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जानिए बढ़ता मोटापा और अधिक मसलने से भी बन सकता है ब्रेस्ट कैंसर का कारण? ये हैं शुरुआती लक्षण

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जानिए बढ़ता मोटापा और अधिक मसलने से भी बन सकता है ब्रेस्ट कैंसर का कारण? ये हैं शुरुआती लक्ष

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टेकचंद्र सनोडिया शास्त्री: सह-संपादक रिपोर्ट

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भारत में ब्रेस्ट कैंसर के मामले हर साल बढ़ रहे हैं. अब कम उम्र की महिलाएं भी इस कैंसर का शिकार हो रही हैं. ब्रेस्ट कैंसर के अधिकांश मामले एडवांस स्टेज में ही आ रहे हैं. ब्रेस्ट कैंसर क्यों होता है और कम उम्र की महिलाएं इसका शिकार क्यों हो रही हैं. आइए इस कैंसर के बारे में डॉक्टरों से डिटेल में जानते हैं.

कम उम्र में महिलाओं को मोटापा और मसलन से भी हो रहा ब्रेस्ट कैंसर

 

एक समय था जब 50 साल से अधिक उम्र वाली महिलाओं में ब्रेस्ट कैंसर के केस आते थे, लेकिन अब स्थिति बदल गई है. अब 25 से 35 साल की उम्र में भी स्तन कैंसर के मामले बढ़ रहे हैं. अधिकतर मामलों में इस कैंसर के मामले एडवांस यानी आखिरी स्टेज में सामने आ रहे हैं. डॉक्टरों का कहना है कि महिलाओं में खराब लाइफस्टाइल, खानपान की बिगड़ी हुई आदतें और जेनेटिक कारणों से स्तन का कैंसर हो रहा है. लेकिन चिंता की बात यह है कि अब भी अधिकतर महिलाओं में इस कैंसर को लेकर जागरूकता की कमी है. इसके लक्षणों की जानकारी भी नहीं है.

सीके बिड़ला अस्पताल में सर्जिकल ऑन्कोलॉजी के निदेशक डॉ. मनदीप सिंह मल्होत्रा बताते हैं कि हाल के वर्षों में, ऑन्कोलॉजी के क्षेत्र में एक चिंताजनक और हैरान करने वाली प्रवृत्ति देखी गई है. अब युवा महिलाओं में स्तन कैंसर के केस तेजी से बढ़ रहे हैं. युवा महिलाओं में स्तन कैंसर के बढ़ने में योगदान देने वाला एक प्रमुख कारण जीवनशैली में बदलाव है. आज के समय में आधुनिक जीवनशैली, प्रदूषण, एक्सरसाइज न करना और भोजन की खराब आदतें इस कैंसर का बड़ा कारण हैं.

 

बढ़ता मोटापा भी कारण

डॉ. मल्होत्रा बताते हैं कि खराब भोजन और प्रोसेस्ड फूड की वजह से मोटापा बढ़ रहा है. अस्वास्थ्यकर आहार को मोटापे से जोड़ा गया है, जो स्तन कैंसर का एक कारण बनता है, इसके अलावा, आम घरेलू उत्पादों में पाए जाने वाले केमिकल का संपर्क कुछ प्रकार के स्तन कैंसर सहित हार्मोनल कैंसर के विकास में भूमिका निभा सकता है. ये केमिकल कैंसर का कारण बन सकते हैं.

बच्चा पैदा करने में देरी

बच्चे के जन्म में देरी करने का आजकल चलन बढ़ गया है. जो स्तन कैंसर के जोखिम को बढ़ाता है. बच्चे देरी से प्लान करने की वजह से स्तनपान की अवधि भी कम हो जाती है, जिसका स्तन कैंसर का रिस्क बढ़ जाता है.इसके अलावा, युवा महिलाओं में स्तन कैंसर में वृद्धि का कारण जेनेटिक भी है. जिन महिलाओं के परिवार में उनकी माता को ये कैंसर रहा है तो उनको 20 साल की उम्र के बाद ही अपनी स्क्रीनिंग शुरू करा देनी चाहिए.

ब्रेस्‍ट कैंसर से बचने के 5 उपाय उपचार

प‍िछले काफी वक्‍त से स्‍तन कैंसर के मामलों में इज़ाफा देखा जा रहा है। भारत में हर आठ में से एक महिला स्‍तन कैंसर का शिकार होती है। वैसे तो यह पुरूषों में भी होता है, लेकिन बहुत कम। घर के काम के साथ ऑफिस और उसके बाद बच्‍चे! आज कल की महिलाओं की जि़ंदगी इतनी उलझी रहती है कि उन्‍हें अपने ल‍िए वक्‍त ही नहीं मिल पाता। इन सब के बीच वह अपनी सेहत पर ध्‍यान नहीं दे पाती। महिलाओं में वैसे तो कई आम बीमार‍ियां हैं, जिनसे उन्‍हें अपनी रोजमर्रा की जीवन शैली के साथ न‍िपटना होता है। उनमें से एक स्‍तन कैंसर भी है।

