Breaking News

बेटियों को सुयोग्य वर की प्राप्ति के लिए कीजिए मां कात्यायनी की पूजा-अर्चना और ध्यान

बेटियों को सुयोग्य वर की प्राप्ति के लिए कीजिए मां कात्यायनी की पूजा-अर्चना और ध्यान

टेकचंद्र सनोडिया शास्त्री:सह-संपादक की रिपोर्ट

नवदुर्गा के छठवें स्वरूप में माँ कात्यायनी की पूजा की जाती है. माँ कात्यायनी का जन्म कात्यायन ऋषि के घर हुआ था अतः इनको कात्यायनी कहा जाता है. इनकी चार भुजाओं मैं अस्त्र शस्त्र और कमल का पुष्प है , इनका वाहन सिंह है. ये ब्रजमंडल की अधिष्ठात्री देवी हैं, गोपियों ने कृष्ण की प्राप्ति के लिए इनकी पूजा की थी.
शारदीय नवरात्र में मां कात्यायनी की महिमा और पूजा -अर्चना और ध्यान साधना का प्रभाव।
नवदुर्गा के छठवें स्वरूप में माँ कात्यायनी की पूजा की जाती है. माँ कात्यायनी का जन्म कात्यायन ऋषि के घर हुआ था अतः इनको कात्यायनी कहा जाता है

नवदुर्गा के छठवें स्वरूप में माँ कात्यायनी की पूजा की जाती है. माँ कात्यायनी का जन्म कात्यायन ऋषि के घर हुआ था अतः इनको कात्यायनी कहा जाता है. इनकी चार भुजाओं मैं अस्त्र शस्त्र और कमल का पुष्प है , इनका वाहन सिंह है. ये ब्रजमंडल की अधिष्ठात्री देवी हैं, गोपियों ने कृष्ण की प्राप्ति के लिए इनकी पूजा की थी. विवाह सम्बन्धी मामलों के लिए इनकी पूजा अचूक होती है , योग्य और मनचाहा पति इनकी कृपा से प्राप्त होता है. ज्योतिष में बृहस्पति का सम्बन्ध इनसे माना जाना चाहिए. इस बार माँ कात्यायनी की पूजा 23 मार्च को की जाएगी.

इनकी पूजा से किस तरह की मनोकामना पूरी होती है?

– कन्याओं के शीघ्र विवाह के लिए इनकी पूजा अद्भुत मानी जाती है

– मनचाहे विवाह और प्रेम विवाह के लिए भी इनकी उपासना की जाती है

– वैवाहिक जीवन के लिए भी इनकी पूजा फलदायी होती है

– अगर कुंडली में विवाह के योग क्षीण हों तो भी विवाह हो जाता है

माता का सम्बन्ध किस ग्रह और देवी-देवता से है?

– महिलाओं के विवाह से सम्बन्ध होने के कारण इनका भी सम्बन्ध बृहस्पति से है

– दाम्पत्य जीवन से सम्बन्ध होने के कारण इनका आंशिक सम्बन्ध शुक्र से भी है

– शुक्र और बृहस्पति , दोनों दैवीय और तेजस्वी ग्रह हैं , इसलिए माता का तेज भी अद्भुत और सम्पूर्ण है

– माता का सम्बन्ध कृष्ण और उनकी गोपिकाओं से रहा है , और ये ब्रज मंडल की अधिष्ठात्री देवी हैं

कैसे करें माँ कात्यायनी की सामान्य पूजा?

– गोधूली वेला के समय पीले अथवा लाल वस्त्र धारण करके इनकी पूजा करनी चाहिए.

– इनको पीले फूल और पीला नैवेद्य अर्पित करें . इओ शहद अर्पित करना विशेष शुभ होता है

– माँ को सुगन्धित पुष्प अर्पित करने से शीघ्र विवाह के योग बनेंगे साथ ही प्रेम सम्बन्धी बाधाएँ भी दूर होंगी.

– इसके बाद माँ के समक्ष उनके मन्त्रों का जाप करें

शीघ्र विवाह के लिए कैसे करें माँ कात्यायनी की पूजा?

– गोधूलि वेला में पीले वस्त्र धारण करें

– माँ के समक्ष दीपक जलायें और उन्हें पीले फूल अर्पित करें

– इसके बाद 3 गाँठ हल्दी की भी चढ़ाएं

– माँ कात्यायनी के मन्त्रों का जाप करें

– मन्त्र होगा –

“कात्यायनी महामाये , महायोगिन्यधीश्वरी।

नन्दगोपसुतं देवी, पति मे कुरु ते नमः।।”

– हल्दी की गांठों को अपने पास सुरक्षित रख लें

माँ कात्यायनी की उपासना से कैसे बढ़ेगा तेज?

– माँ कात्यायनी को शहद अर्पित करें

– अगर ये शहद चांदी के या मिटटी के पात्र में अर्पित किया जाय तो ज्यादा उत्तम होगा

– इससे आपका प्रभाव बढेगा और आकर्षण क्षमता में वृद्धि होगी

About विश्व भारत

Check Also

वादग्रस्त कृषिमंत्री कोकाटे यांनी दिला राजीनामा : धनंजय मुंडे नवे कृषिमंत्री, मुख्यमंत्री नाराज

सतत शेतकऱ्यांच्या विरोधात विधाने केल्याने वादग्रस्त ठरलेले कृषिमंत्री माणिकराव कोकाटे हे आता विधान परिषदेत ऑनलाइन …

नागपूर मेट्रो स्टेशनला आग : प्रवासी..!

कोट्यवधी रुपये खर्च करून उभारण्यात आलेली नागपुरातील महामेट्रो स्थानके सुरक्षित नसल्याचे दिसून येत आहे. शुक्रवारी …

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *