असम सरकार ने गौमांस पर लगाया प्रतिबंध : कांग्रेस का विरोध
टेकचंद्र सनोडिया शास्त्री: सह-संपादक रिपोर्ट
गोवाहाटी।असम की भाजपा सरकार ने गौहत्या पर प्रतिबंध लगाया तो कांग्रेस ने इसका विरोध जताया है। सनद रहे कि सनातन हिन्दू धर्म मे गौमाता का बडा ही महत्व बताया है। हालक ये बताने की आवश्यकता नहीं है,दरअसल मे भारत में कई राज्यों में गौमांस पर प्रतिबंध हैं, अब असम में भी सार्वजनिक रूप से गौमांस भक्षण पर प्रतिबंध लगाया है लेकिन असम सरकार के इस निर्णय से कांग्रेस को परेशानी हो रही है और कांग्रेसी सांसद इसका विरोध कर रहे हैं.
कांग्रेस गौमांश बैन का विरोध क्यों कर रही है? किसे खुश करने के लिए कर रही है? कांग्रेस के लिए मुस्लिम वोट अधिक महत्वपूर्ण है इसलिए मुस्लिमों के लिए अधिक चिंतित रहती है, इन्हें बांग्लादेश में हिंदू नरसंहार की कोई चिंता नहीं लेकिन असम में गौमांस बैन क्या हुआ नंगे होकर नाचने लग गए हैं। क्या ऐसी कांग्रेस को वोट देने वाले कथित हिंदू वाकई हिंदू हैं…. ये आत्मांकलन का विषय है..
असम की बीजेपी सरकार ने गोमांस के इस्तेमाल पर प्रतिबंध लगा दिया है। मुख्यमंत्री हिमंता बिस्वा सरमा ने 4 दिसंबर 2024 को इसकी घोषणा की। उन्होंने बताया कि अब राज्य के रेस्तरां और होटलों में गोमांस परोसने पर प्रतिबंध लगा दिया गया है। सार्वजनिक जगहों और सार्वजनिक कार्यक्रमों में भी इसका इस्तेमाल नहीं कर सकेंगे।
राज्य कैबिनेट की बैठक में लिए गए फैसलों की जानकारी देते हुए उन्होंने यह बात कही। उन्होंने कहा कि गोहत्या को रोकने के लिए हम तीन साल पहले कानून लाए थे। इससे गोहत्या रोकने में काफी कामयाबी मिली है। अब यह निर्णय लिया गया है कि राज्य के होटल, रेस्तरा और सार्वजनिक जगहों पर गोमांस खाने और परोसने पर पाबंदी लगा दी गई है। उन्होंने कहा कि पहले यह मंदिर के 5 किलोमीटर के दायरे में गोमांस खाने पर प्रतिबंध लगा गया था। लेकिन अब इसे पूरे राज्य में लागू कर इसका दायरा बढ़ा दिया गया है।
असम सरकार ने गोमांस को प्रतिबंधित करने का यह फैसला ऐसे समय में किया है जब सामागुरी उपचुनाव के नतीजों के बाद इस मुद्दे पर बीजेपी और कॉन्ग्रेस के बीच जुबानी तकरार चल रही है। पिछले दिनों मुख्यमंत्री ने कॉन्ग्रेस को चुनौती देते हुए कहा था कि वह समर्थन दे तो उनकी सरकार राज्य में पूर्ण रूप से गोमांस पर पाबंदी लगा देगी।
असल में सामागुरी में बीजेपी की जीत के बाद कॉन्ग्रेस नेता रकीबुल हुसैन ने गोमांस बाँटने के आरोप लगाए थे। कहा था कि इसी कारण बीजेपी को इस सीट पर जीत मिली है। रकीबुल हुसैन पिछले लगभग ढाई दशक से सामागुरी से विधायक थे। लोकसभा चुनाव में वे धुबरी से सांसद बन गए थे। इसके बाद उपचुनावों में इस सीट से कॉन्ग्रेस ने उनके बेटे तंजील हुसैन को मैदान में उतारा था। लेकिन करीब 60 प्रतिशत मुस्लिम आबादी वाली इस सीट को कॉन्ग्रेस बचा नहीं सकी।
रकीबुल हुसैन के आरोपों पर मुख्यमंत्री सरमा ने पूछा था कि क्या कॉन्ग्रेस अब तक गोमांस बाँट कर सामागुरी में जीत रही थी? उन्होंने कहा था, क्या सामागुरी सीट गोमांस बाँट कर जीती जा सकती है। अगर ऐसा है तो क्या कॉन्ग्रेस अब तक सामागुरी सीट गोमांस बाँट कर जीत रही थी? कॉन्ग्रेस नेता रकीबुल हुसैन सामागुरी सीट को अच्छी तरह से जानते हैं, इसलिए उन्हें पता होगा।
साथ ही उन्होंने कहा था कि वे राज्य में गोमांस पर बैन लगाने को तैयार हैं, बशर्ते इसके लिए असम कॉन्ग्रेस अध्यक्ष रिपुन बोरा सहमत हों। उन्होंने कहा कि अगर रिपुन बोरा सहमत हों तो अगली विधानसभा की बैठक में ही गोमांस पर बैन लगा दिया जाएगा।
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