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(भाग:334)दुग्ध उत्पादन में अग्रगण्य राजस्थान की राठी कामधेनु गाय

(भाग:334)दुग्ध उत्पादन में अग्रगण्य राजस्थान की राठी कामधेनु गाय

 

टेकचंद्र सनोडिया शास्त्री: सह-संपादक रिपोर्ट

 

जयपुर। राजस्थानी राठी कामधेनु गाय की पहली ब्यांत 23 से 26 महीने की उम्र के बाद होती है. इस बीच राठी गाय मासिक 1560 किलो दूध का उत्पादन कर सकती है. राठी कामधेनु गाय का मासिक औसतन दूध उत्पादन 1062 से 2810 किलोग्राम तक होता है, लेकिन कई इलाकों में चयनित गायों ने 1,800 से 3,500 लीटर तक दूध उत्पादन किया है.

राजस्थान की इस गाय के पास है ‘कामधेनु’ का दर्ज, कम चारे में भी देती है मासिक 3,500 लीटर तक दूध का उत्पादन

राजस्थान की इस गाय के पास है ‘कामधेनु’ का दर्ज, कम चारे में भी देती है 3,500 लीटर तक दूध का उत्पादन

राजस्थान की राठी गाय को ही कामधेनु कहा जाता है. इस नस्ल को पौराणिक ग्रंथों में ऋषि-मुनिओं की गाय कहा गया है, जो कम चारे में भी रोजाना 6 से 8 लीटर बेस्ट क्वालिटी का दूध देती है.

राजस्थान की इस गाय के पास है ‘कामधेनु’ का दर्ज, कम चारे में भी देती है 3,500 लीटर तक दूध का उत्पादन

राजस्थान की रानी और कामधेनु के नाम से मशहूर राठी गाय

देश में गाय पालन का चयन बढ़ता जा रहा है. अब जैविक खेती और प्राकृतिक खेती करने वाले किसान भी गाय पालकर खेती की लागत को कम कर रहे हैं, साथ ही दूध बेचकर अच्छा मुनाफा भी कमा रहे हैं. भारत में दूध देने वाली देसी गाय की तमाम नस्लें मौजूद हैं.एक नस्ल ऐसी भी है, जिसे राजस्थान की रानी भी कहते हैं. इस गाय को कामधेनु की उपाधि की गई है. हम बात कर रहे हैं राठी गाय की, जिसकी उत्पत्ति को रेगिस्तान में हुई है, लेकिन बीकानेर, श्रीगंगानगर, जैसलमेर से लेकर पंजाब बॉर्डर तक अपनी रुतबा कायम किया है. राठी गाय को देसी नस्ल की सबसे सुंदर गाय भी कहते हैं. ये आकर्षक होने के साथ-साथ सहनशील भी है, जो कम चारे में ही अपना गुजारा कर लेती है और कम से कम 6 से 8 लीटर प्रति दिन तक दूध उत्पादन देती है. इसका ताल्लुक सीधा हमारे वेद-पुराणों में भी है.

क्यों मशहूर है राठी गाय

राठी गाय के ज्यादातर गुण साहीवाल गाय से मिलते हैं. राठी गाय की त्वचा बेहद आकर्षक होती है. मध्यम आकार की इस गाय के शरीर पर सफेद पैच के साथ काले और भूरे रंग के स्पॉट्स होते हैं, जो इसे बाकी गायों से अलग बनाते हैं. गाय की ये नस्ल का काफी मेहनती होती है. इस गाय का चेहरा चौड़ा और मध्यम आकार के घुमावदार सींग होते हैं.

इस गाय की पूंछ भी काफी लंबी होती है. 280 से 300 किलोग्राम वजन वाली राठी गाय हर तरह के तापमान और किसी भी इलाके में रह सकते हैं.

बेशक ये रोजाना 6 से 8 लीटर तक ही दूध देती है, लेकिन इसके दूध में 5% से भी अधिक फैट होता है.

इसकी डाइट का असर दूध उत्पादन पर बिल्कुल नहीं पड़ता. राठी गाय कम खा लेगी, लेकिन दूध उत्पादन बराबर मिलता रहेगा.

राठी नस्ल के बैल का वजन भी 350 से 459 किलोग्राम तक होता है, जो खेती-किसानी, माल-मालवाहक और कोल्हू चलाने में काम आता है.

राठी नस्ल के बैल दिन में लगातार 10 घंटे तक मेहनत कर सकते हैं.

कितना दूध देती है

कई रिपोर्ट्स में राठी नस्ल की गाय को लेकर अलग-अलग बात कही जाती है, लेकिन एक्सपर्ट्स यही बताते हैं कि ये गाय रोजाना 6 से 8 लीटर तक ही दूध देती है. बाकी इसकी डाइट पर निर्भर करता है. आप पशुओं को अच्छा हरा चारा और पशु आहार खिलाएंगे तो दूध का मात्रा के साथ क्वालिटी भी बेहतर हो जाती है.

राठी गाय की पहली ब्यांत 23 से 26 महीने की उम्र के बाद होती है. इस बीच राठी गाय 1560 किलो दूध का उत्पादन कर सकती है. राठी गाय का औसतन दूध उत्पादन 1062 से 2810 किलोग्राम तक होता है, लेकिन कई इलाकों में चयनित गायों ने 1,800 से 3,500 लीटर तक दूध उत्पादन किया गया है।

राजस्थानी लालगिर गाय का दुग्ध भी बेहद पोष्टिक और ताकतवर माना जाता है। परिणामस्वरूप लाल गिर गाय का दुग्ध 70 से 150 रुपए लीटर तक बिकता है। इसका दूध का घी.दो से तीन हजार रुपए किलो ग्राम का रेट मार्केट मे चल रहा है।

लाल गिर गाय बदल सकती है किसानों की किस्मत, 70 से 150 रुपए लीटर तक बिकता है दूध…दो से तीन हजार रुपए है घी का रेट बाजार मे है

गिर गाय को पहचानना बेहद आसान है. ये गाय लाल रंग की होती है, इनका माथा चौड़ा होता है, इनके कान काफी लंबे होते हैं, इनके सींग लंबे और घुमावदार होते हैं. गिर गाय के पीठ पर कूबड़ सा भी होता है जिससे आप इसे और भी आसानी से पहचान सकते हैं

 

सहर्ष सूचनार्थ नोट्स:-

उपरोक्त खबर में दी गई कुछ जानकारी गायपालक विशेषज्ञ किसानों और मीडिया रिपोर्ट्स पर आधारित है. किसान भाई, किसी भी सुझाव को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह जरूर लें। धन्यवाद

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