टेकचंद्र सनोडिया शास्त्री:सह-संपादक की रिपोर्ट
नई दिल्ली। सरकार देश में सडकों पर होने वाली सड़क दुर्घटनाओं को लेकर चिंतित है, यही वजह है कि एक के बाद एक सरकार लगातार प्रयास करने में लगी हुई है. ताकि इनमें कमी लायी जा सके.
3 महीने में गायब हो जाएंगे सभी नागपूर -भंडारा नैशनल हाईवे क्रमांक 6 ने गड्डे?किया ऐसा दावा किया है।
सरकार 2023 के खत्म होते होते मौजूदा इंजीनिरिंग और कॉन्ट्रैक्ट प्रक्रिया की जगह, इसे बिल्ड ऑपरेट ट्रांसफर (BOT) और हाइब्रिड एनुइटी (HAM) मॉडल पर शिफ्ट कर राष्ट्रीय राजमार्गों को गड्ढ़े मुक्त करने के अपने लक्ष्य को लेकर चल रही है.
अपने मंत्रालय की तरफ से कार्बन फुटप्रिंट कम करने की दिशा में उठाये जा रहे कदमों के बारे में बात करते हुए नितिन गडकरी ने बताया, कि बिल्ड ऑपरेट ट्रांसफर (BOT) के तहत हाइवेज के मेंटेनेंस की जिम्मेदारी कॉन्ट्रैक्टर्स की होगी. जिसके चलते सडकों की क्वालिटी अच्छी होगी. इससे इनकी मेंटेनेंस कॉस्ट में कमी आएगी.
146000 किलोमीटर हाइवेज की रूप रेखा तैयार है । इसके अलावा एक और पॉलिसी पर काम जारी है, जिसके अमल में आते ही राष्ट्रीय राजमार्गों से गड्ढे गायब हो जायेंगे. जिसके लिए इंजीनियर लगे हुए हैं. इसके लिए 1,46,000 किलोमीटर राष्ट्रीय राजमार्गों की रूप रेखा तैयार की गई है, जिसके तहत मेंटेनेंस किया जायेगा. ताकि राष्ट्रीय राजमार्गों कद दिसंबर के आखिर तक गड्ढों से मुक्त किया जा सके. जानकारी के मुताबिक, 500 करोड़ से ज्यादा बजट वाले सभी प्रोजेक्ट्स के लिए EPC मॉडल की बजाय, बिल्ड ऑपरेट ट्रांसफर (BOT) और हाइब्रिड एनुइटी (HAM) मॉडल्स के तहत काम किया जायेगा.
दरअसल सरकार देश में सडकों पर होने वाली सड़क दुर्घटनाओं को लेकर चिंतित है, जिसके चलते हर साल लाखों लोग अपनी जान गवां देते हैं. यही वजह है कि एक के बाद एक सरकार लगातार प्रयास करने में लगी हुई है. ताकि इनमें कमी लायी जा सके. दूसरी तरफ सरकार ने हाल ही में भारत एनकैप को भी लॉन्च कर दिया है. अब देश में बनाने वाली गाड़ियों को सेफ्टी रेटिंग हासिल करने के लिए देश से बाहर जाने की जरुरत नहीं होगी