नागपूर में सड़कों पर आवागमन में बाधक बने मवेशियों का जमावड़ा

नागपूर में सड़कों पर आवागमन में बाधक बने मवेशियों का जमावड़ा

टेकचंद्र सनोडिया शास्त्री: सह-संपादक रिपोर्ट

 

नागपुर जिला अंतर्गत विधुत प्रकल्प प्रभावित कोराडी- महादुला परिसर में चारागाह नहीं होने से मवेशियों सडकों पर जूठन खाने के लिए भटकती रहती हैं।नैशनल हाईवे की सर्विस लेन सड़कों पर इन दिनों मवेशियों का जमघट लगा रहता है। बड़ी संख्या में मवेशी सड़कों पर दिन-रात भटकते व बैठे रहते हैं। इस कारण कई बार आवागमन अवरुद्घ हो जाता है। मवेशियों के कारण वाहन चालकों का मार्ग से निकलना मुश्किल हो जाता है। इसे लेकर कई बार लोगों ने शिकायत की गई, किंतु जिम्मेदार मवेशी पालक इस पर जरा भी ध्यान देने को तैयार नहीं है। इसके चलते नागरिक परेशानी उठाने को मजबूर हैं।

क्षेत्र के पशुपालकों की गैर जिम्मेदारी व हठधर्मिता के कारण नागरिकों को परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। पशुपालक गायों को भटकने के लिए खुला छोड़ देते हैं। इसके चलते बड़ी संख्या में गाएं नगर की गलियों व बाजारों में दिनभर घूमती रहती हैं। मार्ग के बीच में ही कहीं भी बैठ जाती हैं। इस कारण मार्ग बाधित हो जाता है। वाहन चालक हार्न बजाते रहते हैं, किंतु इन पशुओं पर इसका कोई असर नहीं होता है। कई बार ये पशु आपस में लड़ते भी हैं, जिसकी वजह से कई वाहनों को नुकसान हो जाता है। मार्ग से गुजरने वाले लोगों को घायल होना का डर रहता है। इसके अलावा दिनभर सड़कों पर घूमने वाली गायें जगह-जगह गंदगी भी करती हैं। क्षेत्र में इस समय सबसे बड़ी समस्या के रूप में यदि देखा जाए तो आवारा मवेशियों की है जो आपको हर एक हाईवे पर नजर आ जाती है जब भी हम हाईवे से जुड़े किसी गांव कस्बे शहर में प्रवेश करते हैं तो सबसे पहले आवारा मवेशी के झुंड से होकर गुजारना पड़ता है आए दिन हाईवे पर बैठी गाय किसी भी वाहन की चपेट में आकर जख्मी हो जाती है।पशु वैधकीय विशेषज्ञों के परामर्श अनुसार हाईवे पर जख्मी गाय व बछड़ों का इलाज करवाकर ठीक होने के बाद फिर चरने के लिए छोड दिया जाता है। गाय सड़क पर आकर ही आवारा मवेशियों की गिनती में आती है नहीं तो यह किसी न किसी का पालतू जानवर है क्योंकि शासन द्वारा इनका रजिस्ट्रेशन हुआ रजिस्ट्रेशन के रूप में गाय के कान में एक पीले कलर का कार्ड लगाया गया है और सड़क पर बैठी इन प्रत्येक गायों कानों में वह कार्ड लगे हुए हैं।

गोमाता पर नहीं देते ध्यान

जबकि हिंदू धर्म के अनुसार गौमाता में 36 कोटी देवी देवताओं विराजमान होने का दावा होता है, लेकिन इसके बावजूद भी आए दिन लोग गाय के झुंड में से ब्याने वाली गाय को लोग बांध लेते हैं और दूध ना देने पर दुध मुंहे बच्चे सहित गाय को सड़क पर भगा देते हैं जिसके कारण गाय एकत्रित होकर सड़क हाईवे पर विश्राम के लिए बैठ जाती है और हाइवे से गुजरने वाले वाहन की चपेट में आकर कई गाय की तो मौके पर ही मौत हो जाती है और कई गाय बच्चे जख्मी हो जाते हैं। यह जख्मी गाय कई दिनों तक इंसान के दिए हुए जख्म को लेकर दर दर बे सहारा भटकती रहती है। इनको सहारा देगा कौन वैसे देखा जाए तो शासन द्वारा भी कई गौशालाओं का निर्माण कराया गया लाखों करोड़ों रुपये खर्च किए गए इसके बावजूद हमारी गौ माता सड़क हाईवे पर दुर्घटनाओं का शिकार हो रही है।

सामाजिक कार्यकर्ता टेकचंद्र सनोडिया ने स्थानीय प्रशासन से मवेशियों के लिए चारागाह उपलब्ध करवाने की मांग की है।

About विश्व भारत

Check Also

देवेंद्र फडणवीस यांच्या मतदार संघातील १८ उमेदवारांचे अर्ज रद्द : काँग्रेसच्या प्रफुल्ल गुडधे…

उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस यंदाही नागपूर दक्षिण-पश्चिम विधानसभा मतदारसंघातून निवडणुकीच्या रिंगणात आहेत. २००९ मध्ये दक्षिण-पश्चिम विधानसभा …

नागपूर : कोराडी के शताब्दी बहुउद्देशीय संस्था अध्यक्ष रंगारी की तरफ से तीर्थाटन

नागपूर : कोराडी के शताब्दी बहुउद्देशीय संस्था अध्यक्ष रंगारी की तरफ से तीर्थाटन टेकचंद्र सनोडिया …

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *