अन्य महिलाओं ने भी उसके साथ नाचना शुरू कर दिया. उन्हें देखकर ऐसा लगता था जैसे कि उनके अंदर किसी आत्मा का वास हो गया हो. नाचने की ना तो कोई वजह थी और ना ही कोई खास मौका. एक महीने के अंदर नाचने वाली महिलाओं की संख्या 400 पहुंच गई. धार्मिक पुरोहितों और लोगों को स्थिति पर नियंत्रण लाने के लिए बुलाया गया. डॉक्टरों और वैज्ञानिकों को भी बुलाया गया.

कई महिलाओं की हालत खराब होने लगी. यहां तक कि कई महिलाओं की नाचते-नाचते मौत हो गईं. इसके बाद उनके लिए लकड़ी के स्टेज बनाए गए और अलग से हॉल बनाए गए. लोगों का ऐसा मानना था कि डांस कर रही महिलाओं की स्थिति तभी सुधर पाएगी जब वे रात-दिन नाचेंगी. इस घटना के पीछे कई थ्योरी दी गई. जहर, एपिलेप्सी, सामूहिक मानसिक बीमारी कई वजहें बताई गईं और कई तरीके आजमाए गए लेकिन इस ऐतिहासिक घटना का आज तक संतोषजनक जवाब नहीं मिल सका है.

द एस एस ओरंग मेडान

जून 1947 में मलक्का की खाड़ी में व्यापारिक मार्ग से कई जहाज गुजर रहे थे. तभी एक एसओेएस संदेश पहुंचा, ‘जहाज के सभी क्रू सदस्यों की मौत हो गई है.’ नजदीक के जहाज सिग्नल का सोर्स पहचानते हुए उसकी तरफ बढ़े. सबसे नजदीक की मर्चेन्ट शिप ‘द सिल्वल स्टार’ सिग्नल की तरफ तेजी से पहुंची. ओरंग मेडान पर आते ही वे हैरान रह गए. क्रू के हर सदस्य की मौत हो चुकी थी. जहाज पर शव इधर-उधर बिखरे पड़े थे. कई लोगों की आंखें अब तक खुली हुई थीं और उनके चेहरे पर डर साफ दिख रहा था. जहाज पर सवार कुत्ते की भी मौत हो गई थी. बॉयलर रूम में शवों के नजदीक जाने पर क्रू सदस्यों को बहुत ठंड लगने लगी जबकि तापमान 110 डिग्री फॉरेनहाइट था.

आश्यचर्यजनक बात यह रही कि किसी भी शरीर पर चोट के कोई निशान नहीं थे. ‘द सिल्वर स्टार’ के क्रू सदस्यों ने वापस अपनी शिप पर जाने का फैसला किया. इससे पहले ही डेक के नीचे से धुआं निकलने लगा. एस एस ओरंग मेडान में विस्फोट होने से कुछ सेकेंड पहले ही वे किसी तरह अपनी शिप पर वापस पहुंच पाए. कुछ लोगों ने इस दुर्घटना के पीछे प्राकृतिक गैसों के बादल बनने का हवाला दिया. वहीं अधिकतर लोग इसके पीछे सुपरनैचुरल पावर को जिम्मेदार ठहराते हैं.

नाजका लाइन्स, नाजका रेगिस्तान, दक्षिणी पेरू
पेरू में मौजूद इस रेगिस्तानी सतह पर ऐसी आकृतियां बनी हुईं है, जो आपको चौंका सकती हैं. इनमें से कुछ इंसानों, पौधों और जानवरों की मालूम पड़ती हैं. इसके अलावा वहां सतह पर सीधी रेखाएं भी दिखलाई पड़ती हैं. माना जाता है कि ये रेखाएं 200 ईसा पूर्व से इसी तरह मौजूद हैं. ये लाइनें करीब 500 वर्ग किलोमीटर में फैली हैं. हेलीकॉप्टर की मदद से इन्हें और साफ‍-साफ देखा जा सकता है. इसके बारे में ऐसा भी कहा जाता है कि यहां दूसरे ग्रह से आईं UFO उतरे थे, जिसके चलते सतह पर इतनी संरचनाएं बनी थीं.

