विधायक को ‘हवस की भूख’ ने बर्बाद कर दिया, गवानी पड़ेगी विधानसभा सदस्यता
टेकचंद्र सनोडिया शास्त्री: सह-संपादक रिपोर्ट
सोनभद्र। चुनाव मे विजयी होने के बाद नेता विधायक खूबसूरत किशोरी य खूबसूरत अधेड महिलाओं को देखकर फिदा हो जाते हैं.और खूबसूरत स्त्रियों को अपने दलालों के माध्यम से उन मनपसन्द खूबसूरत महिलाओं के शरीर की गंधी जगह यानी उसके मल-मुत्र छिद्र में चरमसुख की प्राप्ति के लिए अपना धर्म नष्ट कर रहे हैं?
एसा ही एक मामला उत्तर प्रदेश के दुद्धी विधानसभा सीट के विधायक रामदुलार गोंड को खूबसूरत किशोरी के साथ दरिंदगी के मामले में विगत शुक्रवार को सजा सुनाई गई। 9 सालों तक न्याय के लिए लंबी लड़ाई लड़ने के बाद विधायक रामदुलार को सजा हुई तो पीड़िता का भाई ने खुशी जाहिर किया है। गांव की राजनीति से विधायक बनने तक का सफर आसान नहीं था। इसके लिए रामदुलार को कड़ी मेहनत करनी पड़ी। साल 2022 में हुए विधानसभा चुनाव के दौरान सत्ता पार्टी से टिकट मिलने के बाद रामदुलार की जीत हुई लेकिन प्रधान पति रहते समय रामदुलार ने जो गलती की थी उसकी सजा विधायक बनने के साल भर बाद मिली।
दुद्धी विधानसभा के लोगों में चर्चा है कि गांव की राजनीति के समय ‘हवस की भूख’ ने रामदुलार का राजनीतिक करियर चौपट कर दिया। प्रदेश की सत्तासीन सरकार के विधायक को रेप के दोष में सजा सुनाने के बाद जेल भेजे जाने पर विपक्षी दल इस सोशल मीडिया पर खूब शेयर कर रहे हैं। इस बारे में वन इंडिया हिंदी द्वारा विधायक के गांव में रहने वाले एक व्यक्ति से बातचीत की गई तो उसने नाम न प्रकाशित करने की शर्त पर पूरी कहानी बताई। उसने बताया कि इस विधानसभा में सत्तासीन पार्टी की कभी जीत नहीं हुई थी। उक्त राजनैतिक पार्टी इस सीट पर हर हाल में जीतना चाहती थी, ऐसे में समाजवादी पार्टी के नेता और पूर्व मंत्री विजय सिंह गोंड के करीबी रहे रामदुलार गोंड को पार्टी का टिकट मिला।
बताया गया कि विजय सिंह गोंड के करीबी होने के चलते रामदुलार को चुनावी रणनीतियों के बारे में अच्छी जानकारी थी। वहीं ऐसे में रामदुलार ने विजय सिंह को पराजित करते हुए 84407 अधिक वोट पाकर जीत हासिल की। गांव स्तर पर राजनीति करने वाले रामदुलार को विजय सिंह के द्वारा ही पहचान मिली थी और फिर विजय सिंह से ही दूरी बनाकर रामदुलार ने विधायक की कुर्सी हासिल की। विधायक बनने के बाद हुई सजा गांव की राजनीति से विधायक तक का सफर तय करने वाले रामदुलार को विगत शुक्रवार को जिस मामले में सजा सुनाई गई वह मामला साल 2014 का है। नवंबर 2014 में विधायक के ही गांव के रहने वाले एक युवक द्वारा विधायक (उस समय प्रधान पति) के खिलाफ बहन के साथ दुष्कर्म किए जाने का आरोप लगाते हुए म्योरपुर थाने में मुकदमा दर्ज कराया गया था। मुकदमा दर्ज करने के बाद पुलिस द्वारा जांच पड़ताल की गई और विवेचना के बाद चार्ज शीट न्यायालय में दाखिल कर दिया गया था। थाने में विधायक के खिलाफ मु0अ0सं0-483/14 धारा 376,506 भा0द0वि0 व 5 (ठ)/6 पॉक्सो एक्ट 2012 दर्ज किया गया था। इस मामले में पोक्सो कोर्ट में मुकदमे का ट्रायल चल रहा था। इसी बीच साल 2022 में दुद्धी विधानसभा से रामदुलार के विधायक चुने जाने के बाद यह मामला एमपी एमएलए कोर्ट में चला गया। उसके बाद इस मामले में सुनवाई करते हुए नवंबर माह में ही बहस पूरी कर ली गई थी और 12 दिसंबर को फैसला सुनाया जाना था। 12 दिसंबर को विधायक को कोर्ट ने दोषी करार दिया और शुक्रवार को 25 साल की सजा और 10 लाख रुपए का जुर्माना भी लगाया।
मामले में स्थानीय लोगों का कहना है कि ग्राम प्रधान पति होने के समय हवस की भूख मिटाने के लिए रामदुलार द्वारा की गई शर्मनाक करतूत की सजा विधायक बनने के बाद मिल गई। पीड़िता के परिजनों का कहना है कि विधायक बनने के बाद रामदुलार पावर में रहा कई बार धमकियां मिली लेकिन न्याय की मंदिर में उन्हें न्याय मिलने की उम्मीद थी। इसी के चलते वे निराश नहीं हुए। विधायक को सजा सुनाए जाने के बाद पीड़िता के भाई द्वारा खुशी जाहिर की गई उसने कहा कि 9 साल की मेरी मेहनत आज सफल हुई