आस्था के बीच आनलाइन ठगी गिरोह के जाल में फंसे दर्जनों रामभक्त, जानिए कैसे हो रहे लोग शिकार
टेकचंद्र सनोडिया शास्त्री: सह-संपादक रिपोर्ट
अयोध्या में रामलला के दर्शन करने के लिए देश के कोने-कोने से भक्त पहुंच रहे हैं. वे यहां आने से पहले ऑनलाइन होटल या धर्मशाला में कमरे बुक कर रहे हैं. साइबर ठग इसी का फायदा उठा रहे हैं. ऐसे होटल जिनका अयोध्या में वजूद ही नहीं है या जिन धर्मशालाओं में ऑनलाइन बुकिंग नहीं होती है, उनकी फर्जी वेबसाइट बनाई गई हैं. इस पर लोगों से पेमेंट लेने के बाद उनको कमरे नहीं मिल रहे हैं.
अयोध्या के राम मंदिर में रामलला के दर्शनों के लिए लगी भक्तों की कतार
अयोध्या के राम मंदिर में रामलला की हुई भव्य प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम के बाद दर्शन करने के लिए भक्तों का हुजूम उमड़ पड़ा है. बड़ी संख्या में लोग अयोध्या आ रहे हैं, तो उनको रुकने के लिए होटल या धर्मशाला की भी जरूरत होती है. यहीं से ठगों का गिरोह सक्रिय है।
अयोध्या में ऐसे मामले इन दिनों लोग ऑनलाइन बुक करके होटल या धर्मशाला पहुंच रहे हैं. मगर, यहां आने के बाद उन्हें पता चल रहा है कि उनके नाम पर तो कोई कमरा बुक ही नहीं हुआ है. वह तो उन ठगों का शिकार हो गए हैं, जो अलग-अलग होटल और धर्मशाला के नाम से फर्जी वेबसाइट बनाकर अयोध्या आने वाले श्रद्धालुओं को कमरा बुक करने के नाम पर मोटा चूना लगा रहे हैं.
किसी ने अयोध्या आने से पहले ठहरने के लिए होटल में ऑनलाइन कमरा बुक किया. मगर, यहां आने के बाद पता चला कि इस नाम का तो होटल ही नहीं है. वहीं, कोई अयोध्या आने के बाद जब ठहरने के लिए होटल या धर्मशाला पहुंच रहा है, तो पता चल रहा है कि उसके नाम से तो कमरा बुक ही नहीं है.
अयोध्या में इस तरह की घटनाएं इन दिनों आम हो गई हैं. श्री राम जन्मभूमि पथ के ठीक सामने ही बिडला धर्मशाला है. वहां अब तक इस तरह की लगभग 30 घटनाएं हो चुकी हैं. हम जब वहां पहुंचे, तो 1 घंटे के दौरान ही लगभग चार ऐसे लोग मिले, जिन्होंने बिडला धर्मशाला की वेबसाइट पर जाकर ऑनलाइन कमरा बुक किया था. इसमें से तीन लोगों ने तो भुगतान भी कर दिया था.
मगर, अयोध्या आने के बाद जब वह ठहरने के लिए पहुंचे, तो बिडला धर्मशाला के मैनेजर ने बताया कि उनकी न तो कोई वेबसाइट है और न ही ऑनलाइन रूम ही बुक होता है. उन लोगों ने बिडला धर्मशाला के नाम से बनी वेबसाइट दिखाई.
वेबसाइट पर दिए नंबर से चैट दिखाई और ऑनलाइन भुगतान का सबूत भी दिखाया. मगर, सब बेकार. तब उन्हें पता चला कि वे तो साइबर ठगों के शिकार हो गए हैं. वहीं, बिडला धर्मशाला के मैनेजर की बात तो और भी चौंकाने वाली है.
उसके अनुसार, प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम के बाद से अब तक अकेले उनके यहां 25 से अधिक इस तरह के मामले आ चुके हैं. उसने इसकी शिकायत चौकी से लेकर कोतवाली तक की, लेकिन न तो कोई कार्रवाई हुई और न ही कोई जांच पड़ताल. वेबसाइट वैसे ही चल रही है और लोगों का ठगा जाना लगातार जारी है.
ऐसे हो रहा है आस्था के साथ खिलवाड़
खेल कुछ इस तरह होता है कि कुछ ऐसे होटल हैं, जिनका अयोध्या में वजूद ही नहीं है. वहीं, कुछ ऐसे होटल हैं, जो ऑनलाइन बुकिंग ही नहीं करते हैं. उनके नाम से वेबसाइट बनाई जाती है. वेबसाइट में कांटेक्ट नंबर दिया रहता है. लोग जब उस पर फोन करते हैं, तो उन्हें कमरे का रेट ज्यादा बताया जाता है. फिर कहा जाता है कि इस समय स्कीम चल रही है, लिहाजा पैसा कम हो जाएगा.
अयोध्या में बड़ी संख्या में लोग आ रहे हैं, तो होटल और धर्मशाला में कमरे की उपलब्धता कम होती है. ऐसे में बाहर से आने वाले लोग ऑनलाइन कमरा बुक करना उचित समझते हैं. इन्हीं लोगों की ताक में साइबर ठग रहते हैं, जो किसी न किसी तरीके इनको अपना शिकार बनाते
यहां तक की बुकिंग के बाद साइबर ठग जिस होटल या धर्मशाला का नंबर देते हैं, उसको भी डायल करने पर उसी धर्मशाला या होटल का नाम आता है, जिसमें बुकिंग करने के नाम से पैसा वसूला गया होता है. यह नंबर उस समय बंद रहता है, जब इन ठगों के जाल में फंसा व्यक्ति अयोध्या पहुंचता है और रूम न मिलने पर फोन करता है. कभी-कभी अगर फोन उठ गया, तो बात करने के बजाय टाल दिया जाता है.
आजतक ने आईजी प्रवीण कुमार से की बात, हरकत में आई पुलिस
इस मामले पर जब ‘आजतक’ ने आईजी प्रवीण कुमार से बात की, तो पुलिस हरकत में आई. क्षेत्राधिकारी अयोध्या आशुतोष मिश्रा ने माना कि इस तरह की वारदातें उनके संज्ञान में हैं. उन्होंने साइबर सेल लखनऊ को इस बारे में जानकारी भेज दी है. जल्द ही इस पर मुकदमा भी दर्ज किया जाएगा. हालांकि, सूत्रों की मानें तो आईजी प्रवीण कुमार ने अयोध्या पुलिस को तत्काल सारी वारदातों पर मुकदमा दर्ज करने के निर्देश दे दिए हैं.