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माथे पर तिलक लगाने का वैज्ञानिक महत्व

माथे पर तिलक लगाने का वैज्ञानिक महत्व

टेकचंद्र सनोडिया शास्त्री: सह-संपादक रिपोर्ट

 

वाराणासी। भारतीय वैदिक सनातन परंपरा के अनुसार माथे पर तिलक लगाना सम्मान का सूचक भी माना जाता है। माना जाता है कि माथे पर तिलक लगाने से सकारात्मकता ऊर्जा आती है और कुंडली में मौजूद उग्र ग्रह शांत होते हैं।

तिलक हिन्दू संस्कृति का एक अभिन्न अंग है। देवी-देवताओं, योगियों और संत-महात्माओं के मस्तक पर तो हमेशा तिलक सुशोभित रहता है

कोई भी त्योहार या धार्मिक आयोजन बिना तिलक के पूर्ण नहीं माना जाता है,क्योंकि यह हिन्दू संस्कृति का एक अभिन्न अंग है। देवी-देवताओं, योगियों और संत-महात्माओं के मस्तक पर तो हमेशा तिलक सुशोभित रहता है,लेकिन आम लोगों में त्योहार,पूजा-पाठ और संस्कारों जैसे शुभ अवसरों पर ही तिलक लगाने का प्रचलन है।

तिलकधारी मनुष्य को देखकर भगवत भक्त मनाई मन नमस्कार और प्रणाम करते हैं. इसके अलावा अन्य गैर हिन्दू वामपंथी लोग तिलकधारी मनुष्य को महाराज या धार्मिक समुदाय का सदस्य समझते और इज्जत से पेश आत है. तिलकधारी मनुष्य को समाज में मान सम्मान से देखा जाता है.

भारतीय वैदिक सनातन परंपरा के अनुसार तिलक लगाना सम्मान का सूचक भी माना जाता है। माना जाता है कि माथे पर तिलक लगाने से सकारात्मकता आती है और कुंडली में मौजूद उग्र ग्रह शांत होते हैं। शास्त्रों के मुताबिक चंदन का तिलक लगाने वाले का घर अन्न-धन से भरा रहता है और सौभाग्य में बढ़ोतरी होती है। तिलक लगाने से जीवन में यश बढ़ता है और पापों का नाश होता है। साथ ही, जीवन से नकारात्मक ऊर्जा दूर होती है और शरीर में सकारात्मकता का भाव बना रहता है। इससे मन में अच्छे विचार आते हैं और किसी भी काम को करने की क्षमता को हम कई गुना तक बढ़ा सकते हैं।

स्कंदपुराण में बताया गया है कि अलग-अलग अंगुली से तिलक लगाने का फल अलग-अलग होता है –

अनामिका शांतिदा प्रोक्ता मध्यमायुष्करी भवेत्।

अंगुष्ठः पुष्टिदः प्रोक्ता तर्जनी मोक्षदायिनी।।

अर्थात- अनामिका से तिलक करने पर शांति,मध्यमा से आयु,अंगूठे से स्वास्थ्य और तर्जनी से मोक्ष की प्राप्ति होती है।

दिन के अनुसार तिलक

दिन के अनुसार तिलक लगाने पर शुभ फल मिलता है। मान्यता है कि सोमवार के दिन सफेद चंदन का तिलक लगाने से मन शांत रहता है। वहीं मंगलवार के दिन चमेली के तेल में सिंदूर घोलकर लगाना शुभ होता है। बुधवार के दिन सूखा सिंदूर लगाने से भगवान की कृपा होती है। गुरुवार के दिन पीला चंदन या हल्दी का तिलक लगाने से घर में सुख-समृद्धि आती है। शुक्रवार के दिन लाल चंदन या कुमकुम का तिलक लगाने से घर में खुशहाली आती है। शनिवार के दिन भस्म का तिलक लगाने से जीवन में आने वाली परेशानियां दूर होती हैं। रविवार के दिन लाल चंदन लगाने से व्यक्ति को मान-सम्मान और धन की प्राप्ति होती है।

वैज्ञानिक दृष्टिकोण

हमारी दोनों भोहों के बीच सुषुम्ना,इड़ा और पिंगला नाड़ियों के ज्ञानतंतुओं का केंद्र मस्तिष्क ही है,जो दिव्य नेत्र या तृतीय नेत्र के समान माना जाता है।इस स्थान पर तिलक लगाने से आज्ञाचक्र जागृत होकर व्यक्ति की शक्ति को उर्ध्वगामी बनाता है,जिससे उसका ओज और तेज बढ़ता है।ललाट पर नियमित रूप से तिलक लगते रहने से शीतलता,तरावट एवं शांति का अनुभव होता है। सिर दर्द की पीड़ा नहीं सताती और मेधाशक्ति तेज होती है। मन निर्मल होकर हमें सत्पथ पर अग्रसर होने के लिए प्रेरित करता है। सनातनियों जरूर तिलक लगाने चाहिए। चंदन तिलक लगाने का मंत्र निम्न है:-

*ॐ चन्दनस्य महत्पुण्यं, पवित्रं पापनाशनम्। आपदां हरते नित्यं, लक्ष्मीस्तिष्ठति सर्वदा*

इस तरह तिलक लगाने से ग्रह होंगे मजबूत, सोया भाग्य देगा साथ और धन व सम्मान में होगी वृद्धि

विदेशों से कोई खास मेहमान जब आता है तो उसके माथे पर तिलक लगाया जाता है क्योंकि यह भारतीय संस्कृति की पहचान को भी दर्शाता है। हिंदू धर्म में प्राचीन काल से लगभग स्त्री और पुरुष माथे पर चंदन या सिंदूर का तिलक और बिंदी लगाते हैं, क्योंकि वे इसका महत्व भी जानते हैं। तिलक लगाने से ग्रहों का शुभ प्रभाव पड़ता है। आइए जानते हैं कौन सा तिलक लगाने से किस ग्रह का शुभ फल प्राप्त होता

माथे पर तिलक लगाना हिंदू धर्म की परंपराओं में से एक है। किसी भी शुभ आयोजन की शुरुआत माथे पर तिलक लगाकर ही की जाती है। तिलक का अर्थ है किसी भी शुभ कार्य से पहले मस्तक पर लगाया जाने वाला चिन्ह। तिलक दोनों भौहों के बीच लगाते हैं, जहां आज्ञाचक्र (छठा मूल चक्र) होता है। इसे चेतना केंद्र भी कहते हैं। सही तिलक लगाना ग्रहों की स्थिति को भी मजबूत करता है। ज्योतिष शास्त्र में बताया गया है कि तिलक लगाने से आप कुंडली में ग्रहों की स्थिति को भी सही कर सकते हैं और उसके दुष्प्रभाव से भी बच सकते हैं। आइए जानते हैं कौन सा तिलक लगाना किस ग्रह को मजबूत करता है।

हिन्दू धर्म में माथे पर तिलक पंडित के द्वारा लगाए जाता हैं, लेकिन यदि आप घर में पूजा पाठ के दौरान तिलक लगा रहे हैं, तो आपको तिलक लगाते समय निम्न लिखित मंत्र का उच्चारण करना चाहिए।

*केशवानन्न्त गोविन्द बाराह पुरुषोत्तम । पुण्यं यशस्यमायुष्यं तिलकं मे प्रसीदतु ।। कान्ति लक्ष्मीं धृतिं सौख्यं सौभाग्यमतुलं बलम्*

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