ब्रेस्ट कैंसर का लोगो

दरअसल, लोग सजग बीमारी होने के बाद होते हैं, उसके पहले नहीं। यद‍ि हम किसी बीमारी से बचने के ल‍िए पहले से ही सतर्कता बरतें तो इससे हम अपने साथ-साथ दूसरों की परेशानी को भी दूर कर सकते हैं। हमारे जीवनकाल के दौरान कई ऐसे कारक होते हैं, जो स्तन कैंसर के खतरे को बढ़ा सकते हैं। इसके ल‍िए हमें खुद को और ज्‍यादा इसके प्रति एक्टिव रहने की ज़रूरत है। इस बीमारी का मुख्‍य कारण वैसे तो हमारी जीवनशैली और हेरिडिटी को माना गया है।

 

आज हम कुछ ऐसे बिंदुओं पर बात करेंगे, जिनसे आप अपने स्‍तन कैंसर के खतरों को कम कर सकते हैं। लेकिन इससे पहले हम स्‍तन कैंसर के बचाव के बारे में बात करें, हमें ये जानने की ज़रूरत है कि असल में यह क्‍या है?

स्तन कैंसर के खतरे को कम करने के लिए मैं क्या कर सकती हूं?

1- नियमित तौर पर शारीरिक व्यायाम करें

2- धूम्रपान और शराब का सेवन करने से बचें

3- 35 के बाद गर्भन‍िरोधक गोल‍ियां खाने से बचें, यदि आप धूम्रपान का सेवन भी करती हैं

4- स्‍तनपान

5- पौष्टिक आहार का सेवन करें

स्‍तन/ब्रेस्‍ट कैंसर क्‍या है?

स्‍तन कैंसर ऐसा कैंसर है जो हमारे स्‍तन से शुरू होता है। इसकी शुरूआत तब होती है, जब हमारी कोशिकाएं ज़रूरत से ज्‍यादा बढ़ने लगती है। स्तन कैंसर की कोशिकाएं एक ट्यूमर बनाती हैं जिसे एक्स-रे पर देखा जा सकता है या आप इसे एक गांठ के रूप में भी महसूस कर सकते हैं। स्तन कैंसर लगभग पूरी तरह से महिलाओं में होता है, लेकिन पुरुषों को भी स्तन कैंसर हो सकता है। सीधे शब्‍दों में समझें तो स्‍तन में किसी भी तरह की गांठ या सूज कैंसर का रूप ले सकता है। ऐसे में आपको सबसे पहले डॉक्‍टर से परामर्श लेने की ज़रूरत है। अगर इसके संकेतों के बारे में बात करे, तो आपको स्तन में गांठ, निप्पल के आकार या स्किन में बदलाव, स्तन का सख़्त होना, निप्पल से रक्त या तरल पदार्थ का आना, स्तन में दर्द, स्तन या निप्पल पर त्वचा का छीलना, अंडर आर्म्स में गांठ होना स्तन कैंसर के कुछ संकेत हैं।

 

स्‍तन कैंसर के प्रकार

1- इन्वेसिव डक्टल कार्सिनोमा – इसमें स्तन के ऊतक के अन्य भागों में कैंसर कोशिकाएं मिल्‍क डक्टस् में बाहर व‍िकसित होती हैं। इन्वेसिव कैंसर कोशिकाएं शरीर के अन्य भागों में भी फैल सकती हैं।

 

2- इन्वेसिव लोब्युलर कार्सिनोमा – कैंसर कोशिकाएं लोब्यूल्स से स्तन के ऊतकों तक फैलती हैं जो कि करीब होते हैं। ये इन्वेसिव कैंसर कोशिकाएं शरीर के अन्य भागों में भी फैल सकती हैं।

स्तन कैंसर के खतरे को कम करने के लिए मैं क्या कर सकती हूं?

र‍िसर्च की मानें तो ,अपनी जीवनशैली में बदलाव कर स्तन कैंसर के खतरे को कम किया जा सकता है। इस खतरे को कम करने के लिए ये टिप्‍स आपकी मदद कर सकते हैं। हम ये नहीं कहते कि ये हर एक महिला पर लागू होते हैं, लेकिन यह आपके स्‍वास्‍थ्‍य पर एक अच्‍छा प्रभाव डाल सकते हैं। आइए जानते हैं कि कैसे आप स्‍तन कैंसर के खतरे को कम कर सकते हैं:

व्यायाम करता हुआ एक परिवार

1- नियमित तौर पर शारीरिक व्यायाम करें

शारीरिक तौर पर एक्टिव रहकर आप स्‍तन कैंसर के खतरे को कम कर सकती हैं। आप प्रतिदिन कम से कम 30 मिनट की एक्‍सरसाइज करें या फिर घर के काम में अच्‍छे से एक्टिव रहें। यह आपके शरीर की चर्बी को गलाने में मदद करेगा। अपना वज़न हमेशा चेक करते रहें। ज्‍यादा मोटापा और वज़न दोनों ही हमारी सेहत के लिए नुकसानदायक होते हैं। इसल‍िए, अपने वज़न को कंट्रोल में रखें, यह ब्रेस्‍ट कैंसर का एक कारण है। खासतौर पर रजोनिवृत्ति (मासिक धर्म बंद होने के बाद) यदि आपका वज़न ज्‍यादा होता है, तो इसका खतरा बढ़ जाता है। दरअसल, फैट कोशिकाएं ही कैंसर संबंधी ट्यूमर या गांठ बढ़ाने के लिए ज़िम्मेदार होती हैं।

