बंद पडी कोयला खान शुरु करने की मांग? श्रमिक संगठनों का धरना प्रदर्शन
टेकचंद्र सनोडिया शास्त्री:सह-संपादक की रिपोर्ट
छिंदवाड़ा।वेस्टन कोल फील्ड लिमिटेड पेंच कन्हान क्षेत्र में वन एवं पर्यावरण विभाग द्वारा अनापत्ति नहीं मिलने के कारण महादेव पुरी , तानसी ओर मोआरी कोयला खदानों को बंद होने से बचाने के लिए आज संयुक्त संगठनो की ओर से शासन की गलत नीतियों के खिलाफ में विरोध प्रदर्शन किया गया । मजदूर संगठनो में भारतीय मजदूर संघ, भारतीय मजदूर कांग्रेस , एचएमएस , एटक और सीटू ने मिलकर कन्हान क्षेत्र की डूंगरिया से छिंदवाड़ा तक बाइक रैली निकली गई एवं छिंदवाड़ा कलेक्टर मनोज पुष्प के साथ परासिया एसडीएम पुष्पेन्द्र निगम को प्रधानमंत्री के नाम ज्ञापन सौपा गया।ज्ञापन के माध्यम से अवगत कराया गया कि पेंच कन्हान की चालू कोयला खदान महादेव पूरी , तांसी, और मोआरी जिसमें लगभग 1800 स्थाई एवं लगभग 800 अस्थाई श्रमिक कार्ययत है । उक्त कोयला खदानों के बंद होने के कामगारों के साथ-साथ लगभग पाँच हजार छोटे-बड़े व्यवसायी प्रभावित हुए है। जबकि तीनों खदानों में लाखो टन कोयला रिजर्व है । जबकि कामगार खदानों से कंपनी द्वारा दिए हुए लक्ष्य के अनुरूप उत्पादन कर रहे हैं , उसके बावजूद अचानक फॉरेस्ट विभाग की अनापत्ति नहीं मिलने के कारण माह अगस्त 2023 से उत्पादन बंद कर दिया गया है । जिससे कामगार परिजनों में असंतोष पनप उठा है एवं सुरक्षा की स्थिति उत्पन्न हो रही है । नौकरी रोजगार छिन जाने से अन्यायग्रस्त श्रमिक अपने को असहाय और बेसहारा महसूस करने लगा है। मानो उनके ऊपर वेरोजगारी और भुखमरी के संकट का पहाड टूट पडा हो? ज्ञापन मे उन्होंने यह भी कहा कि संचालन हेतु तत्काल वन एवं पर्यावरण अनापत्ति नही दी गई और खदानों का संचालन शुरू नही किया गया तो आगे उग्र आंदोलन किया जाएगा । जिनकी संपूर्ण जिम्मेदारी और जबावदारी शासन प्रशासन की होगी। इस पर संबंधित अधिकारियों ने टालम टोल जबाव देकर अपना पल्लू झटकने का ही दुस्साहस किया है। जिसे माफ नहीं किया जा सकता है?