नागपुर लोकसभा सीट से प्रियंका गांधी का नाम रद्ध करवाने में ‘अस्तीन के सांप कांग्रेसी’!

 

टेकचंद्र सनोडिया शास्त्री:सह-संपादक की रिपोर्ट Mo• 982255022

नागपुर। कांग्रेस के ईमानदार प्रवक्ताओं सहित अन्य दमदार नेताओं ने मुख्यालय को पत्र भेजकर राष्ट्रीय महासचिव प्रियंका गांधी को नागपुर से उम्मीदवार बनाने की मांग की थी। नागपुर में कांग्रेस उम्मीदवारी टिकट को लेकर जारी विवाद कई दिनों से चल रहा है? पता चला कि कांग्रेस मुख्यालय मे कांग्रेस हाईकमान ने अस्तीन के सांप किस्म के नेता और पीए पाल रखे हैं? जिनके मुंह मे कांग्रेस और पेट में जय जय मोदी और हर हर मोदी के विचार अधिक फल फूल रहे है? उदाहरण के तौर पर तत्कालीन कट्टर कांग्रेसी नेता और पूर्व संसद माननीय दस्ताभाऊ मेघे साहब ने कभी कांग्रेस हाईकमान की सराहना नहीं की और कांग्रेस विरोधी भाजपा नेताओं की अनियमिता ओर भ्रष्टाचार के खिलाफ भाषणबाजी किया नहीं? वही पूर्व संसद दत्ताभाऊ परिवार के करीबी कांग्रेस के नागपुर जिलाध्यक्ष राजेंद्रबाबू मुलक कांग्रेस के हित में और कांग्रेस विरोधी दलों के खिलाफ भाषण देने से परेज करते हैं?
ज्ञातव्य है कि तत्कालीन कांग्रेस पार्टी के कांग्रेस पार्टी के कामठी विधान सभा उम्मीदवार राजेंद्र बाबू मुलक ने चुनाव जीतकर भी अपनी हार स्वीकार कर लिया था। कहते हैं कि उक्त चुनाव में राजेंद्र बाबू मुलक ने भाजपा उम्मीदवार को जिताने मैं बहुत बडा त्याग किया है? इसीलिए कांग्रेस के नागपुर जिलाध्यक्ष राजेंद्रभाऊ मुलक कांग्रेस के कट्टर विरोधी दल के नेताओं के भ्रष्टाचार के खिलाफ बोलने से हिचकिचाहट और परेज करते है।
उल्लेखनीय है कि कांग्रेस के तत्कालीन केंद्रीय सौर्य ऊर्जा राज्य मंत्री श्री विलासराव मुत्तेमवार ने कांग्रेस की सभा को संबोधित किया था कि कांग्रेस मुख्यालय ने राजेंद्र बाबू मुलक को महत्वपूर्ण जिम्मेदारी का पद सौंपा है इसे बखूबी निभाना चाहिए अन्यथा आप अपनी मन पसंदीदा पार्टी मे जा सकते हैं? महाराष्ट्र राज्य भर मे व्याप्त चर्चाओं के मुताबिक भाजपा के केंद्रीय विमानन मंत्री माननीय ज्योतिरादित्य सिंधिया के नेतृत्व में कांग्रेस के हजारों कार्यकर्ताओं और नेताओं के साथ भारतीय जनता पार्टी मे प्रवेश करने की तैयारी हैं? समझदारों को इशारा ही काफी है। नागपुर विदर्भ महाराष्ट्र का मुश्लिम मतदाता और तमाम जनता-जनार्दन प्रियंका गांधी को नागपुर सीट से लोकसभा चुनाव जिताकर प्रधानमंत्री के रूप में देखना पसंद कर रहे हैं।

