नागपुर । विश्व वंदनीय डॉ.बाबासाहेब ने भारत को बौद्धमय बनाने का संकल्प को पूरा करने के लिए बुद्ध के धम्मचक्र को आगे बढ़ाने का कार्य किया। भारत को बौधमय बनाने के उद्देश्य से थाईलैंड के प्रमुख भंते पहाड़ थेपरिया तिसुथी और उनके अन्य 10 भांटों के प्रमुख पवित्र दीक्षा स्थल पर उपस्थित थे। धम्म पदयात्रा दीक्षाभूमि से लेह लद्दाख तक बाबासाहेब अंबेडकर और तथागत भगवान बुद्ध को प्रणाम कर शुरू हुई। दीक्षाभूमि से निकलकर यह धम्मपदयात्रा कन्हान के पास सिहोरा जाएगी, जहां श्रम करने वालों को प्रशिक्षण दिया जाएगा
इस मौके पर गगन मलिक फाउंडेशन के राष्ट्रीय अध्यक्ष गगन मलिक, थाइलैंड के भंते कांटाराथन, भंते रूपेश, भंते प्रखंडी बारोम, भंते थियाचायो, भंते प्रांतसुन, चितिको भीकू, प्रहर महाचटवाना, अनुसूचित जाति के राष्ट्रीय अध्यक्ष सिद्धार्थ हट्टियाम्बेरे, राजेश लाडे, पी. एस। खोबरागड़े, ममता गेदाम, गगन मलिक फाउंडेशन के राष्ट्रीय समन्वयक नितिन गजभिए आदि मौजूद थे।
इससे पूर्व उरुवेल्ला कॉलोनी से डाॅ. बाबासाहेब अंबेडकर सभागार में 100 लोगों को थाई शैली में श्रमनेर दीक्षा दी गई। थाईलैंड के प्रमुख भंते पहाड़ थेपरिया तिसुथी ने सभी को श्रमनेर दीक्षा, पंचशील और 22 प्रतिज्ञाएं दीं। इस मौके पर बोलते हुए भंते पहाड़ थेपरियातिसुथी ने कहा, दुनिया में बहुत अशांति है, दुश्मनी बढ़ गई है, नफरत, ईर्ष्या बढ़ गई है। जातिवाद बढ़ा है। यदि आप इससे छुटकारा पाना चाहते हैं तो आपको बुद्ध के मार्ग पर चलना होगा। तथागत भगवान बुद्ध का जन्म भारत में हुआ था लेकिन उनका धम्म विदेशों में काफी हद तक फला-फूला। बुद्ध-धम्म और तथागत का धम्मचक्र भारत में कहीं नहीं दिखता। तथागत भगवान गौतम बुद्ध का समानता, भाईचारा और शांति का संदेश पूरे विश्व में पहुंचना चाहिए साथ ही डॉ. उन्होंने कहा कि बाबासाहेब अंबेडकर के भारत को बौद्ध बनाने के संकल्प को पूरा करने के लिए बुद्ध के धम्मचक्र को तेज करने के उद्देश्य से इस धम्म पदयात्रा का आयोजन किया गया था. अन्य गणमान्य व्यक्तियों ने भी विचार व्यक्त किए। संकल्प की पूर्ति के लिए बुद्ध के धम्म चक्र को तेज करने के उद्देश्य से इस धम्म पदयात्रा का आयोजन किया गया था। अन्य गणमान्य व्यक्तियों ने भी विचार व्यक्त किए
भगवान बुद्ध और डॉ. बाबासाहेब को नमन कर ऐतिहासिक धम्म पदयात्रा
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