खिसकते हुए पत्थर, डेथ वैली, कैलिफोर्निया

डेथ वैली के नाम से कुख्यात इस जगह पर सैकड़ों पत्थर मौजूद हैं. इस सूखे मरुस्थल पर अलग-अलग वजन के ये पत्थर बड़े रहस्यमयी ढंग से मौजूद हैं. कुछ पत्थर ऐसे लगते हैं जैसे वे घिसटते हुए आगे बढ़ रहे हैं. उनके पीछे लंबी लकीर मौजूद है. यहां मौजूद नजारा कुछ ऐसा है कि आप देखकर हैरान हो जाएंगे. किसी इंसान या जानवर के जरिए इन पत्थरों को घसीटने के सबूत नजर नहीं आते क्योंकि वहां मौजूद मिट्टी बिना छेड़छाड़ दिखाई देती है. कुछ लोगों का ऐसा मानना है कि भौगोलिक बदलाव या तूफान के चलते पत्थर कुछ इस तरह मौजूद हैं.

मिनेसोटा डेविल्स वॉटरफॉल

इस झरने को रहस्यमयी माना जाता है. इस झरने में दो धाराएं ऊपर से गिरती है. एक धारा तो सामान्य धाराओं की तरह बहती है पर दूसरी रहस्यमयी धारा एक छेद में गिरकर कहां गायब हो जाती है, यह गुत्थी आज तक नहीं सुलझ पाई है. हैरानी की बात यह है कि ‘द डेविल्स कैटल’ नाम के छेद में आधी नदी का पानी समा जाता है.

इजिप्ट के मंदिर में छिपाकर रखे गए जूते
पुरातत्वेत्ताओं को 2004 में खुदाई के दौरान एक अजीब चीज मिली. एक जार में उन्हें 7 जोड़ी जूते मिले. ये जूते बहुत ही अच्छी अवस्था में थे. दो जोड़ी जूते बच्चों के थे जबकि बाकी वयस्कों के. ऐसा कहा जाता है कि यह जार 2000 साल पहले जानबूझकर छिपा कर रखा गया था.

इंग्लैंड के विल्टशायर में स्थित स्टोनहेन्ज अब तक सभी के लिए रहस्य ही है। ग्रेनाइट के इन विशाल पत्थरों पर आठ भाषाओं अंग्रेजी, स्पेनिश, स्वाहिली, हिन्दी, हिब्रू, अरबी, चाइनीज और रशियन में लिखी लाइनें अनसुलझी पहेली हैं। विशेषज्ञ मानते हैं कि हो सकता है कि इन पत्थरों की कोई खगोलीय विशेषता हो, लेकिन इन पत्थरों पर लिखी लाइनों का मतलब अब तक कोई जान नहीं सका है।

विश्व के रहस्य जिन्हें आज तक सुलझाया नहीं जा सका

संसार में अनेकों ऐसे रहस्य है जो की वैज्ञानिको, विद्वानों की लाख कोशिशों के बावजूद भी आज तक अनसुलझे है जैसे की फैस्टोस डिस्क की रहस्यमयी कहानी का क्या राज है? लंदन के उस 18वीं सदी के स्मारक के पीछे की सच्चाई क्या है? DOUOSVAVVM कोड के पीछे की गुत्थी क्या है, वॉयनिच मैन्युस्क्रिप्ट, क्रिप्टोज, तमम शेड, 30 करोड़ साल पुराना लोहे का पेंच, मेक्सिको का टियाटिहुआकन शहर, समेत दुनिया में ऐसे कई रहस्य हैं, जिनसे अब तक पर्दा नहीं उठ पाया है। इन अबूझ रहस्यों पर लंबे अरसे से चर्चा होती रही है, लेकिन ये अब तक हल नहीं हो पाये है। गौरतलब है कि DOUOSVAVVM कोड को क्रैक करने की कोशिश करने वालों की सूची में चा‌र्ल्स डिकेन्स और चा‌र्ल्स डारविन जैसी बड़ी शख्सियत तक शामिल है। इन्होंने दुनिया को अलविदा तो कह दिया, लेकिन इसके गुत्थी अभी भी उलझी हुई है। हम आपको इस लेख में दुनिया के 10 ऐसे ही अनसुलझे रहस्यों के बारे में बताएँगे।

1. वॉयनिच मैन्युस्क्रिप्ट

पोलिश मूल के अमेरिकी पुरातात्त्विक पुस्तक विक्रेता, विल्फ्रिड एम वॉयनिच द्वारा 1912 में इसका अधिग्रहण किया गया था। वॉयनिच मैन्युस्क्रिप्ट 250 पन्नों की एक किताब है, जिसमें ऐसी भाषा व स्क्रिप्ट का इस्तेमाल किया गया है, जिसे शायद ही कोई पढ़ पाए। जैसा कि आप तस्वीर में देख रहे हैं, पूरी किताब इसी तरह रंग-बिरंगी कलाकृति व अजीबो-गरीब रेखाओं से भरी पड़ी है। पन्नों में जिस तरह के पौधों को बताया गया है, वैसा शायद ही इस धरती पर देखने को मिले।

अब तक यह स्पष्ट नहीं हो पाया है कि आखिर इस किताब को लिखने वाला कौन है। कार्बन डेटिंग की मदद से खुलासा हुआ है कि किताब 1404-1438 के बीच लिखी गई होगी। इसे दुनिया की सबसे रहस्यमयी हस्तलिखित ग्रंथ के तौर पर जाना जाता है। कुछ का मानना है कि इसे बतौर फार्माकोपिया तैयार किया गया होगा, ताकि मध्ययुगीन या आधुनिक चिकित्सीय विषयों के बारे में बताया जा सके।

2. क्रिप्टोज

क्रिप्टोज का मतलब रहस्यमयी ग्राफिया से है। ये अमेरिकी आर्टिस्ट जिम सनबोर्न द्वारा बनाया गई एक रहस्यमयी एन्क्रिप्टेड मूर्तिकला है। इसे वर्जीनिया के लैंग्ले वा स्थित सीआईए के हेडक्वार्टर के बाहर देखा जा सकता है। ये एक ऐसी रहस्यमयी पहेली है, जिसे सुलझाने के लिए कई माथापच्ची कर रहे हैं। आपकी जानकारी के लिए बता दें कि जिम के इस क्रिप्टोज के चार मैसेज में से तीन को क्रैक कर लिया गया है। वहीं, चौथा दुनिया का सबसे चर्चित अनसुलझी गुत्थी बन कर रह गया है।

3. फैस्टोस डिस्क

फैस्टोस डिस्क के रहस्य की कहानी, हू-ब-हू हॉलीवुड मूवी इंडियाना जोन्स की तरह लगती है। इसे इतालवी पुरातत्वविद लुइगी पर्नियर द्वारा 1908 में खोजा गया था। ये डिस्क पकी हुई मिट्टी से बनी है, जिसमें कई रहस्यमयी चिह्न बने हुए हैं। ये चिन्ह अज्ञात हेरोग्लिफिक्स का प्रतिनिधित्व करते हैं। हेरोग्लिफिक्स एक तरह की चित्र लिपि होती है।

ऐसा माना जाता है कि फैस्टोस डिस्क को दूसरी सहस्राब्दी ईसा पूर्व में डिजाइन किया गया था। वहीं, कुछ विद्वानों का मानना है कि ये होरेग्लिफिक्स लीनियर ए और लीनियर बी प्रतीक को दर्शाते हैं। इस तरह की भाषा प्राचीन काल में इस्तेमाल की जाती थी। आज ये डिस्क पुरातत्वविदों के बीच सबसे चर्चित पहेली बनी हुई है।

