टेकचंद्र सनोडिया शास्त्री:सह-संपादक की रिपोर्ट
‘मुंबई। मराठा आरक्षण के लिए हम सब कुछ करेंगे। CM एकनाथ शिंदे ने दिलाया भरोसा, देवेंद्र फडणवीस ने लाठीचार्ज मामले पर DCM देवेन्द्र फडणवीस ने माफी मांगी। महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के साथ देवेंद्र फड़णवीस और अजित पवार मौजूद थे। मराठा आरक्षण की मांग को लेकर जालना जिले के अंतरवाली सारथी गांव में मराठा नागरिक भूख हड़ताल पर बैठे है।
महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे की अगुवाई में मराठा आरक्षण को लेकर सोमवार को एक उच्च स्तरीय बैठक हुई. उन्होंने कहा कि सरकार इस मुद्दे को व्यवस्थित तरीके से सुलझाएगी. सीएम शिंदे ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि उनकी सरकार मराठा आरक्षण से जुड़े मुद्दों को सुलझाने के लिए गंभीर है. शिंदे ने कहा, ‘सरकार यह मानती है कि मराठा समुदाय को आरक्षण मिलना चाहिए. हम आश्वासन देते हैं कि मराठा आरक्षण प्रदान करने के लिए जो भी करना होगा हम सब कुछ करेंगे.’ उन्होंने कहा, ‘राज्य मंत्री गिरीश महाजन और अन्य मंत्री चर्चा के लिए (जालना) जाएंगे. हम इस मसले को बातचीत से ही सुलझा सकते हैं. राज्य सरकार उनकी (मराठा समुदाय) मांगों पर गंभीरता से काम कर रही है.’
इसी बीच, महाराष्ट्र के उप मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने जालना जिले में मराठा आरक्षण की मांग को लेकर प्रदर्शन कर रहे प्रदर्शनकारियों के खिलाफ पुलिस द्वारा की गई लाठीचार्ज पर सोमवार को राज्य सरकार की ओर से खेद व्यक्त किया. उन्होंने यह भी कहा कि किसी भी शीर्ष अधिकारी ने पुलिस को लाठीचार्ज का आदेश नहीं दिया था. गृह विभाग का कार्यभार भी संभाल रहे फडणवीस ने यहां संवाददाताओं से कहा, ‘इस तरह के निर्णय (पुलिस बल का प्रयोग आदि) स्थानीय स्तर पर लिए जाते हैं.’ उन्होंने कहा, ‘महाराष्ट्र सरकार कुछ दिन पहले जालना जिले में पुलिस द्वारा किए गए बल प्रयोग पर खेद व्यक्त करती है.’
इससे पहले दिन में, शिवसेना (यूबीटी) नेता संजय राउत ने दावा किया था कि लाठीचार्ज का आदेश मुख्यमंत्री और राज्य के गृहमंत्री के कार्यालय से किए गए फोन कॉल पर दिया गया था. राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकंपा) के वरिष्ठ नेता अनिल देशमुख ने भी यही दावा किया था कि महाराष्ट्र के गृह मंत्रालय से फोन आने के बाद पुलिस ने जालना जिले में प्रदर्शनकारियों पर लाठीचार्ज किया. राज्य के पूर्व गृहमंत्री ने मांग की कि जालना जिले के पुलिस अधीक्षक को किसने फोन किया और उन्हें प्रदर्शनकारियों पर लाठीचार्ज करने का आदेश किसने दिया, यह पता लगाने के लिए एक सेवानिवृत्त न्यायाधीश से जांच कराई जाए.
मराठा आरक्षण की मांग को लेकर जालना जिले के अंतरवाली सारथी गांव में भूख हड़ताल पर बैठे एक व्यक्ति को अधिकारियों ने गत शुक्रवार को अस्पताल में भर्ती कराने की कोशिश की जिसका प्रदर्शनकारियों ने विरोध किया और हिंसा भड़क गई थी. भीड़ को तितर-बितर करने के लिए पुलिस ने लाठीचार्ज किया और आंसू गैस के गोले छोड़े थे. हिंसा में 40 पुलिसकर्मियों सहित कई व्यक्ति घायल हुए थे और राज्य परिवहन की 15 से अधिक बसों में आग लगा दी गई थी.