सिगरेट व शराब

2- धूम्रपान और शराब का सेवन करने से बचें

सिगरेट और शराब के सेवन का चलन आजकल महिलाओं में भी काफी आम है। आप कह सकते हैं कि महिलाओं में बढ़ते स्‍तन कैंसर का यह भी एक कारण है। यह स्‍तन कैंसर को बढ़ावा देता है। जो महिलाएं ड्रिंक करती हैं, उन्‍हें एक दिन में 1 से अधिक अल्कोहल ड्रिंक नहीं लेना चाहिए। आप कोशिश करें कि इसके सेवन से बचें। यही बात सिगरेट पर भी लागू होती है। ऐसा पाया गया है कि विशेष रूप से प्रीमेनोपॉज़ल महिलाओं में धूम्रपान स्‍तन कैंसर को बढ़ावा देता है।

गर्भनिरोधक गोलियों के साथ महिला

3- 35 के बाद गर्भन‍िरोधक गोल‍ियां खाने से बचें, यदि आप धूम्रपान का सेवन भी करती हैं

गर्भनिरोधक गोलियों के जोखिम और लाभ दोनों हैं। एक महिला की उम्र जितनी कम होती है, खतरा भी उतना ही कम होता है। वहीं, जब एक उम्र के बाद महिलाएं गर्भनिरोधक गोलियों का सेवन करती हैं, उनमें स्तन कैंसर का खतरा थोड़ा बढ़ जाता है। आप इन गोलि‍यों के सेवन को बंद करके इस खतरे को कम कर सकती हैं। गर्भनिरोधक गोलियों से स्ट्रोक और दिल के दौरे का खतरा भी बढ़ जाता है – खासकर उनमें अगर कोई महिला धूम्रपान करती है। यदि आप स्तन कैंसर के खतरे को रोकना चाहती हैं, तो आपके पास गर्भनिरोधक गोलियों के सेवन को बंद करने का एक बेहतर विकल्प है।

स्तनपान कराती हुई महिला

4- स्‍तनपान

स्तन कैंसर की रोकथाम में स्तनपान की अहम भूमिका होती है। आप जितने अधिक समय तक स्तनपान करेंगी, उतना अधिक समय पर आप इस खतरे का रोक पाएंगी। ज‍िन महिलाओं ने अपने बच्चे को स्तनपान करवाया है उनमें ब्रेस्ट कैंसर का खतरा उन महिलाओं की तुलना से पांच प्रतिशत कम होता है जिन्होंने अपने बच्चे को स्तनपान नहीं करवाया है।

पौष्टिक आहार के साथ महिला

5- पौष्टिक आहार का सेवन करें

ब्रेस्‍ट कैंसर से बचाव के लिए आप संतुल‍ित आहार का सेवन करें। अपने आहार में फल, जूस और हरी सब्जियों के सेवन को बढ़ाएं। कार्बोहाइड्रेट को अपनी डाइट में कम करें। इससे मोटापा बढ़ता है। आप बाहर का पैक्‍ड पेय पदार्थ, जैसे कि जूस और कोल्‍ड ड्रिंक का सेवन करने से बचें।

खासतौर पर वो महिलाएं ज‍िनके परिवार में स्‍तन कैंसर हो चुका है उन्‍हें सजग रहने की ज़रूरत है, इसलिए महिलाओं के लिए अपने परिवार के इतिहास को जानना महत्वपूर्ण है। यदि आपकी माँ या बहन को स्तन कैंसर या डिम्बग्रंथि कैंसर (ovarian cancer) हो चुका है, तो आपको स्तन कैंसर का खतरा अधिक हो सकता है। ऐसे में आपको डॉक्‍टर के परामर्श की ज़रूरत है।

 

मां का दुग्ध है अमृत समान

 

आयुर्विज्ञान के अनुसार मां का दुग्ध अमृत के समान माना गया है। परंतु आजकल अंधी वासनाओं के आवेश में आकर लोग ब्रैट को मसलते हैं, इससे स्तन कैंसर का कारण बन रहा है? इस संबंध में समाज की जागरूक महिलाओं ने अपने हसबैंड को स्पष्ट सलाह देनी चाहिए कि स्तन मे आपकी भावी और उत्तराधिकारी संतान के लिए अमृत तुल्य दुग्ध छुपा हुआ है। आयुर्विज्ञान के मुताबिक स्तनों को मसलने से स्‍तन के आंतरिक हिस्से की मांस पेशियां और रक्त वाहिनी कोशिकाएं प्रदूषित हो सकती हैं? प्रदूषित दुग्ध पान करने से बालक पोलियो ग्रस्त या अन्य प्राणघातक बीमारी के प्रकोप से बच्चा और जच्चा के भविष्य खतरा हो सकता है।

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