सर्वेक्षण के मुताबिक विगत 2013- 2014 के दौरान प्रियंका गांधी की चाची श्रीमती मेनका गांधी और चचेरे भाई युवा नेता वरुण गांधी के दूरदर्शी सुझावों पर प्रियंका गांंधी ने सारे मत भेद भुलाकर पूरा परिवार एकत्रित मिलजुलकर रहने का मन बना लिया था? परंतु नागपुर के एक कट्टर RSS प्रणीत भाजपा के कद्दावर नेता ने आतंकवादियों को कांग्रेस का दामाद कहकर देश की मतदाता जनता-जनार्दन चौंका दिया था! परिणामत: प्रियंका गांधी और उनकी मां सोनिया गांधी के ह्रदय व्यथा हूई, गर्म सूई की चुभन जैसा घाव ह्रदयांचल में घाव पैदा कर रहा है। नतीजतन गांधी परिवार पर पुन: खटास के बादल मंडराने लगे? परिणामस्वरूप कांग्रेस की महिला नेता सोनिया गांधी ने इस अपमान का बदला लेने की ठान ही लिया और इसी उद्देश्य से उन्होने “भाजपा को भगवा आंतकवादी” कहकर देश को चकाचौंध मे डाल दिया था?
ज्ञातव्य है कि राजनैतिक ज्योतिष विशेषज्ञों की माने तो 2024 यह सम अंक आंकडे वाला वर्ष सत्ता परिवर्तन की सूचना को इशारा करता है? उधर कांग्रेस को विजयश्री दिलाने के लिए पवित्र-पुण्य स्थलों के गुप्त स्थानों में सिद्ध कालभैरव, दश महाविधा पाठ और चौंसठ योगियों का हवन यज्ञ अनुष्ठानों की तैयारियों में है! सूत्रों की माने तो कांग्रेस के कट्टर विरोधी दल की अभद्र और खुन्नसखोरी नीतियों से तंग आकर श्रीमती सोनिया गांधी परिवार को बेहद मानसिक परेशानियों का सामना करना पड रहा है?
बताते हैं कि कांग्रेस के शासन काल में बिरोधी पक्ष के नेताओं ने आसमान छूती मंहगाई और भ्रष्टाचार के खिलाफ देश भर मे जोरदार आंदोलन चलाया था? परिणामत: तत्कालीन कांग्रेस को सरकार चलाना मुश्किल कर दिया था?बुद्धिजीवी और जागरूक लोगों का मानना है कि वर्तमान परिवेश में कांग्रेस विरोधी दल की सत्ता कायम हैं। अब क्या वर्तमान सत्ताधीशों को मंहगाई और भ्रष्टाचार नहीं दिख रहा है? इस संबंध में प्रकाण्ड विद्वानों का मानना है कि अब क्या मंहगाई और भ्रष्टाचार मामले पर इनके मुंह में लकबा (पक्षाघात) माऊथ पिरालेसेस मार गया है क्या?

वरिष्ट कांग्रेसियों की माने तो नागपुर उपराजधानी ग्रामीण और शहर कांग्रेस में जारी गुटबाजी को खत्म करने के लिए स्थानीय कांग्रेस नेताओं ने एक अनूठा तरीका खोजा था। लोकसभा चुनाव के लिए नागपुर से उछल रहे अनेक नामों के बीच एक और नाम सामने आया है। शहर कांग्रेस की ओर से राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी को भेजे गए पत्र में राष्ट्रीय महासचिव प्रियंका गांधी को नागपुर से उम्मीदवार बनाने की मांग की है।
विगत माह केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने अपने वक्तव्य मे कह दिया कि वे बैनर कटआऊट नही लगाएंगे और किसी को कोई चाय नास्ता भी नहीं कराएंगे और वे पांच लाख अधिक वोटों से चुनकर आयेंगे की खबर सोसल मीडिया मे जमकर वायरल हो रही है? परिणामत: इसका भरपूर फायदा कांग्रेस प्रियंका गांधी को RSS के गढ नागपुर लोकसभा से चुनाव मैदान मे उतार कर फायदा उठाने के प्रयास में है?
हालही नेता कांग्रेस के महाराष्ट्र विधानसभा प्रतिपक्ष बेडेट्टीवार राहुल गांधी अच्छे वक्ता नहीं है के बयान से स्पष्ट हो गया कि प्रधानमंत्री पद की दौंड मे फुदक रहे राहुल वास्तव में नाकामयाब साबित है? यदि गलती से राहुल गांधी PM बनते हैं तो वह अपने कट्टर विरोधियों को रस्सी से टैक्टर में बांधकर कच्छ भुज्ज य भरुच गुजरात के दल दल घसीटने को मजबूर करवा देगा? रहा सबाल प्रियंका गांधी तो वह काफी समझदार और शांतप्रिय विद्धान महिला हैं। इस नाते वह ऐसा कदापि नही होने देगी? कांग्रेस के राष्ट्राध्यक्ष मल्लिकार्जुन खडगे और NCP चीफ शरदचंद्र पवार भी अपने कट्टर विरोधियों को सिर पटक पटकर रोते और बिलखते हुए देखना पसंद कर रहे है? परंतु यह भी सत्य है कि भावी प्रधानमंत्री प्रियंका गांधी सत्तासीन हूई तो वह अपनी दादी पूर्व PM इंदिरा गांधी और पूर्व PM पिता राजीव गांधी की हत्या के मुख्य जिम्मेवार लोगों की टीम को अच्छा खासा सबक सिखाए बगैर नहीं रहेगी? इतना ही नहीं अपनी मां सोनिया गांधी का सरेआम घिनौना अपमान करने वालों को बख्सेगी नहीं?सूत्रों के मुताबिक जिसे लेकर NCP चीफ शरदचंद्र पवार के अभि से पसीने छूट रहे हैं?

