भाग:255) श्री लंका पति रावण को हराकर अयोध्या लौटने पर हुआ मर्यादा पुरुषोत्तम श्रीराम का राजतिलक? टेकचंद्र सनोडिया शास्त्री: सह-संपादक रिपोर्ट श्रीलंका जीत के बाद वापस अयोध्याधाम लौटे मर्यादा पुरुषोत्तम श्रीराम का राजतिलक की तैयारियां शुरू हो गई। अयोध्या मे चारों तरफ खुशहाली छा गई है।14 वर्ष के वनवास के बाद विजय प्राप्त कर लंका से अयोध्या लौटने पर प्रभु …
Read More »(भाग:254) अयोध्यापुरी लौटे श्रीराम लखन और सीता माता का जोरदार स्वागत वन्दन और अभिनंदन। राम लीला मंचन
भाग:254) अयोध्यापुरी लौटे श्रीराम लखन और सीता माता का जोरदार स्वागत वन्दन और अभिनंदन। राम लीला मंचन टेकचंद्र सनोडिया शास्त्री: सह-संपादक रिपोर्ट इस अंक में हम आपको बताने जा रहे हैं कि मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान श्री राम ने रावण का वध करने के के बाद किस तरह से अयोध्या लौटे थे. रावण का वध करने से लेकर अयोध्या पहुंचने तक …
Read More »(भाग:253) श्रीलंका से मर्यादा पुरुषोत्तम श्रीराम लखन सिया चले वापस अयोध्याधाम की ओर। राम लीला मंचन
भाग:253) श्रीलंका से मर्यादा पुरुषोत्तम श्रीराम लखन सिया चले वापस अयोध्याधाम की ओर। राम लीला मंचन टेकचंद्र सनोडिया शास्त्री: सह-संपादक रिपोर्ट आश्विन माह में शुक्ल पक्ष की दसवीं तिथि को लंकापति रावण का वध करने के बाद श्रीराम कार्तिक अमावस्या के दिन अपने राज्य कौशलपुर वापिस लौट रहे थे। लंका से कौशल आने की अवधि में वे विभिन्न स्थानों पर …
Read More »300 वर्षानंतर महाशिवरात्रीला जुळून येतोय विशेष योग : मनोकामना होतील पूर्ण
हिंदू धर्मात महाशिवरात्रीला विशेष महत्त्व आहे. यावर्षी महाशिवरात्री 8 मार्च 2024 रोजी शुक्रवारी येत आहे. या दिवशी व्रत पाळण्याने व यथायोग्य पूजा केल्याने व्यक्तीला प्रत्येक क्षेत्रात यश प्राप्त होते आणि जीवनात सुख-समृद्धी प्राप्त होते. या दिवशी एक अत्यंत दुर्मिळ संयोग तयार होत आहे. असा योग सुमारे 300 वर्षांनंतर तयार होत आहे, ज्यामुळे काही राशीच्या लोकांवर भगवान शंकराची विशेष कृपा होईल. …
Read More »(भाग:253)सिर्फ बेदाग निष्कलंक और निष्पाप की सत्यता के लिए सीता माता को देनी पड़ी थी अग्नि परीक्षा
(भाग:253)सिर्फ बेदाग निष्कलंक और निष्पाप की सत्यता के लिए सीता माता को देनी पड़ी थी अग्नि परीक्षा टेकचंद्र सनोडिया शास्त्री: सह-संपादक रिपोर्ट रामायण में माता सीता के अग्नि परीक्षा देने की ऐसी मुख्य वजह जिसके बारे में आपने पहले नहीं सुना होगा। रामायण की कथा आप सभी ने सुनी या देखी होगी और ये रामायण प्रभु श्री राम और माता …
Read More »(भाग:252) हनुमान जी महाराज ने कंधे पर श्री राम लक्ष्मण को बैठाकर पर्वत शिखर पर पहुंचाया? रामलीला मंचन
भाग:252) हनुमान जी महाराज ने कंधे पर श्री राम लक्ष्मण को बैठाकर पर्वत शिखर पर पहुंचाया? रामलीला मंचन टेकचंद्र सनोडिया शास्त्री: सह-संपादक रिपोर्ट ऋष्यमूक पर्वत के नीचे प्रभु श्रीराम और लक्ष्मण जी का परिचय पाने के बाद हनुमान जी दोनों को अपने कंधों पर बैठाकर पर्वत शिखर पर ले गए और वानर राज सुग्रीव से मिलवाया था. उनके बीच मित्रता …
Read More »(भाग:251) श्रीलंका पति पं दशानन रावण महाराज का अंतिम संस्कार और विभीषण को राजतिलक। रामलीला मंचन
(भाग:251) श्रीलंका पति पं दशानन रावण महाराज का अंतिम संस्कार और विभीषण को राजतिलक। रामलीला मंचन टेकचंद्र सनोडिया शास्त्री: सह-संपादक रिपोर्ट श्री लंकापति प्रकाण्ड पं दशानन रावण महाराज का अंतिम संस्कार एक राजा की तरह किया गया. शास्त्रों के अनुसार विभीषण ने अपने भाई रावण की चिता को अग्नि दी और सिर झुकाकर उनके लिए प्रार्थना किया जिसके बाद मर्यादा …
Read More »(भाग:250) मर्यादा पुरुषोत्तम श्रीराम के हाथों दशानन रावण हुआ धराशाई? मंदोदरी कर रही विलाप! रामलीला मंचन
(भाग:250) मर्यादा पुरुषोत्तम श्रीराम के हाथों दशानन रावण हुआ धराशाई? मंदोदरी कर रही विलाप! रामलीला मंचन टेकचंद्र सनोडिया शास्त्री: सह-संपादक रिपोर्ट श्री लंकाकाण्ड में राम रावण युद्ध के बीच घनघोर युद्ध मेंञअतिशय शक्तिशाली और महा बलवान पं दशानन रावण महाराज धराशाई हो गया और खबर मिलते ही मंदोदरी कर रही है विलाप कि हे स्वामी आपने मेरी एक भी नहीं …
Read More »महान समाज सुधारक प्रेरणास्त्रोत थे संत गाडगे महाराज (जन्म दिवस पर विशेष)
महान समाज सुधारक प्रेरणास्त्रोत थे संत गाडगे महाराज (जन्म दिवस पर विशेष) टेकचंद्र सनोडिया शास्त्री: सह-संपादक रिपोर्ट इस भूमि पर कई महान संतों ने जन्म लिया है। इसी में से एक थे संत गाडगे जी महाराज, जिन्होंने पूरी उम्र शिक्षा, स्वच्छता एवं सामाजिक समरसता का ज्ञान दिया. उनका मानना था कि शिक्षा के लिए हो सके तो खाने के बर्तन …
Read More »भारतवर्ष के महान संत रविदासजी महाराज की संक्षिप्त जीवनीय
भारतवर्ष के महान संत रविदासजी महाराज की संक्षिप्त जीवनीय टेकचंद्र सनोडिया शास्त्री: सह-संपादक रिपोर्ट संत रविदास भारत में 15वीं शताब्दी के एक महान संत, दर्शनशास्त्री, कवि, समाज-सुधारक और ईश्वर के अनुयायी थे। वो निर्गुण संप्रदाय अर्थात् संत परंपरा में एक चमकते नेतृत्वकर्ता और प्रसिद्ध व्यक्ति थे तथा उत्तर भारतीय भक्ति आंदोलन को नेतृत्व देते थे। ईश्वर के प्रति अपने असीम …
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