4. शगबोरोह इंस्क्रिप्शन

स्टेफॉर्डशायर स्थित 18वीं सदी का यह स्मारक दूर से देखने पर निकोलस पाउसिन Poussin की चर्चित पेंटिंग ‘आर्केडियन शेफर्डस’ की तरह लगता है। लेकिन जब इसे नजदीक से देखेंगे, तो पाएंगे कि कलाकृति पर पत्र DOUOSVAVVM का एक जिज्ञासु अनुक्रम दिखाई देगा। DOUOSVAVVM एक प्रकार का कोड है, जिसे 250 से अधिक साल बीत गए, लेकिन अब तक कोई इसे क्रैक नहीं कर पाया है। आपको बता दें कि दुनिया के कई बड़े विद्वानों ने इसे क्रैक करने की कोशिश की, लेकिन असफल रहे। इनमें चार्ल्स डिकेन्स और चार्ल्स डारविन जैसी बड़ी शख्सियत तक शामिल है।

5. तमम शड केस

इस प्रकरण को ऑस्ट्रेलिया के सबसे गहरे रहस्यों में माना जाता है। तमम शड प्रकरण, दिसंबर 1948 में एडिलेड में सोमर्टन समुद्री तट पर मृत पाए गए एक अज्ञात शख्स से जुड़ा हुआ है। मृतक की शिनाख्त कभी नहीं हो पाने के तथ्य से परे वो कागज का टुकड़ा अनसुलझी पहेली बन गया, जिसमें ‘तमम शड’ शब्द का जिक्र था।

एडिलेड पुलिस को कागज का ये टुकड़ा, मृतक की जेब से मिला था। शब्द का जब अनुवाद किया गया, तो पता चला कि इसका मतलब ‘अंत’ होता है। इस शब्द का इस्तेमाल उमर खय्याम की कविता ‘रूबाइयत’ में किया गया है। ये रहस्य तब और गहरा गया, जब खय्याम की एक कलेक्शन में हाथ से लिखा एक कोड मिला। माना जाता है कि मरने से पहले उस शख्स ने ही कागज के इस टुकड़े को किताबों में दबाया होगा।

6. वाउ सिग्नल

1977 में गर्मी के दिनों की बात है। सर्च फॉर एक्सट्राटेरेस्ट्रियल इंटेलिजेंस (एसईटीआई) के वॉलेंटियर जेरी एहमन ऐसे पहले शख्स बने, जिन्हें दूसरी दुनिया यानी एलियन की ओर से जानबूझकर भेजा गया संदेश प्राप्त हुआ। एहमन तब अंतरिक्ष की गहराइयों से आ रहे रेडियो सिग्नल्स को स्कैन कर रहे थे। उन्हें ये सिग्नल 72 सेकंड तक प्राप्त हुए। उन्होंने जब मेजरमेंट स्पाइक देखा, तो उन्हें लगा कि ये किसी विद्वान एलियन की ओर से भेजा गया संदेश था।

जब मामले की गहराई में छानबीन की गई, तो पता चला की सिग्नल अंतरिक्ष के ताउ सैगिटैरी तारे के पास से आई थी। आपको बता दें कि ये तारा 120 प्रकाश वर्ष की दूरी पर स्थित है, जहां दूर-दूर तक किसी भी मानव के होने की गुंजाइश नहीं है। एहमन ने सिग्नल के प्रिंट आउट पर वाउ लिख दिया, तब से ही इसे वाउ सिग्नल कहा जाने लगा। हालांकि, इस तरह के सिग्नल कभी दोबारा नहीं मिले।