बताते हैं कि वरिष्ठ कांग्रेसियों ने राहुल को भी पत्र यह लिखा है: आगामी चुनाव को पार्टी के लिए महत्वपूर्ण बताते हुए नागपुर का गढ़ बचाने प्रियंका गांधी को नागपुर शहर से उतारने की मांग की गई है। इसे कांग्रेस की गुटबाजी खत्म करने के लिए महत्वपूर्ण माना गया है। शहर कांग्रेस प्रवक्ता व महासचिव संदेश सिंगलकर ने राष्ट्रीय अध्यक्ष को भेजे पत्र में यह मांग की है।
पत्र में कहा गया है,?”कांग्रेस का गढ़ रहा नागपुर पिछले कुछ सालों में गुटबाजी के कारण ढह गया है। 2014 के चुनाव में कांग्रेस को पराजय का सामना करना पड़ा है। 2014 से 2018 के बीच गुटबाजी में कोई सुधार नहीं हुआ है। आगामी 2019 का चुनाव कांग्रेस के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण है। गढ़ बचाना है तो नागपुर शहर से प्रियंका गांधी को उम्मीदवारी दी जाए। कांग्रेस के सभी गुट उनकी जीत के लिए एकजुट होंगे और शहर में गुटबाजी खत्म होगी।\”
ऐसा रहा है नागपुर का इतिहास: विदर्भ एक समय कांग्रेस का गढ़ रहा है, खासकर नागपुर। आपातकाल के समय जब कांग्रेस पूरे देश में परास्त हुई थी तो उस समय भी नागपुर ने कांग्रेस को जितवाया था। ऐसे में कांग्रेस के लिए नागपुर का महत्व और बढ़ गया है, लेकिन पिछले लोकसभा चुनाव में मोदी लहर में नागपुर सहित पूरा विदर्भ साफ हो गया। फिलहाल केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी की मजबूत दावेदारी के सामने कांग्रेस को नागपुर में सक्षम नेतृत्व की कमी खल रही है।
लोकसभा के लिए इनके नाम की चर्चा: विलास मुत्तेमवार, विकास ठाकरे, प्रफुल गुडधे, गेव आवारी, नाना पटोले सहित अनेक नाम नागपुर लोकसभा उम्मीदवारी के लिए सामने आए हैं। इसके लिए ठाकरे और राऊत समर्थक दिल्ली में अपनी-अपनी ताकत लगाए हुए हैं। पूछे जाने पर कि वर्तमान परिवेश में अधिकांश कांग्रेसी नेता भाजपा मे प्रवेश कर लिया है? कांग्रेस तो खत्म होने की कगार पर है? इस पर विद्धान कांग्रेसियों का मानना है कि कांग्रेस की सडांध और सरफिरे दिवालिया खोर ED और सीबीआई के भय से कांग्रेस छोडकर PM मोदी के दल मे जा रहे होंगे?

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