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महाराष्ट्र में ‘महायुति’ को तोड़ेंगे शरद पवार? बारामती में भतीजे अजित को हराने के लिए चला

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महाराष्ट्र में ‘महायुति’ को तोड़ेंगे शरद पवार? बारामती में भतीजे अजित को हराने के लिए चला

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टेकचंद्र सनोडिया शास्त्री: सह-संपादक रिपोर्ट

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मुंबई। राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के दो भागों में बंटने के बाद महाराष्ट्र में बारामती लोकसभा सीट चर्चा में बनी हुई है। इस सीट पर पहली बार शरद पवार बनाम अजीत पवार का मुकाबला होने की संभावना है। ऐसे में अपने इस अभेद्य गढ़ को सुरक्षित करने के लिए शरद पवार ने बड़ा दांव खेला है।

महाराष्ट्र में राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (NCP) के दो फाड़ होने के बाद से बारामती लोकसभा सीट सुर्खियों में है। इस सीट पर पहली बार पवार परिवार में बीच राजनीतिक संघर्ष होने की उम्मीद है। ऐसे में इस सीट पर बेटी सुप्रिया सुले की जीत सुनिश्चित करने के लिए राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (शरदचंद्र पवार) के प्रमुख शरद पवार ने बड़ा दांव चल दिया है। अगर शरद पवार का दांव सही पड़ा तो महायुति गठबंधन के प्रत्याशी को शिकस्त का सामना करना पड़ सकता है। भतीजे अजित पवार की बगावत और फिर बारामती से अपनी प्रत्याशी उतारने के ऐलान के बाद शरद पवार ने बड़ा दांव खेलते हुए राष्ट्रीय समाज पक्ष (RSPS) की तरफ दोस्ती का हाथ बढ़ाया है।

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क्याें MJ कार्ड खेल रहे हैं पवार?

अगर राष्ट्रीय समाज पक्ष के प्रमुख महादेव जगन्नाथ जानकर अगर शरद पवार के साथ आते हैं तो सुप्रिया सुले की जीत सुनिश्चित हो जाएगी। अभी राष्ट्रीय समाज पार्टी (रासपा) महायुति में शामिल है। शरद पवार ने रासपा के प्रमुख और पूर्व मंत्री महादेव जानकार को माढा लोकसभा सीट देने का ऑफर दिया है। अगर शरद पवार का MJ फैक्टर काम करता है तो वह बारामती का गढ़ सेफ कर ले जाएंगे। रासपा को पहले के चुनावों में बारामती सीट पर काफी वोट मिलते आए हैं। इतना ही नहीं रासपा कैंडिडेट के तौर पर 2014 के चुनावों में महेश जानकार ने काफी अच्छी टक्कर दी थी। राजनीतिक हलकों में चर्चा है कि अगर बारामती में सुप्रिया सुले की हार होती है तो इस शरद पवार की हार के तौर पर देखा जाएगा। रासपा का धनगर कम्युनिटी पर काफी प्रभाव है। अगर रासपा प्रमुख पवार के साथ आते हैं तो सुप्रिया सुले की सीट सेफ हो जाएगी

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