7. रोंगोरोन्गो

रोंगोरोन्गो एक रहस्यमयी ग्लिफ्स की प्रणाली है, जो ईस्टर द्वीप स्थित विभिन्न कलाकृतियों पर लिखी हुई हैं। कइयों का मानना है कि ये किसी जमाने में भाषा हुआ करती थी, जिसका प्राचीन मानव लिखने में इस्तेमाल किया करते होंगे। हालांकि, ये अब भी एक अनसुलझी पहेली बनी हुई है। कोई भी यह जान नहीं पाया कि आखिर उन कलाकृतियों पर लिखी चीजों का मतलब समझना चाहिए

यह मिस्ट्री जुडी है अमेरिकी राष्ट्रपति जॉन एफ कैनेडी की हत्या से। जब F B I जॉन एफ कैनेडी की हत्या के सिलसिले में एक वीडियो देख रही थी तो उन्हें वीडियो में एक महिला नज़र आई जिसने अपने सर पर कपडा बांध रखा था तथा वो कैमरे से वीडियो शट कर रही थी। वो वह पर काफी समय तक रहती है यहाँ तक की सब लोगो के चले जाने के बाद भी। आखिर में वो एक गली में चल जाती है। F B I ने जब उस महिला का पता लगाने की कोशिश की तो वो उसका पता नहीं लगा पाये। आखिर में हार कर उन्होंने उस महिला से अपील की, कि वो उसके द्वारा शूट वीडियो उन तक पहुंचा दे ताकि केस में कुछ सहायता मिल सके। पर उस महिला ने ऐसा भी नहीं किया और आज तक भी उस बुर्काधारी महिला का पता नहीं लग पाया है की आखिर वो कौन थी और उसने क्या वीडियो शूट किया था। यह

मैक्सिको सिटी (Mexico city) के ठीक बाहरी इलाके में टियाटिहुआकन स्थित है। यह पिरमिडों की एक खंडहर सिटी है। इस जगह का मूल नाम टियाटिहुआकन नहीं है। इसकी खोज एजटेक्स ने की थी और उसी ने यह नाम इस जगह को दिया था। दरअसल टियाटिहुआकन का अर्थ होता है प्लेस ऑफ द गॉड(Palce of God)। एजटेक्स का मानना था कि यह शहर मध्ययुग में अचानक प्रकट हुआ। 500 वर्ष पहले यह जगह खंडहर में बदल गई है। हालांकि इसके अस्तित्व को लेकर कोई भी अन्य अवधारणा प्रचलित नहीं है क्योंकि लिखित में भी इसके बारे में कुछ भी उपलब्ध नहीं है। फिर भी यह स्ट्रक्चर आज भी रहस्य बना हुआ है। इस बस्ती को देखकर अनुमान लगाया जा सकता है कि यहां 25000 लोग रहते रहे होंगे। इसका निर्माण अर्बन ग्रिड सिस्टम की तरह हुआ है, जिस तरह न्यूयार्क का हुआ है। यहां एक पिरामिड के अंदर जितनी भी हड्डियां मिली हैं, उससे पता चलता है कि बड़ी संख्या में यहां इंसानों का बलिदान हुआ होगा।

1998 में रूसी वैज्ञानिक दक्षिण-पश्चिम मॉस्को से करीब 300 किलोमीटर दूर एक उल्का के अवशेष की जांच कर रहे थे। इस दौरान उन्हें एक पत्थर का टुकड़ा मिला, जिसमें लोहे का पेंच संलग्न था। भूवैज्ञानिकों के मुताबिक, ये पत्थर 300 मिलियन (30 करोड़) साल पुराना है। तब न तो कोई प्रबुद्ध प्रजाति हुआ करती थी और न ही धरती पर डायनासोर हुआ करते थे। पत्थर के बीच लोहे का पेंच साफ दिखाई पड़ता है। इसकी लंबाई एक सेंटीमीटर और व्यास तीन मिलीमीटर है

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